भारत की मिट्टियाँ से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - Soils GK Quiz (Set-1)

भारत की मिट्टी (Soils) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की मिट्टी समान्य ज्ञान

व्याख्या: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार भारत में 8 प्रकार की मिट्टिीयां पायी जाती हैं, जिनमें नाइट्रोजन की सर्वाधिक कमी है। भारत के सर्वाधिक क्षेत्र पर जलोढ़ मिट्टी का विस्‍तार पाया जाता है। यह भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 24 प्रतिशत भाग (7.68 लाख वर्ग किमी) पर विस्‍तृत है।

व्याख्या: भारतवर्ष जैसे विशाल देश में विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं. भारतीय मिट्टी का सर्वेक्षण वि‍ष्‍लेश्‍ण कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने किया है। यहां पार्इ जाने वाली मि‍ट्टी के मुख्यत: 5 प्रकार हैं। जलोढ़ मिट्टी , काली मिट्टी , लाल मिट्टी , लैटेराइट मिट्टी (बलुई), तथा रेतीली (रेगिस्तानी मिट्टी) ।

व्याख्या: जलोढ़क से भरी मिट्टी को जलोढ़ मृदा या जलोढ़ मिट्टी कहा जाता है।जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं।

व्याख्या: जलोढ़क से भरी मिट्टी को जलोढ़ मृदा या जलोढ़ मिट्टी कहा जाता है।जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं।

व्याख्या: क्षेत्रफल के अनुसार भारत की मिट्टियों का सही अवरोही क्रम जलोढ़, लाल, काली, लैटेराइड है।

व्याख्या: जलोढ़क से भरी मिट्टी को जलोढ़ मृदा या जलोढ़ मिट्टी कहा जाता है।जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं।

व्याख्या: खादर उतर के विशाल मैदान का निम्न भाग है। यंहा प्रतिवर्ष नदियों के द्वारा लाये गए निक्षेप से जलोढ़ मिटी बिछ जाती है। और कृषि की दृष्टि से यह क्षेत्र बहुत उपजाऊ है।

व्याख्या: बागड़ पुराने जलोढ़ से निर्मित है। बागड़ की मिट्टी में रेत व कंकड़ पाए जाते है। बागड़ मैदान का सबसे ऊंचा जमीन है। इनका निर्माण मध्य एवं ऊपरी प्लास्टोसीन काल में हुआ था ।

व्याख्या: भारत के उत्तरी मैदानों की मृदा सामान्यतः तलोच्चन द्वारा बनी है। 

व्याख्या: जलोढ़ मृदा - यह मिट्टी नदियों द्वारा लाकर नदी घाटियों, बाढ़ के मैदानों तथा डेल्टाई प्रदेशों में बिछाई जाती है। यह बड़ी ही उपजाऊ मिट्टी है, गंगा सतलज का मैदान इसी मिट्टी का बना हुआ है। इस मैदान की गणना विश्व के सबसे अधिक उपजाऊ मैदानों में की जाती है, जलोढ़ मृदा की गहराई भूमि की सतह से नीचे लगभग 600 मीटर तक होती है। महानदी, गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी के डेल्टाई भागों में भी यह मिट्टी पाई जाती है। इसे डेल्टाई मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है।

व्याख्या: बागड़ पुराने जलोढ़ से निर्मित है। बागड़ की मिट्टी में रेत व कंकड़ पाए जाते है। बागड़ मैदान का सबसे ऊंचा जमीन है। इनका निर्माण मध्य एवं ऊपरी प्लास्टोसीन काल में हुआ था ।

व्याख्या: जलोढ़क से भरी मिट्टी को जलोढ़ मृदा या जलोढ़ मिट्टी कहा जाता है।जलोढ़ मिट्टी प्रायः विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसमें गाद (सिल्ट) तथा मृत्तिका के महीन कण तथा बालू तथा बजरी के अपेक्षाकृत बड़े कण भी होते हैं।

व्याख्या: बागड़ पुराने जलोढ़ से निर्मित है। बागड़ की मिट्टी में रेत व कंकड़ पाए जाते है। बागड़ मैदान का सबसे ऊंचा जमीन है। इनका निर्माण मध्य एवं ऊपरी प्लास्टोसीन काल में हुआ था ।

व्याख्या: मखरला (लेटराइट) मिट्टी आयरन ऑक्साइड से समृद्ध होती है और विभिन्न प्रकार की चट्टानों के अपक्षय से प्राप्त होती है जो दृढ़ ऑक्सीकरण और निक्षालन का परिणाम होता है।

व्याख्या: दोमट एक प्रकार की मिट्टी है जो फसलों के लिए अत्यन्त उर्वर (उपजाऊ)) होती है। इसमें लगभग 40% सिल्ट, 20% चिकनी मिट्टी तथा शेष 40% बालू होता है। पानी तथा वायु के प्रवेश हेतु अर्थात् अधिक छिद्रिल होने के कारण फसलों की उर्वरा शक्ति अधिक होती है।

व्याख्या: भारत की स्थानीय मिट्टी में से काली मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है। इसमे पोटास की बहुलता होती है। लेकिन प्राया: इसे काली कपास मिट्टी कह्ते हैं, क्योंकि इसमे कपास की खेती ज्यादा होती है। काली मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इस मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।

व्याख्या: भारत की स्थानीय मिट्टी में से काली मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है। इसमे पोटास की बहुलता होती है। लेकिन प्राया: इसे काली कपास मिट्टी कह्ते हैं, क्योंकि इसमे कपास की खेती ज्यादा होती है। काली मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इस मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।

व्याख्या: भारत की स्थानीय मिट्टी में से काली मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है। इसमे पोटास की बहुलता होती है। लेकिन प्राया: इसे काली कपास मिट्टी कह्ते हैं, क्योंकि इसमे कपास की खेती ज्यादा होती है। काली मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इस मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।

व्याख्या: भारत की स्थानीय मिट्टी में से काली मिट्टी सबसे अलग दिखाई देती है, इसे रेगुर भी कहा जाता है। इसमे पोटास की बहुलता होती है। लेकिन प्राया: इसे काली कपास मिट्टी कह्ते हैं, क्योंकि इसमे कपास की खेती ज्यादा होती है। काली मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इस मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।


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