भारत के पर्वत से जुड़े जीके प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz (Set-1)

भारत के पर्वत (Mountains of India) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत के पर्वत समान्य ज्ञान

व्याख्या: भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित हिमालय भू-वैज्ञानिक और संरचनात्मक रूप से नवीन वलित पर्वत श्रंखला है, जिसका निर्माण यूरोपीय और भारतीय प्लेट के अभिसरण से टर्शियरी कल्प में हुआ था। इसके उत्तर में ट्रांस हिमालय पाया जाता है, जिसमें काराकोरम, लद्दाख और जास्कर श्रेणियाँ शामिल हैं।

व्याख्या: भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित हिमालय भू-वैज्ञानिक और संरचनात्मक रूप से नवीन वलित पर्वत श्रंखला है, जिसका निर्माण यूरोपीय और भारतीय प्लेट के अभिसरण से टर्शियरी कल्प में हुआ था। इसके उत्तर में ट्रांस हिमालय पाया जाता है, जिसमें काराकोरम, लद्दाख और जास्कर श्रेणियाँ शामिल हैं।

व्याख्या: हिमालय का सर्वोच्च पर्वत शिखर माउन्ट एवरेस्ट नेपाल में है। भारत का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर गॉडविन ऑस्टिन या K2 (8611 मीटर) है। कंचनजंगा (8579 मीटर) दूसरा तथा नंदा पर्वत (8126 मीटर) को तीसरा स्थान प्राप्त है।

व्याख्या: अमूमन एवरेस्ट को भारत की सबसे ऊंची चोटी माना जाता है, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है, ये हिमालय पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है, लेकिन वास्तव में ये नेपाल में स्थिति है, ये वलित mordar पर्वत है जिसका निर्माण आज से लगभग 32 करोड़ वर्स पूर्व हुआ था, जहा आज हिमालय है वहा कभी टेथीस नामक सागर लहराता था।

भारत का सबसे ऊंचा पर्वत कंचनजंगा, महान हिमालय श्रृंखला, सिक्किम में भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है। कंचनजंगा भारत की सबसे ऊँचीपर्वत चोटी है और 8,586 मीटर (28,169 फीट) की ऊँचाई के साथ दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है। सबसे ऊंचा पर्वत कंचनजंगा, महान हिमालय श्रृंखला, सिक्किम में भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है।

व्याख्या: हिमालय पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों से धरातल की चट्टानों के मुड़ जाने से निर्मित वलित (fold) पर्वत है। हिमालय प्राचीन 'टेथिस सागर की विशाल भू-द्रोणी में वलन पड़ने के कारण निर्मित हुआ है। जिसकी विभिन्न श्रेणियों का विकास भिन्न-भिन्न कालों में हुआ हिमालय की सबसे प्राचीनूतम पर्वत श्रेणी वृहत् हिमालय श्रेणी है, जबकि निम्न हिमालय, धौलाधार एवं शिवालिक हिमालय परवर्ती काल में निर्मित श्रेणियां हैं। इनमें से शिवालिक श्रेणी हिमालय की सबसे नवीनतम पर्वत श्रेणी है।

व्याख्या: भारत का सबसे ऊंचा पर्वत कंचनजंगा, महान हिमालय श्रृंखला, सिक्किम में भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है। कंचनजंगा भारत की सबसे ऊँचीपर्वत चोटी है और 8,586 मीटर (28,169 फीट) की ऊँचाई के साथ दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है। सबसे ऊंचा पर्वत कंचनजंगा, महान हिमालय श्रृंखला, सिक्किम में भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है।

व्याख्या: असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। नाम्चाबारवे हिमालय की पर्वत चोटी असम राज्य में स्थित है।

व्याख्या: टेथीज सागर गोंडवाना लैण्ड और लौरेशिया के मध्य स्थित एक सागर के रूप में कल्पित किया जाता है जो एक छिछला और संकरा सागर था और इसी में जमा अवसादों के प्लेट विवर्तनिकी के परिणामस्वरूप अफ्रीकी और भारतीय प्लेटों के यूरेशियन प्लेट से टकराने के कारण हिमालय और आल्प्स जैसे पहाड़ों की रचना हुई।

व्याख्या: शिवालिक श्रेणी हिमालय की सबसे दक्षिणी एवं सबसे नवीनतम श्रेणियों में से एक है। यह पर्वत श्रेणी भारत के सिक्किम राज्य में तिस्सा नदी से पश्चिम-पश्चिमोत्तर की ओर स्थित हैं। इसका विस्तार नेपाल से पश्चिमोत्तर भारत की ओर तथा उत्तरी पाकिस्तान की ओर 1600 किमी से अधिक की दूरी तक विस्तृत स्थित है।

शिवालिक श्रेणी में नीची और समानांतर पहाड़ियाँ हैं। ये श्रेणियाँ मुख्यत: वृहत हिमालय से लाए गए अवसादों से बनी हैं। यहाँ प्राय: भू-स्खलन की समस्या उत्पन्न होती रहती है।

व्याख्या: विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट एवरेस्ट है जो नेपाल में स्थित है। इसकी ऊँचाई 8848 मीटर है। भारत की सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा (8598 मी.) सिक्किम में स्थित है। माकालू (8481 मी.) नेपाल में, नंदादेवी (7817 मी.) उत्तराखण्ड में स्थित है।

व्याख्या: बद्रीनाथ अथवा बद्रीनारायण मन्दिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। यह हिंदू देवता विष्णु को समर्पित मंदिर है और यह स्थान इस धर्म में वर्णित सर्वाधिक पवित्र स्थानों, चार धामों, में से एक यह एक प्राचीन मंदिर है जिसका निर्माण 7वीं-8वीं सदी में होने के प्रमाण मिलते हैं। मन्दिर के नाम पर ही इसके इर्द-गिर्द बसे नगर को भी बद्रीनाथ ही कहा जाता है।

भौगोलिक दृष्टि से यह स्थान हिमालय पर्वतमाला के ऊँचे शिखरों के मध्य, गढ़वाल क्षेत्र में, समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,269 फ़ीट) की ऊँचाई पर स्थित है। कुमाऊँ हिमालय, हिमालय पर्वत श्रंखला के चार क्षैतिज विभाजनों में से एक है। सतलुज नदी से काली नदी के बीच फैली लगभग 320 किलोमीटर लम्बी हिमालय श्रंखला को ही कुमाऊँ हिमालय कहा जाता है। उत्तराखण्ड तथा हिमाचल प्रदेश में स्थित इस पर्वत श्रंखला के पूर्व में नेपाल हिमालय तथा पश्चिम में कश्मीर हिमालय स्थित हैं।

व्याख्या: अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में स्थित है। अण्डमान चार भागों में विभाजित है जो क्रमशः उत्तरी अण्डमान, मध्य अण्डमान, दक्षिणी अण्डमान एवं छोटा अण्डमान के रूप में है। निकोबार द्वीप समूह कई भागों यथा कार निकोबार, कैटल द्वीप, छोटा निकोबार एवं बड़ा निकोबार में विभाजित है। डंकन पास छोटा अण्डमान तथा बड़ा अण्डमान (दक्षिणी अण्डमान) को विभाजित करता है। अण्डमान द्वीप की सर्वोच्च चोटी सैडल पीक (730 मी.) है जबकि निकोबार द्वीप की सर्वोच्च चोटी धुलियार (642 मी.) है। इंदिरा प्वाइंट बड़ा निकोबार में स्थित है।

व्याख्या: हिमालय में हिम रेखा की ऊंचाई सर्वत्र भिन्न है। असम हिमालय में अधिक आर्द्रता के कारण 4420 मी. पर हिमरेखा पायी जाती है जबकि कश्मीर हिमालय में शुष्कता के कारण 6000 मी, पर हिमरेखा मिलती है। नेपाल हिमालय में 4500 मी. तथा कुमायूँ व पंजाब हिमालय में 5200 मी. पर हिम रेखा स्थित है।

व्याख्या: के2 (K2, के-टू) विश्व का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र चीन द्वारा नियंत्रित शिनजिआंग प्रदेश की सीमा पर काराकोरम पर्वतमाला की बाल्तोरो मुज़ताग़ उपश्रृंखला में स्थित है। 8,611 मीटर (28,251 फ़ुट) की ऊँचाई वाली यह चोटी माउंट एवरेस्ट के बाद पृथ्वी की दूसरी उच्चतम पर्वत चोटी है।

व्याख्या: काराकोरम किर्गिज़ भाषा का शब्द है जिस का मतलब है 'काली भुरभुरी मिट्टी'। पुराणों में इस पर्वतमाला का संस्कृत नाम कृष्णगिरि (काला पहाड़) दिया गया है।

व्याख्या: हर की दून (जिसका अर्थ ईश्वर की घाटी है) उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले मे यमुना की सहायक रुपिन व सूपिन नदियों के आस-पास फतेह पर्वत की गोद मे बसा क्षैत्र है। यह उच्च हिमालय के निकट स्थित एक अत्यन्त दुर्गम अन्चल है। उत्तर मे हिमाचल के किन्नोर व पूर्व मे तिब्बत से सटा हर की दून का इलाका अपने भीतर गोविन्द पशु विहार वन्य जीव अभयारण्य को समेटे है।

व्याख्या: वृहत तथा लघु हिमालय के बीच विस्तृत घाटियां हैं जिनमें कश्मीर घाटी तथा नेपाल में काठमांडू घाटी प्रसिद्ध है। इस श्रेणी के ढालों पर मिलने वाले छोटे-छोटे घास के मैदानों को जम्मू-कश्मीर में मर्ग (जैसे-सोनमर्ग, गुलमर्ग आदि) तथा उत्तराखण्ड में बुग्याल एवं पयार कहा जाता हे।

व्याख्या: उत्तराखण्ड के गढ़वाल हिमालय में हिमशिखरों की तलहटी में जहाँ टिम्बर रेखा (यानी पेडों की पंक्तियाँ) समाप्त हो जाती हैं, वहाँ से हरे मखमली घास के मैदान आरम्भ होने लगते हैं। आमतौर पर ये 8 से 10 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित होते हैं। गढ़वाल हिमालय में इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।

व्याख्या: कुमाऊँ हिमालय- यह सतलुज और काली नदी के बीच का क्षेत्र है। इसका पश्चिमी भाग गढ़वाल हिमालय और पूर्वी भाग कुमाऊँ हिमालय है। यह पंजाब हिमालय से अधिक ऊँचा है। नंदादेवी, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि प्रमुख चोटियाँ इसी भाग में हैं।

व्याख्या: नेपाल हिमालय, हिमालय पर्वत श्रंखला के चार क्षैतिज विभाजनों में से एक है। काली नदी से तीस्ता नदी के बीच फैली लगभग 800 किलोमीटर लम्बी हिमालय श्रंखला को ही नेपाल हिमालय कहा जाता है। नेपाल, तिब्बत तथा सिक्किम में स्थित इस पर्वत श्रंखला के पूर्व में असम हिमालय तथा पश्चिम में कुमाऊँ हिमालय स्थित हैं। नेपाल हिमालय चारों विभाजनों में सबसे बड़ा है।


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