भारत की कृषि से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz (Set-2)

भारत की कृषि (Agriculture) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की कृषि समान्य ज्ञान

व्याख्या: रेशम के सर्वाधिक उत्पादन में भारत द्वितीय स्थान पर है, साथ ही विश्व में भारत रेशम का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी हैं। यहां घरेलू रेशम बाजार की अपनी सशक्त परम्परा एवं संस्कृति हैं। भारत में शहतूत रेशम का उत्पादन मुख्यतया कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू व कश्मीर तथा पश्चिम बंगाल में किया जाता है जबकि गैर-शहतूत रेशम का उत्पादन झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों में होता हैं।

व्याख्या: चीन के बाद फल उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है तथा विश्व के कुल उत्पादन में भारत की लगभग 10 प्रतिशत भागीदारी हैं। हमारा देश आम, केला, चीकू तथा नीम्बू प्रजाति के फलों के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर हैं।

व्याख्या: भारतमें कृषि के अंतर्गत सब्जी उत्पादन एक प्रमुख स्थान रखता हैं। चीन के बाद भारत ही मात्र में सबसे ज्यादा सब्जी की पैदावार होती हैं। सब्जी उत्पादन क्षमता लगभग 17.62 मिलियन टन हैं। 9205 हैक्टेयर में सब्जी उगाई जाती हैं।

व्याख्या: वर्ष 2014-18 के बीच देश में नारियल की खेती में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, इसी का परिणाम है कि अब भारत नारियल के उत्पादन और उत्पादकता में विश्व में अग्रणी राष्ट्र बन गया हैं। भारत में नारियल उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान केरल राज्य का हैं। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नारियल उत्पादक देश हैं।

व्याख्या: भारत का पश्चिम-बंगाल सबसे बड़ा जूट का उत्पादक हैं। पश्चिम बंगाल भारत का लगभग 70% जूट उत्पन्न करता हैं। यहाँ 4 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर जूट की कृषि की जाती हैं। कूच बिहार, चौबीस-परगना, दिनाजपुर जिलों में अधिक जूट उगाया जाता हैं।

व्याख्या: भारत में वृहत्त पैमाने पर जूट की खेती हुगली नदी घाटी क्षेत्र में की जाती हैं।

व्याख्या: दार्जिलिंग चाय दुनिया की सबसे महंगी और ख़ुश्बूदार चाय मानी जाती हैं। यहाँ वर्ष 1956 में चाय की खेती ने ज़ोर पकड़ा और अब इस पर्वतीय इलाके में ऐसे क़रीब 86 बागान हैं जहाँ चाय तैयार की जाती हैं। हज़ारों लोग इन पत्तियों को चाय के बागानों से चुनकर कारखानों तक पहुँचाते हैं.

व्याख्या: असम मे एक बड़े पौधों के पत्ते से काली चाय का उत्पादन होता हैं। असम विश्व का सबसे बड़ा चाय उत्पादक क्षेत्र है, जो ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित हैं। असम की उष्णकटिबंधीय जलवायु वाली चाय को दुनिया में सबसे अच्छी चाय के रूप मे जाना जाता हैं। असम भारत में देशी चाय के पौधे का एकमात्र क्षेत्र है और चीन के दक्षिणी क्षेत्र के बाद इसका दुनिया में दूसरा स्थान हैं।

व्याख्या: भारत में सोयाबीन की व्यावसायिक खेती 1970 के दशक के प्रारम्भ में शुरु हुई थी। विगत्. लगभग 45 वर्षों में देश में सोयाबीन के क्षेत्रफल तथा उत्पादन में निरंतर वृद्धि हुई है तथा सोयाबीन देश. में प्रमुख तिलहनी फसल हैं। भारत में सर्वाधिक सोयाबीन की खेती का क्षेत्रफल मध्य प्रदेश में हैं।

व्याख्या: उत्तर प्रदेश गन्ना का सबसे बड़ा उत्पादक हैं। गन्ना एक लंबी अवधि, उच्च पानी (750-1200 मिमी रेंज वर्षा आवश्यक) और उच्च पोषक तत्व की मांग करने वाली फसल हैं। ब्राजील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादकदेश हैं।

व्याख्या: थाईलैंड, इण्डोनेशिया, मलेशिया, भारत, चीन तथा श्रीलंका प्रमुख उत्पादक देश हैं। भारत का विश्वउत्पादन में चौथा स्थान है परन्तु घरेलु खपत अधिक होने के कारण यह रबर का आयात करता हैं। भारत के केरल राज्य में रबर का सबसे अधिक उत्पादन होता हैं। इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं – केरल, तमिलनाडु तथा कर्नाटक।

व्याख्या: खरीफ फसलों में धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूँग, मूँगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास प्रमुख हैं।

व्याख्या: जायद कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि उत्पादन वृद्धि हेतु उपलब्ध संसाधनों का समुचित एवं सामयिक उपयोग परम आवश्यक हैं। आश्वस्त सिंचन सुविधा सम्पन्न क्षेत्रों में जायद में खेत की उपयुक्तानुसार मूंग, उर्द,चेना,सूरजमुखी,मक्का,धान,हरा चारा, साग-सब्जी तथा हरी खाद की फसले ली जाती हैं। इससे प्रति इकाई क्षेत्र में उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ सिंचाई साधनों का भरपूर उपयोग होता हैं।

व्याख्या: 1966 के बाद की अवधि के दौरान खाद्यान्नों विशेषत: गेहूं के उत्पादन में बहुत वृद्धि हुई थी। भारत में हरित क्रांति की शुरुआत साल 1966-67 में हुई थी। हरित क्रांति के बाद देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई।

व्याख्या: नीली क्रांति - नील क्रांति मिशन का उद्देश्‍य देश तथा मछुआरों एवं मछली किसानों की आर्थिक समृद्धि प्राप्‍त करना तथा जैव सुरक्षा एवं पर्यावरणीय सरोकारों को ध्‍यान में रखते हुए संपोषणीय ढंग से मछली पालन विकास के लिए जल संसाधनों की पूर्णक्षमता के उपयोग के माध्‍यम से खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में योगदान देना हैं। इसमें मछली पालन क्षेत्र के बदलाव, अधिक निवेश, बेहतर प्रशिक्षण और अवसंरचना के विकास की परिकल्‍पना है

व्याख्या: भारत की प्रमुख वाणिज्य फसलें, कपास, जूट, गन्ना, चाय, कॉफ़ी, रबर, मसाले, आलू, मक्का आदि हैं। नगदी या वाणिज्यिक फसल उसे कहते हैं, जिसे किसान संरक्षित न करने तुरंत खेल में ही बेच लिया करते हैं।

व्याख्या: भारत का विश्व दूध उत्पादन में पहला स्थान हैं। विश्व के कुल दूध उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत लगभग भारत में उत्पादित होता हैं। इससे पहले सबसे अधिक दूध उत्पादन करने की फेहरिस्त में पहला नाम अमेरिका का आता था। भारत में दूध उत्पादन 2015-16 में 155.5 मिलियन मीट्रिक टन पर पहुंच गया।

व्याख्या: दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में बोई जाने वाली फसलें खरीफ या मानसून की फसलें कहलाती हैं। ये फ़सलें मौसम की शुरुआत में मई के अंत से लेकर जून की शुरुआत तक बोई जाती हैं और अक्टूबर में शुरू होने वाली मानसून की बारिश के बाद काटी जाती हैं। चावल, मक्का, दालें जैसे उड़द, मूंग दाल और बाजरा प्रमुख खरीफ फसलों में से हैं।

व्याख्या: ऑपरेशन फल्ड या धवल क्रान्तिविश्व के सबसे विशालतम विकास कार्यक्रम के रूप मे प्रसिद्ध हैं। सन् 1970 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा शुरु की गई योजना ने भारत को विश्व मे दुध का सबासे बढा उत्पादक बना दिया। इस योजना की सफलता के तहत इसे 'श्वेत क्रन्ति' का पर्यायवाची दिया गया। 

व्याख्या: यह क्रांति वर्ष 1986-1987 में सरसों और तिल जैसे खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए शुरू की गई थी। यह आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए थी और इसे पीत क्रांति कहा गया। पीली क्रांति मुख्य रूप से नौ तिलहनों पर लक्षित है जो मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, कुसुम, तिल, सूरजमुखी, नाइजर, अलसी और अरंडी हैं। इसके अग्रदूत पुर्तगाली हैं। भारत में इस क्रांति के जनक सैम पित्रोदा हैं।


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