भारत के जलप्रपात से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर - Waterfalls GK Quiz

भारत के जलप्रपात (Waterfalls) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत के जलप्रपात समान्य ज्ञान

व्याख्या: भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात जोग या गरसोप्पा जो शरावती नदी पर कर्नाटक में है। जलप्रपात (Waterfall) जब नदियों का पानी किसी ऊंची जगह से किसी निचले स्थान पर गिरता है तो जलप्रपातों (Waterfalls) का निर्माण होता है। विश्व का सबसे बडा जलप्रपात वेनेज़ुएला  (Venezuela) में स्थित एंजेल जलप्रपात (Angel Falls) है जो कि 979 मीटर ऊंचा है जो कि लगभग 1 KM है। वहीं अगर हम अगर भारत की बात करें तो भारत का सबसे ऊचा जलप्रपात जोग या गरसोप्पा है जिसे महात्मा गांधी जलप्रपात भी कहते है, जो कि कर्नाटक राज्य में शरबती नदी पर स्थित है।

व्याख्या: जोग प्रपात कर्नाटक में शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों - राजा, राकेट, रोरर और दाम ब्लाचें - से मिलकर बना है। इसका जल 250 मीटर की ऊँचाई से गिरकर बड़ा सुन्दर दृश्य उपस्थित करता है। इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है।

व्याख्या: जोग या जेरोस्पा जलप्रपात का नाम बदलकर महात्मा गांधी जलप्रपात रखा गया। यह भारत में कर्नाटक में शिवमोग्गा जिले के सागर तालुक में स्थित दूसरा सबसे ऊंचा डुबकी वाला झरना (253 मीटर) है ।

व्याख्या: जोग प्रपात कर्नाटक में शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों - राजा, राकेट, रोरर और रानी - से मिलकर बना है। इसका जल 253 मीटर की ऊँचाई से गिरकर बड़ा सुन्दर दृश्य उपस्थित करता है।

व्याख्या: नर्मदा, जिसे रेवा के नाम से भी जाना जाता है, मध्य भारत की एक नदी और भारतीय उपमहाद्वीप की पांचवीं सबसे लंबी नदी है। यह गोदावरी नदीऔर कृष्णा नदी के बाद भारत के अंदर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी है। मध्य प्रदेश राज्य में इसके विशाल योगदान के कारण इसे 'मध्य प्रदेश की जीवन रेखा' भी कहा जाता है। यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक पारंपरिक सीमा की तरह कार्य करती है। यह अपने उद्गम से पश्चिम की ओर 1,312 किमी चल कर खंभात की खाड़ी, अरब सागर में जा मिलती है।

व्याख्या: नर्मदा, जिसे रेवा के नाम से भी जाना जाता है, मध्य भारत की एक नदी और भारतीय उपमहाद्वीप की पांचवीं सबसे लंबी नदी है। यह गोदावरी नदीऔर कृष्णा नदी के बाद भारत के अंदर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी है। मध्य प्रदेश राज्य में इसके विशाल योगदान के कारण इसे 'मध्य प्रदेश की जीवन रेखा' भी कहा जाता है। यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक पारंपरिक सीमा की तरह कार्य करती है। यह अपने उद्गम से पश्चिम की ओर 1,312 किमी चल कर खंभात की खाड़ी, अरब सागर में जा मिलती है।

व्याख्या: उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। यह पश्चिमी घाट के पर्वत ब्रह्मगिरीसे निकली है। इसकी लम्बाई प्रायः 800 किलोमीटर है। दक्षिण पूर्व में प्रवाहित होकर कावेरी नदी बंगाल की खाड़ी में मिली है। सिमसा, हिमावती,भवानीइसकी उपनदियाँ है। कावेरी नदी के किनारे बसा हुआ शहर तिरुचिरापल्लीहिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। 

व्याख्या: गोकक जल प्रपात दक्षिण भारत का एक जल प्रपात है। यह पश्चिमी घाट की पर्वतमाला में आता है। जो कर्नाटक राज्य के बेलगाम नामक शहर में घाटप्रभा नदी के समीप स्थित है।

व्याख्या: हुन्डरु जलप्रपात राँची से लगभग 28 किलोमीटर दूर सुवर्णरेखा नदी पर स्थित है। यह प्रपात झारखण्ड राज्य का प्रसिद्ध जलप्रपात है। वर्षा ऋतु में इस झरने को देखने के लिए पर्यटकों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है। यह सुन्दर झरना राँची-पुरुलिया मार्ग पर स्थित है। हुंडरू जलप्रपात 74 मीटर यानी क़रीब 243 फीट की उंचाई से गिरता है। यह झारखण्ड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है, जिसकी छटा देखते ही बनती है। वर्षा के दिनों में इस जलप्रपात की धारा मोटी हो जाती है। इन दिनों में तो इसका दृश्य और भी सुंदर व मनमोहक हो जाता है। इसी जलप्रपात से सिकीदरी में पनबिजली का उत्पादन किया जाता है।

व्याख्या: चित्रकूट अथवा चित्रकोट जलप्रपात सभी मौसम में छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर ज़िले में इन्द्रावती नदी पर स्थित एक सुंदर जलप्रपात है। हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य में और भी बहुत-से जलप्रपात हैं, किन्तु चित्रकूट जलप्रपात सभी से बड़ा है।आप्लावित रहने वाला यह जलप्रपात पौन किलोमीटर चौड़ा और 90 फीट ऊँचा है।

व्याख्या: पापनाशम जलप्रपात आंध्रप्रदेश में स्थित है।

व्याख्या: हुन्डरु जलप्रपात राँची से लगभग 28 किलोमीटर दूर सुवर्णरेखा नदी पर स्थित है। यह प्रपात झारखण्ड राज्य का प्रसिद्ध जलप्रपात है। वर्षा ऋतु में इस झरने को देखने के लिए पर्यटकों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है। यह सुन्दर झरना राँची-पुरुलिया मार्ग पर स्थित है। हुंडरू जलप्रपात 74 मीटर यानी क़रीब 243 फीट की उंचाई से गिरता है। यह झारखण्ड का सबसे ऊँचा जलप्रपात है, जिसकी छटा देखते ही बनती है। वर्षा के दिनों में इस जलप्रपात की धारा मोटी हो जाती है। इन दिनों में तो इसका दृश्य और भी सुंदर व मनमोहक हो जाता है। इसी जलप्रपात से सिकीदरी में पनबिजली का उत्पादन किया जाता है।

व्याख्या: जोग प्रपात कर्नाटक में शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों - राजा, राकेट, रोरर और दाम ब्लाचें - से मिलकर बना है। इसका जल 250 मीटर की ऊँचाई से गिरकर बड़ा सुन्दर दृश्य उपस्थित करता है। इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है।

व्याख्या: गोकक जल प्रपात दक्षिण भारत का एक जल प्रपात है। यह पश्चिमी घाट की पर्वतमाला में आता है। जो कर्नाटक राज्य के बेलगाम नामक शहर में घाटप्रभा नदी के समीप स्थित है।

व्याख्या: जोग प्रपात कर्नाटक में शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों - राजा, राकेट, रोरर और दाम ब्लाचें - से मिलकर बना है। इसका जल 250 मीटर की ऊँचाई से गिरकर बड़ा सुन्दर दृश्य उपस्थित करता है। इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है।

व्याख्या: ऐतिहासिक और पौराणिक संदर्भों से युक्‍त ककोलत एक बहुत ही खूबसूरत पहाड़ी के निकट बसा हुआ एक झरना है। यह झरना बिहार राज्‍य के नवादा जिले से 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोविन्‍दपुर पुलिस स्‍टेशन के निकट स्थित है। नवादा से राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या 31 पर 15 किलोमीटर दक्षिण रजौली की ओर जाने पर फतेहपुर से एक सड़क अलग होती है। इस सड़क को गोविन्‍दपुर-फतेहपुर रोड के नाम से जाना जाता है।

व्याख्या: सहस्त्रधारा देहरादून से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर राजपुर गांव के पास स्थित है। यहां स्थित गंधक झरना त्वचा की बीमारियों की चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध है। इसकी चिकित्सा संबंधी कुछ अन्य उपादेयताएं भी हैं। खाने-पीने और अन्य तरह की चीजें बेचने वाली दुकानों के होने से यह जगह पिकनिक के लिहाज से बेहद उपयुक्त है। काफी परिवारो को यहां पर मौज-मस्ती करते हुए देखा जा सकता है। अन्य लोगों की तरह यह जगह बच्चों के बीच भी समान रूप से लोकप्रिय है।

व्याख्या: पाइकारा तमिलनाडु राज्य में ऊटी से 19 किमी दूर नीलगिरि पहाड़ियों में पर स्थित एक जलप्रपात है।
यह झरना मुख्य सड़क पर स्थित पुल से लगभग 6 किमी दूर है। यहाँ एक बाँध बना हुआ है। इसका जल विद्युत उत्पादन के लिए उपयोगी है। तमिलनाडु का विकास पाइकारा जल संयंत्र पर निर्भर है।

व्याख्या: जोग (गरसोप्पा) प्रपात कर्नाटक में शरावती नदी पर है। यह चार छोटे-छोटे प्रपातों - राजा, राकेट, रोरर और दाम ब्लाचें - से मिलकर बना है।


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