भारत की जनजातियाँ से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz (Set-1)

भारत की जनजातियाँ (Tribes of India से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की जनजातियाँ समान्य ज्ञान

व्याख्या: पनियान तथा इरूला जनजातियाँ तमिलनाडू राज्य में निवास करती है।ईरुला यह शब्द तमिल भाषा के ईरुल (=श्याम) शब्द से निकला है। दक्षिण भारत में नीलगिरि की पहाड़ियों पर निवास करनेवाली एक अत्यधिक श्यामवर्ण आदिम जाति का नाम ईरुला है।

व्याख्या: अरुणाचल प्रदेश के 63 प्रतिशत निवासी 19 प्रमुख जनजाति तथा 85 अन्य जनजातियों से हैं, शेष 35 प्रतिशत जनसंख्या आप्रवासी हैं, जिनमें से 31,000 बंगाली, बोड़ो, हजोन्ग, बंगला देश से आये चकमा शरणार्थी और असम, नागालैंड और भारत के अन्य भागों से आये प्रवासी हैं। सबसे बड़ी जनजातियों में गालो, निशि, खम्ति, मोंपा, दफला, सिंहपो और अपातनी प्रमुख रूप से हैं।

व्याख्या: लेपचा (जनजाति), जिसे रोंग भी कहते हैं। यह पूर्वी नेपाल, पश्चिमी भूटान,तिब्बत के कुछ क्षेत्र तथा भारत के सिक्किम और पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के प्रमुख निवासी हैं। भूटिया हिमालयी लोग हैं, जो नौंवी शताब्दी या बाद में तिब्बत से दक्षिण की ओर उत्प्रवास करने वाले माने जाते हैं। इस जनजाति के लोगों को 'भोटिया' या 'भोट' और 'भूटानी' भी कहलाते हैं। ये लोग अधिकांशत: पहाड़ी स्थानों पर ही रहते हैं। भूटिया जनजाति के लोग पर्वतीय ढलानों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर खेती करते हैं। ये दलाई लामा को अपने आध्यात्मिक नेता के रूप में मानते हैं।

व्याख्या: ओंग अंडमान की जनजाति है और इस जनजाति को सरकार द्वारा संरक्षण प्राप्त है और ये जनजाति लिटिल अंडमान में रहते हैं. परंपरागत रूप से शिकारी, वे भारत के अनुसूचित जनजाति के रूप में नामित हैं। पोर्ट ब्लेयर से लगभग 145 किलोमीटर दूर लिटिल अंडमान का साउथ बे और डिगॉन्ग क्री इलाका ओंगियों के लिए सुरक्षित है और यहां आम लोगों का जाना मना है।

व्याख्या: सहरिया भारत की एक प्रमुख जनजाति है। ये जनजाति मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के मध्य भारत के पठार में निवास करती है। यह जनजाति राजस्थान के बारन जिले में भी पाई जाती है। ये राजस्थान की एकमात्र आदिम जाति है।

व्याख्या: डोगरी भारत के जम्मू और कश्मीर प्रान्त में बोली जाने वाली एक भाषा है। वर्ष 2004 में इसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है। पश्चिमी पहाड़ी बोलियों के परिवार में, मध्यवर्ती पहाड़ी पट्टी की जनभाषाओं में, डोगरी, चंबयाली, मडवाली, मंडयाली, बिलासपुरी, बागडी आदि उल्लेखनीय हैं।

व्याख्या: मुंडा भारत की एक जनजाति है, जो मुख्य रूप से झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र में निवास करता है। झारखण्ड के अलावा ये बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा आदि भारतीय राज्यों में भी रहते हैं। इनकी भाषा मुंडारी आस्ट्रो-एशियाटिक परिवार की एक प्रमुख भाषा है। उनका भोजन मुख्य रूप से धान, मड़ूआ, मक्का, जंगल के फल-फूल और कंध-मूल हैं। वे सूत्ती वस्त्र पहनते हैं। महिलाओं के लिए विशेष प्रकार की साड़ी होती है, जिसे बारह हथिया (बारकी लिजा:) कहते हैं। 

व्याख्या: भील मध्य भारत की एक जनजाति है। भील जनजाति के लोग भील भाषा बोलते है। भील, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक अनुसूचित जनजाति है, अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी भील पूर्वजों के वंशज हैं।

भील त्रिपुरा और पाकिस्तान के सिन्ध के थारपरकअर जिले में भी बसे हुये हैं। राजस्थान में भील ज्यादातर निवास करते हैं यह लोग यहां पर शौर्य के प्रतीक जो अपने बलिदान देने में पीछे नहीं हटते ही यहां पर आ राणा पूंजा भील को याद किया जाता है जिसने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर मुगलों के छक्के छुड़ा दिए।

व्याख्या: कुकी मंगोली नस्ल की एक वनवासी जाति है जो असम और अराकान के बीच लुशाई और काचार जिले में रहती है। इनको चिन, जोमी, मिजो (मिज़ोरम में) भी कहते हैं। कूकी लोग भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों, उत्तरी म्याँआर, बंगलादेश के चित्तग्राम पहाड़ियों पर निवास करते हैं। भारत में अरुणाचल प्रदेश को छोडकर वे सभी उत्तरपूर्वी राज्यों में पाये जाते हैं।

व्याख्या: मेघालय की जनजातियों में मोटे तौर पर गारो, खासी और जयंतिया की जनजातियाँ शामिल हैं, जो कि कोख, भोई, युद्ध, हाइनेविट्रेप, अचिक, लाबांग, नागफिलट्स और नागटुंग जैसे कई और आदिवासी समुदायों के साथ हैं। गारो मुख्य रूप से दक्षिण गारो हिल्स जिले में पाई जाती हैं।

व्याख्या: गोंड मध्य प्रदेश की सबसे महत्त्वपूर्ण जनजाति है, जो प्राचीन काल के गोंड राजाओं को अपना वंशज मानती है। यह एक स्वतंत्र जनजाति थी, जिसका अपना राज्य था और जिसके 52 गढ़ थे। गोंडों की लगभग 60 प्रतिशत आबादी मध्य प्रदेश में निवास करती है। शेष आबादी का अधिकांश भाग 'संकलन',

व्याख्या: कुकी मंगोली नस्ल की एक वनवासी जाति है जो असम और अराकान के बीच लुशाई और काचार जिले में रहती है। इनको चिन, जोमी, मिजो (मिज़ोरम में) भी कहते हैं। कूकी लोग भारत के उत्तरपूर्वी राज्यों, उत्तरी म्याँआर, बंगलादेश के चित्तग्राम पहाड़ियों पर निवास करते हैं। भारत में अरुणाचल प्रदेश को छोडकर वे सभी उत्तरपूर्वी राज्यों में पाये जाते हैं।

व्याख्या: गोंड समुदाय, भारत की एक प्रमुख जातीय समुदाय हैं। भारत के कटि प्रदेश - विंध्यपर्वत, सतपुड़ा पठार, छत्तीसगढ़ मैदान में दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम - में गोदावरी नदी तक फैले हुए पहाड़ों और जंगलों में रहनेवाली आस्ट्रोलायड नस्ल तथा द्रविड़ परिवार की एक जाति, जो संभवत: पाँचवीं-छठी शताब्दी में दक्षिण से गोदावरी के तट को पकड़कर मध्य भारत के पहाड़ों में फैल गई।

व्याख्या: भोटिया उत्तराखंड की एक प्रमुख जनजाति है,जो जो उत्तराखंड और तिब्बत के सीमावर्ती हिमालय की घाटियों में रहती है। ये खानाबदोश लोग ग्रीष्म ऋतु में बुगयाल (ऊंचाई पर स्थित घास के मैदान) में चले जातें है और शरद ऋतु में वापस घाटियों में लौट आते है।

व्याख्या: चेंचू जनजाति आंध्र प्रदेश के नागार्जुन श्रीशैलम क्षेत्र में वन्यजीव के संरक्षण से संबंधित है। चेंचू जनजाति दक्षिण भारत की सबसे बड़ी जनजाति है। चेंचू जनजाति चेंचू भाषा बोलती है। एक और ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस जनजाति में विधवा-विवाह को बुरा नहीं माना जाता है।

व्याख्या: उरांव जाति के लोग झारखंड राज्य के छोटा नागपुर क्षेत्र के आदिवासी हैं। ये लोग स्वयं को 'कुरूख' कहते हैं और गोंडी तथा मध्य भारत की अन्य आदिम भाषा जैसी द्रविड़ भाषा बोलते हैं।

व्याख्या: टोडा जनजाति दक्षिण भारत में नीलगिरि पहाड़ियों की एक पशुपालक जनजाति है। 1960 के दशक में इनकी संख्या लगभग 800 थी। जो अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण तेज़ी से बढ़ रही है। टोडा भाषा द्रविड़ परिवार की भाषा है, किंतु उसमें बाद में सबसे ज़्यादा विकृतियाँ आई।

व्याख्या: संथाल लोगों का निवास क्षेत्र बड़ा व्यापक है। यह झारखण्ड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में फैला हुआ है। झारखण्ड में ही इनका सबसे अधिक जमाव पाया जाता है, विशेषत: संथाल परगना, जो भागलपुर डिवीजन में है।

व्याख्या: गारो, भारत की एक प्रमुख जनजाति है। गारो लोग भारत के मेघालय राज्य के गारो पर्वत तथा बांग्लादेश के मयमनसिंह जिला के निवासी आदिवासी हैं। इसके अलावा भारत में असम के कामरूप, गोयालपाड़ा और कारबि आंलं जिला में तथा बांग्लादेश में टांगाइल, सिलेट, शेरपुर, नेत्रकोना, सुनामगंज, ढाका और गाजीपुर जिलों में भी गारो लोग रहते हैं।


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