भारत की स्थिति एवं विस्तार से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न - GK Quiz (Set-1)

भारत की स्थिति एवं विस्तार से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की स्थिति एवं विस्तार समान्य ज्ञान

व्याख्या: पौराणिक भूगोल के अनुसार जम्बू द्वीप भू-लोक के सप्त महाद्वीपों में से एक है। यह द्वीप पृथ्वी के केंद्र मे स्थित है। इसके 'इलावृत', 'भद्राश्व', 'किंपुरुष', भारत, 'हरि', 'केतुमाल', 'रम्यक', 'कुरु' और 'हिरण्यमय', ये नव खण्ड हैं। इनमें भारतवर्ष ही 'मृत्युलोक' है, शेष 'देवलोक' हैं। इसके चतुर्दिक लवण सागर है। जम्बू द्वीपका नामकरण यहाँ स्थित 'जम्बू वृक्ष' (जामुन) के कारण हुआ है। जम्बू द्वीप के क्रमानुसार बड़े द्वीपों के नाम इस प्रकार है‌- 'प्लक्ष', 'शाल्मल', 'कुश', 'क्रौंच', 'शाक' एवं 'पुष्कर'।

व्याख्या: ग्रीक लोगों ने अनेक भारतीय नदियों के, राजाओं के, और शहरों के अपनी भाषा में अजीब नाम रखे हुए है। जैसे ही पाटलिपुत्र को वो लोग 'पालीबोथरा' कहते थे, मथुरा को 'मेटोरा,' और बल्ख़ को 'बॅक्ट्रिया।' इसी बीच उन्होंने सिंधू को 'इंडस' नाम दिया और झेलम को हायडॅस्प्स।

व्याख्या: भारत 8°4' उतरी अक्षांश से 37°6' उतरी अक्षांश तथा 68°7' पूर्वी देशांतर से 97°25' पूर्वी देशांतर विस्तार लगभग 300 है।भारत विषुवत रेखा के उत्तरी गोलार्ध मेँ स्थित है। देश का विस्तार उत्तर से दक्षिण तक 3,214 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम तक 2933 किमी. है।

व्याख्या: भारत में 82.5° पूर्वी देशान्तर, जो कि इलाहाबाद के निकट नैनी से गुजरती है, के समय को मानक समय माना गया है। भारत का मानक GMT से 82.5° पूर्व है , जिसका अर्थ है कि हमारा मानक समय ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पाँच घंटे आगे है ! अर्थात इंग्लैंड में जब दोपहर का 12 बजे का समय होता है, तब भारत में शाम के 5:30 बजे होते हैं !

व्याख्या: भारत में पूर्वी देशान्तर, जो कि इलाहाबाद के निकट नैनी से गुजरती है, के समय को मानक समय माना गया है।

व्याख्या: भारतीय मानक समय (IST) ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से 5 घंटे 30 मिनट आगे है। जहां भारतीय मानक समय की गणना 82.5 डिग्री पूर्वी देशांतर के आधार पर की जाती है, वहीं ग्रीनविच मीन टाइम की गणना 0 डिग्री देशांतर के आधार पर की जाती है।

भारतीय मानक समय रेखा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश राज्यों से होकर गुजरती है।

व्याख्या: भारत का सबसे दक्षिण बिंदु इन्दिरा प्वाइंट (निकोबार द्वीप समूह में) है। इसके पूर्व नाम है - ला हि चिंग, पिगमेलियन प्वाइंट तथा पारसन प्वाइंट। विषुवत रेखा से इसकी दूरी 876 किमी. है।

व्याख्या: भारत की कुल स्थलीय सीमा की लम्बाई 15200 किलोमीटर है जो की भारत के 17 राज्यों को छुती है तथा 7 देशों के साथ लगती है।

व्याख्या: भारत की स्थलीय सीमा की लम्बाई 15,200 किमी तथा द्वीप सहित जलीय सीमा की लम्बाई 7516,6 किमी है। मुख्य धरातलीय भाग की समुद्री सीमा की लम्बाई 6100 किमी है। यदि अंडमान-निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीप समूहों को भी सम्मिलित किया जाए तो भारत की तटीय सीमा 7516.6 किमी हो जाती है।

व्याख्या: भारत की स्थलीय सीमा लगभग 15200 किमी तक फैली हुई है। यह 3214 किलोमीटर उत्तर से दक्षिण और 2933 किलोमीटर पूर्व से पश्चिम तक फैला हुआ है।

व्याख्या: दक्कन का पठार जिसे विशाल प्रायद्वीपीय पठार के नाम से भी जाना जाता है, भारत का विशालतम पठार है। दक्षिण भारत का मुख्य भू भाग इस ही पठार पर स्थित है। यह पठार त्रिभुजाकार है। इसकी उत्तर की सीमा सतपुड़ा और विन्ध्याचल पर्वत श्रृंखला द्वारा और पूर्व और पश्चिम की सीमा क्रमशः पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट द्वारा निर्धारित होती है।

व्याख्या: उत्तर-पूर्वी भारत के 'सेवन सिस्टर्स' राज्यों के परिवार में शामिल हैं: मेघालय, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा

पश्चिम बंगाल (भारतीय बंगाल) भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। इसके पड़ोस में नेपाल, सिक्किम, भूटान, असम, बांग्लादेश, ओडिशा, झारखंड और बिहार हैं। इसकी राजधानी कोलकाता है। इस राज्य मे 23 ज़िले है।

व्याख्या: यद्यपि देश का क्षेत्रफल विश्व के कुल क्षेत्रफल का मात्र 2.42 प्रतिशत ही है, किन्तु यहाँ पर विश्व की लगभग 16 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। यहाँ की प्राकृतिक बनावट, संसाधन क्षमता आदि को देखते हुए जार्ज बी. क्रैंसी. ने अपनी भौगोलिक पुस्तक 'एशिया की भूमि एवं निवासी' में लिखा है कि 'भारत को महाद्वीप कहलाने का उतना ही .

व्याख्या: भारत में दो ज्वालामुखी है, पहला - बैरन ज्वालामुखी जो बैरन द्वीप अंडमान निकोबार दीप समूह में मध्य अण्डमान के पूर्व में अवस्थित हैं। दूसरा - नारकोंडम ज्वालामुखी जो अंडमान निकोबार दीप समूह के उत्तर अण्डमान के पूर्व में है।

बैरन द्वीप भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है। यह द्वीप लगभग 3 किलोमीटर में फैला है।

व्याख्या: देश के कुल क्षेत्रफल के 10.7 प्रतिशत भाग पर उच्च पर्वत श्रेणियों का विस्तार पाया जाता है, जिनकी ऊंचाई समुद्र तट से 2,135 मी. या इसके अधिक है। समुद्र तट से 305 से 2,135 मी. तक की ऊंचाई वाली पहाड़ियाँ भी देश के 18.6 प्रतिशत भाग पर फैली हैं। इस प्रकार कुल पर्वतीय भाग 29.3 प्रतिशत है।

व्याख्या: देश के कुल क्षेत्रफल के 10.7 प्रतिशत भाग पर उच्च पर्वत श्रेणियों का विस्तार पाया जाता है, जिनकी ऊंचाई समुद्र तट से 2,135 मी. या इसके अधिक है। समुद्र तट से 305 से 2,135 मी. तक की ऊंचाई वाली पहाड़ियाँ भी देश के 18.6 प्रतिशत भाग पर फैली हैं। इस प्रकार कुल पर्वतीय भाग 29.3 प्रतिशत है। समुद्र तट से 305 से 915 मीं तक ऊंचाई वाले पठारी भाग का विस्तार भी देश के 27.7 प्रतिशत क्षेत्र पर है

व्याख्या: देश के कुल क्षेत्रफल के 10.7 प्रतिशत भाग पर उच्च पर्वत श्रेणियों का विस्तार पाया जाता है, जिनकी ऊंचाई समुद्र तट से 2,135 मी. या इसके अधिक है। समुद्र तट से 305 से 2,135 मी. तक की ऊंचाई वाली पहाड़ियाँ भी देश के 18.6 प्रतिशत भाग पर फैली हैं। इस प्रकार कुल पर्वतीय भाग 29.3 प्रतिशत है। समुद्र तट से 305 से 915 मीं तक ऊंचाई वाले पठारी भाग का विस्तार भी देश के 27.7 प्रतिशत क्षेत्र पर है, जबकि शेष 43.0 प्रतिशत पर विस्तृत मैदान पाये जाते हैं।

व्याख्या: प्रादेशिक समुद्री सीमा (Territorial Sea) — आधार रेखा से समुद्र में 12 समुद्री मील तक प्रादेशिक सीमा है। समुद्र में प्रादेशिक समुद्री सीमा तक (12 नॉटिकल मील) भारत का सम्पूर्ण अधिकार हैं।

नॉटिकल मील या समुद्री मील लम्बाई की इकाई है। यह अक्षांश रेखा के एक मिनट के बराबर है। यह गैर-SI इकाई है, जो खासकर नौसंचालकों द्वारा नौसंचालन और वैमानिकी में प्रयोग की जाती है। अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार: 1 समुद्री मील = 1,852 मीटर

व्याख्या: पटकाई पहाड़ियाँ भारत के उत्तर-पूर्वी भाग में पूर्वांचल की पहाड़ियों का हिस्सा है। पटकाई पहाड़ियाँ बर्मा के साथ मिलने वाली भारत की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित हैं। पटकाई श्रृंखला नागालैंड, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर तक फैली हुई है।

व्याख्या: अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone-EEZ) आधार रेखा से 200 समुद्री मील तक भारत का अनन्य आर्थिक क्षेत्र है। अनन्य आर्थिक क्षेत्र में भारत को 3 तरह के अधिकार प्राप्त हैं-

पहला, 200 समुद्री मील तक भारत नये द्वीपो का निर्माण कर सकता है। दूसरा, वैज्ञानिक परीक्षण करने का अधिकार। एवं तीसरा, आधार रेखा से 200 समुद्री मील तक अर्थात अनन्य आर्थिक क्षेत्र में भारत को प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का संपूर्ण अधिकार है। उदाहरण के लिए मुम्बई हाई जो भारत का सबसे बड़ा तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र हैं यह मुम्बई के पास अरब सागर में छिछले समुद्र में अनन्य आर्थिक क्षेत्र में ही स्थित है। यहाँ से देश के 65% तेल का उत्पादन होता हैं।


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