भारत के प्रमुख नदी बाँध से जुड़े GK प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz (Set-1)

भारत के प्रमुख नदी बाँध से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत के प्रमुख नदी बाँध समान्य ज्ञान

व्याख्या: टिहरी विकास परियोजना का प्राथमिक बाँध है, जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी में स्थित है। यह बाँध गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 260.5 मीटर है, जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है। इस बाँध से 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराना है।

व्याख्या: हीराकुण्ड बाँध ओडीसा में महानदी पर निर्मित एक बाँध है। यह सम्बलपुर से 15 किमी दूर है। इस बाँध के पीछे विशाल जलाशय है। यह परियोजना भारत में शुरू की गयी कुछ आरम्भिक परियोजनाओं में से एक है। 1957 में महानदी पर निर्मित यह बाँध संसार के सबसे लंबे बांधों में से एक है। इसकी कुल लम्बाई 26 किमी0 है। बाईं ओर लामडूंगरी पहाड़ी से लेकर 4.8 किमी0 दूर चंदीली पहाड़ी तक मुख्य बाँध है। इसके दोनों तरफ दो अवलोकन मीनार हैं ;गाँधी मीनार व नेहरू मीनार।

व्याख्या: भीलांगना उत्तर भारत के उत्तराखंड राज्य की एक नदी है। इसके और भागीरथी नदी के संगम पर टिहरी बाँध परियोजना बनायी गयी है। इस परियोजना की कल्पना 1953 मे की गई थी और अंततः यह 2007 में पूरी हुई। 

व्याख्या: सलाल परियोजना भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में चिनाब नदी पर स्थापित एक जलविद्युत परियोजना है। इस परियोजना की अभिकल्पना 1920 में की गयी, प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता सम्बन्धी अध्ययन 1961 में पूरा हुआ और 1970 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ।

व्याख्या: हीराकुण्ड बाँध ओडीसा में महानदी पर निर्मित एक बाँध है। यह सम्बलपुर से 15 किमी दूर है। इस बाँध के पीछे विशाल जलाशय है। यह परियोजना भारत में शुरू की गयी कुछ आरम्भिक परियोजनाओं में से एक है। 1957 में महानदी पर निर्मित यह बाँध संसार के सबसे लंबे बांधों में से एक है। इसकी कुल लम्बाई 26 किमी0 है। बाईं ओर लामडूंगरी पहाड़ी से लेकर 4.8 किमी0 दूर चंदीली पहाड़ी तक मुख्य बाँध है। इसके दोनों तरफ दो अवलोकन मीनार हैं ;गाँधी मीनार व नेहरू मीनार।

व्याख्या: यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। झाँसी ज़िले में बेतवा नदी पर माता टीला स्थान निर्मित माता टीला बाँध से गुरसराय और मंदर नामक दो नहरें निकाली गई हैं। जो हमीरपुर और जालौन ज़िलों की लगभग 2.64 लाख एकड़ भूमि सींचती है। इस योजना के दूसरे चरण के पूरा होने पर 4 लाख एकड़ अतिरिक्त भूमि की सिंचाई हो सकेगी।

व्याख्या: मेट्टूर तमिलनाडु के पूरे राज्य में सबसे बड़े बांधों में से एक है। यह धर्मपुरी जिले में स्थित है। यह कावेरी नदी पर एक कण्ठ में बनाया गया है। कावेरी एक बहुत तेजी से बहने वाली नदी है।

व्याख्या: कोयना बांध का निर्माण 1863 में हुआ। यह सांगली जिले की कोयना नदी पर बना है। यह महाराष्ट्र का सब से बड़ा बांध है। 

व्याख्या: अल्माटी बांध उत्तर कर्नाटक, भारत में कृष्णा नदी पर एक जलविद्युत परियोजना है जो जुलाई 2005 में पूरी हुई थी। बांध का वार्षिक बिजली उत्पादन 560 MU (या GWh) है।

व्याख्या: हीराकुण्ड बाँध ओडीसा में महानदी पर निर्मित एक बाँध है। यह सम्बलपुर से 15 किमी दूर है। इस बाँध के पीछे विशाल जलाशय है। यह परियोजना भारत में शुरू की गयी कुछ आरम्भिक परियोजनाओं में से एक है। 1957 में महानदी पर निर्मित यह बाँध संसार के सबसे लंबे बांधों में से रावी प्रमुख सिंचाई योजना ऊपरी बारी दोआब नहर विद्युत गृह 1, 2, 3 ऊपरी बारी दोआब नहर - प्रमुख सिंचाई नहर

व्याख्या: थीन बाँध परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। पंजाब के पठानकोट ज़िले में रावी नदी पर थीन बाँध बनाया गया है। इसको 'रणजीत सागर बाँध' के नाम से भी जाना जाता है।

थीन बाँध का निर्माण सन 1982 में शुरू हुआ था तथा यह 1999 में बनकर पूरा हुआ था। इस परियोजना की निम्नलिखित इकाइयाँ हैं- रणजीत सागर बाँध रणजीत सागर बाँध प्रमुख सिंचाई योजना - जम्मू रणजीत सागर बाँध प्रमुख सिंचाई योजना - पंजाब रंजीत सागर जलाशय

व्याख्या: चंबल नदीमध्य भारत में यमुना नदी की सहायक नदी है। यह नदी 'जानापाव पर्वत ' महू से निकलती है। इसका प्राचीन नाम 'चरमवाती ' है। इसकी सहायक नदिया शिप्रा, सिंध, काली सिन्ध, ओर कुनू नदी है। यह नदी भारत में उत्तर तथा उत्तर-मध्य भाग में राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना आदि जिलो से होकर बहती है। यह नदी दक्षिण मुड़ कर उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना में शामिल होने के पहले राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच सीमा बनाती है। इस नदी पर चार जल विधुत परियोजना -गांधी सागर, Rana pratap sagar (chittorghar), जवाहर सागर और कोटा वेराज (कोटा)- चल रही है। प्रसिद्ध चूलीय जल प्रपातचंबल नदी (कोटा) मे है।

व्याख्या: बराकर नदी (हिन्दी: बराकर नदी) पुर्वी भारत में दामोदर नदी की मुख्य सहायक नदी है। हजारीबाग के पद्ममा से निकलते हुए, यह छोटा नागपुर पठार के उत्तरी भाग में बहती हुई, डिसरगड़, वर्दमान में दामोदर नदी से मिल जाती है।

दामोदर घाटी परियोजना के अन्तर्गत बराकर नदी पर बाँध निर्माण कर एक जलाशय का निर्माण किया गया है, जो मैथन डैम के नाम से प्रसिद्ध है। इस डैम से जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है।

व्याख्या: मेट्टूर तमिलनाडु के पूरे राज्य में सबसे बड़े बांधों में से एक है। यह धर्मपुरी जिले में स्थित है। यह कावेरी नदी पर एक कण्ठ में बनाया गया है। कावेरी एक बहुत तेजी से बहने वाली नदी है।

व्याख्या: अल्माटी बांध उत्तर कर्नाटक, भारत में कृष्णा नदी पर एक जलविद्युत परियोजना है जो जुलाई 2005 में पूरी हुई थी। बांध का वार्षिक बिजली उत्पादन 560 MU (या GWh) है।

व्याख्या: भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण तथा आधुनिक तकनीक से बनाया हुआ बाँध है। यह बाँध नागार्जुन सागर परियोजना के अंतर्गत बनाया गया है। बाँध कृष्णा नदी पर बना है एवं इसका जलाशय दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाता है।. नागार्जुन सागर बाँध आँध्र प्रदेश में बहुत ही लोकप्रिय एवं आकर्षण का केन्द्र है।

व्याख्या: हीराकुण्ड बाँध ओडीसा में महानदी पर निर्मित एक बाँध है। यह सम्बलपुर से 15 किमी दूर है। इस बाँध के पीछे विशाल जलाशय है। यह परियोजना भारत में शुरू की गयी कुछ आरम्भिक परियोजनाओं में से एक है। 1957 में महानदी पर निर्मित यह बाँध संसार के सबसे लंबे बांधों में से एक है। इसकी कुल लम्बाई 26 किमी0 है। बाईं ओर लामडूंगरी पहाड़ी से लेकर 4.8 किमी0 दूर चंदीली पहाड़ी तक मुख्य बाँध है। इसके दोनों तरफ दो अवलोकन मीनार हैं ;गाँधी मीनार व नेहरू मीनार।


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