गाँधी युग ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - राष्ट्रीय आंदोलन GK Quiz (Set-2)

गाँधी युग से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ। आधुनिक भारत के इतिहास - गाँधी युग MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

गाँधी युग (1917 ई.-1947 ई.)

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 2)

व्याख्या: 8 मार्च 1919 को रॉलेट एक्ट लागू किया गया था। रौलट-एक्ट को काला कानून भी कहा जाता है। इसको ब्रिटिश सरकार ने भारत के लोगों को कुचलने के लिए बनाया था। यह एक ऐसा कानून बनाया था कि इसके अंदर ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार दिया गया था कि वह किसी भी भारतीय लोग को बिना मुकदमा चलाए अदालत में और जेल में बंद कर सकते थे।

6 अप्रैल 1919 को, महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित अन्यायपूर्ण रोलेट एक्ट के खिलाफ अहिंसक सत्याग्रह शुरू किया।

व्याख्या: गाँधी-इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 ई. को हुआ था। महात्मा गाँधी और लॉर्ड इरविन के मध्य हुए इस समझौते को 'दिल्ली पैक्ट' के नाम से भी जाना जाता है।

गाँधी जी ने इस समझौते को बहुत महत्त्व दिया था, जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरू और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने इसकी कड़ी आलोचना की। कांग्रेसी भी इस समझौते से पूरी तरह असंतुष्ट थे, क्योंकि गाँधी जी भारत के युवा क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी के फंदे से बचा नहीं पाए थे।

व्याख्या: अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन थे। और भारत की स्वतंत्रता के बाद लॉर्ड माउंटबेटन स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल बने। स्वतंत्र भारत के अंतिम गवर्नर जनरल 'सी. राजगोपालाचारी ' थे।

व्याख्या: भारतीय सरकार अधिनियम, 1935 के अंतर्गत एक संघीय न्यायालय (federal court) की स्थापना की गई. एक केन्द्रीय बैंक (Reserve Bank of India) की स्थापना की गई. बर्मा और अदन को भारत के शासन से अलग कर दिया गया. सिंध और उड़ीसा के दो नवीन प्राप्त बनाए गए और उत्तर-पश्चिमी सीमा-प्रांत को गवर्नर के अधीन रखा गया

व्याख्या: काकोरी ट्रेन डकैती काकोरी के पास लखनऊ में 9 अगस्त 1925 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन द्वारा की गई थी। इस योजना को चंद्र शेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकुल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और मन्मथनाथ गुप्ता ने अंजाम दिया था। नतीजा कुछ 30 लोगों की गिरफ्तारी हुई और वे सभी काकोरी षड्यंत्र मामले में फंस गए।

काकोरी कांड के लिए भारत के शहीद क्रांतिकारियों अशफाक उल्ला खां, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और ठाकुर रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दे दी गई। तीनों की फांसी की सजा एक ही तारीख पर दी गई थी। लेकिन फांसी के लिए तीन अलग- अलग जेल चुनी गई थी।

व्याख्या: 1919 के अधिनियम में द्वैध शासन (Dyarchy) धारणा को जिस व्यक्ति ने परिचित कराया, वे चेम्सफोर्ड थे।

मोंटेगू-चेम्सफोर्ड सुधार या अधिक संक्षेप में मोंट-फोर्ड सुधार के रूप में जाना जाते, भारत में ब्रिटिश सरकार द्वार धीरे-धीरे भारत को स्वराज्य संस्थान का दर्ज़ा देने के लिए पेश किये गए सुधार थे। सुधारों का नाम प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत के राज्य सचिव एडविन सेमुअल मोंटेगू, 1916 और 1921 के बीच भारत के वायसराय रहे लॉर्ड चेम्सफोर्ड के नाम पर पड़ा। इसे भारत सरकार अधिनियम का आधार 1919 की आधार पर बनाया गया था।

व्याख्या: 8 फरवरी, 1946 को तकरीबन 1,100 भारतीय नाविकों या HMIS तलवार के जहाज़ियों और रॉयल इंडियन नेवी (Royal Indian Navy-RIN) ने भूख हड़ताल की घोषणा की, जो कि नौसेना में भारतीयों की स्थितियों और उनके साथ व्यवहार से प्रभावित थी। इस हड़ताल को एक "स्लो डाउन" हडताल भी कहा जाता है, जिसका अर्थ था कि जहाज़ी अपने कर्तव्यों को धीरे-धीरे पूरा करेंगे।

सरदार पटेल ने 23 फरवरी 1946 को नौसैनिकों को आत्म समर्पण के लिए तैयार किया। कई उतार चढ़ावों के बाद इस आंदोलन को फिलहाल दबा दिया गया । इस आंदोलन का ज़िक्र इतिहास के पन्नों में कहीं कहीं मिलता है। लेकिन इस आंदोलन ने ऐसी चिंगारी को हवा दी जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को हिन्दुस्तान को जल्द जल्द से जल्द छोड़ने पर मज़बूर कर दिया।

व्याख्या: महात्मा गांधी ने रामसे मैक डोनाल्ड के सांप्रदायिक पुरस्कार के खिलाफ यरवदा जेल में आमरण अनशन शुरू किया । 16 अगस्त 1932 को ब्रिटिश प्रधान मंत्री रामसे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक इनाम की शुरुआत की।

इस पुरस्कार का उद्देश्य निचली जाति, बौद्धों, सिखों, मुसलमानों, भारतीय ईसाइयों, एंग्लो-इंडियन और अछूतों के लिए ब्रिटिश भारत में अलग-अलग निर्वाचक मंडल प्रदान करना था।

सांप्रदायिक पुरस्कार के खिलाफ गांधी के विरोध को समाप्त करने के लिए उच्च वर्गों के हिंदुओं की ओर से निचले वर्गों और मदन मोहन मालवीय की ओर से अम्बेडकर द्वारा पूना समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

व्याख्या: अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ एक स्वतंत्र राष्ट्रीय स्तर का गैर-लाभकारी स्वैच्छिक संगठन है, जिसे अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग के रूप में भी जाना जाता है।

इसकी स्थापना 30 सितंबर, 1932 को यरवदा जेल, पुणे में गांधीजी के महाकाव्य उपवास के मद्देनजर की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप ऐतिहासिक पूना समझौता हुआ था। अस्पृश्यता का मुकाबला करने के लिए संघ की स्थापना की गई और एक नया साप्ताहिक पत्र, हरिजन, शुरू किया गया।

हरिजन सेवक संघ का उद्देश्य सत्य और अहिंसक तरीकों से हिंदू समाज में अस्पृश्यता के साथ-साथ तथाकथित अस्पृश्यों द्वारा सामना की जाने वाली सभी प्रासंगिक बुराइयों और अक्षमताओं का उन्मूलन था।

व्याख्या: 1918 ई. में गांधी जी ने अहमदाबाद मिल मजदूरों को हड़ताल पर जाने की सलाह दी और उन्होंने स्वयं भूख हड़ताल की। अहमदाबाद के मिल मजदूर एवं मिल मालिकों के बीच प्लेग बोनस को लेकर विवाद हुआ था।

व्याख्या: 13 अप्रैल, 1919 को पंजाब का प्रसिद्ध जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ। जिसमें जनरल डायर द्वारा गोली चलाने का आदेश दिये जाने के कारण भारी संख्या में लोग हताहत हुए एवं मारे गये।

व्याख्या: महात्मा गांधी को पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने 'राष्ट्रपिता' कहकर संबोधित किया था। 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित करते हुए 'राष्ट्रपिता' महात्मा गांधी कहा था। बताया जाता है कि नेताजी और महात्मा गांधी एक-दूसरे का भरपूर सम्मान करते थे, लेकिन इसके साथ दोनों के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद भी थे।

व्याख्या: क्रिप्स मिशन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल द्वारा ब्रिटिश संसद सदस्य तथा मजदूर नेता सर स्टेफ़र्ड क्रिप्स के नेतृत्व में मार्च 1942 में भारत भेजा गया था, जिसका उद्देश्य भारत के राजनीतिक गतिरोध को दूर करना था। हालांकि इस मिशन का वास्तविक उद्देश्य युद्ध में भारतीयों को सहयोग प्रदान करने हेतु उन्हें फुसलाना था।

क्रिप्स मिशन के प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रवादियों को संतुष्ट करने में असफल रहे तथा साधारण तौर पर भारतीयों के किसी भी वर्ग की सहमति नहीं प्राप्त कर सके। विभिन्न दलों तथा समूहों ने अलग-अलग आधार पर इन प्रस्तावों का विरोध किया।

व्याख्या: मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन (11 नवंबर, 1888 - 22 फरवरी, 1958) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे।

व्याख्या: महात्‍मा गांधी 15 अगस्‍त 1947 को बंगाल के नोआखली में थे. वहां पर वे हिंदू-मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे. नेहरू और पटेल ने गांधी को ख़त भेजकर बताया था कि 15 अगस्त को देश का पहला स्वाधीनता दिवस मनाया जाएगा.


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