भारत की बहुद्देश्यीय परियोजनाएं MCQ - GK Quiz (Set-2)

भारत की बहुद्देश्यीय परियोजनाएं से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की बहुद्देश्यीय परियोजनाएं समान्य ज्ञान

व्याख्या: यह बांध सतलज नदी पर बना है। यह बांध दो बांधों भाखड़ा और नांगल बांधों से मिलकर बना है। भाखड़ा बांध नांगल बांध से 13 किमी दूर बना है।भाखड़ा बांध का पानी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान जैसे राज्यों को मिलता है।

व्याख्या: सरदार सरोवर दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा बांध है। यह नर्मदा नदी पर बना 138 मीटर ऊँचा (नींव सहित 163 मीटर) है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं हैं और इनका लगातार विरोध होता रहा है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी पहुंचाना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है लेकिन ये परियोजनाएं अपनी अनुमानित लागत से काफ़ी ऊपर चली गई हैं।

व्याख्या: दामोदर पश्चिम बंगाल तथा झारखंड में बहने वाली एक नदी है। इस नदी के जल से एक महत्वाकांक्षी पनबिजली परियोजना दामोदर घाटी परियोजना चलाई जाती है जिसका नियंत्रण डी वी सी करती है। दामोदर नदी झारखण्ड के छोटा नागपुर क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी बंगाल में पहुँचती है। हुगली नदी के समुद्र में गिरने के पूर्व यह उससे मिलती है।

व्याख्या: परम्बिकुलम अलियार परियोजना केरल और तमिलनाडु की सयुंक्त परियोजना है। इस परियोजना के अंतर्गत अन्नामलाई पहाड़ियों में बहने वाली छ: और नीचे मैदानों में पश्चिम की तरफ़ बहने वाली दो नदियों को मोड़कर चलाकुड़ी नदी में मिलाया गया है।

व्याख्या: जायकवाड़ी परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजना है। इस परियोजना में महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में जायकवाड़ी गाँव के निकट गोदावरी नदी पर बाँध बनाया गया है।जायकवाड़ी बाँध की कुल लंबाई लगभग 10 कि.मी. है। बाँध के पीछे काफ़ी बड़ा जलाशय बन गया है, जिसे 'नाथसागर जलाशय' कहते हैं। इस बाँध का मुख्य उद्देशय महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में सिंचाई क्षमता में वृद्धि करना था। बाँध के बनने से औरंगाबाद, जलना, अहमदनगर और परभानी ज़िलों की सिंचाई होती है। यहाँ पर 12 मेगावाट की क्षमता का विद्युत गृह लगाया गया है।

व्याख्या: जोग प्रपात को जरस्पा प्रपात भी कहा जाता है। यह शिमोगा, कर्नाटक से 104 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। एशिया के सबसे ऊँचे जल प्रपात के रूप में जाना जाने वाला जोग प्रपात कर्नाटक का मुख्य पर्यटक स्थल और आकर्षण का केन्द्र है।

व्याख्या: बगलिहार परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजना है। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर में दूसरी विद्युत परियोजना है, जो डोडा क्षेत्र में पाकिस्तान की ओर बहने वाली चिनाब नदीपर स्थित है।

व्याख्या: कोयना परियोजना भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। यह महाराष्ट्र के सतारा ज़िले में देशमुखबाड़ी के निकट पोफली में स्थित है।स परियोजना के पहले चरण में भूमिगत विद्युतगृह की स्थापना की गई थी। इस विद्युतगृह से 5,40,000 किलोवाट का संप्रति उत्पादन हो रहा है। इसके अतिरिक्त 3,20,000 किलोवाट विद्युत के उत्पादन के निमित्त व्यवस्था की जा रही है।

व्याख्या: नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना हिमाचल प्रदेश के किंनौर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाई जा रही है।परियोजना में 250X6=1500 मेगावाट की विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं।

व्याख्या: नाथपा झाकड़ी जलविद्युत परियोजना हिमाचल प्रदेश के किंनौर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाई जा रही है।परियोजना में 250X6=1500 मेगावाट की विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं।

व्याख्या: भाखड़ा नांगल परियोजना पंजाब में सतलुज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है।यह बाँध हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह बाँध 261 मीटर ऊँचे टिहरी बाँध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है। इसकी उँचाई 255.55 मीटर (740 फीट) है। अमेरिका का 'हुवर बाँध' 743 फीट ऊँचा है।

व्याख्या: नासिक के निकट महाराष्ट्रा।

व्याख्या: चूखा परियोजना भारत और भूटान के सहयोग से बनायी गई परियोजना है। 84x4=336 मेगावाट की यह परियोजना भूटान में रायडक या वांग-चू नदी पर बनाई गयी है। इस परियोजना का निर्माण सन 1970 में शुरू हुआ था और 1991 में यह परियोजना पूर्ण रूप से कार्य करने लगी थी।

व्याख्या: इंदिरा गाँधी नहर (अंग्रेज़ी: Indira Gandhi Canal)‌ को 'राजस्थान नहर' के नाम से भी जाना जाता है।

व्याख्या: हीराकुंड परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत उड़ीसा राज्य में संबलपुर ज़िले से 15 कि.मी. दूर महानदी पर हीराकुंड बाँध बनाया गया है।विद्युत-गृहों की कुल क्षमता 307.5 मेगावाट है। इस विद्युत-शक्ति का उपयोग उड़ीसा, बिहार, झारखंड में विभिन्न कारखानों तथा औद्योगिक इकाइयों में किया जा रहा है।

व्याख्या: हीराकुंड परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत उड़ीसा राज्य में संबलपुर ज़िले से 15 कि.मी. दूर महानदी पर हीराकुंड बाँध बनाया गया है।विद्युत-गृहों की कुल क्षमता 307.5 मेगावाट है। इस विद्युत-शक्ति का उपयोग उड़ीसा, बिहार, झारखंड में विभिन्न कारखानों तथा औद्योगिक इकाइयों में किया जा रहा है।

व्याख्या: यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। यह कर्नाटक व आन्ध्रप्रदेश राज्य का संयक्त उपक्रम है। यह बाँध तुंगभद्रा नदी पर बनाया गया है (यह कृष्णा नदी की सहायक नदी है )

व्याख्या: यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना है। इस परयोजना के अन्तर्गत कर्नाटक के बेलग्राम और बीजापुर जिले में घटप्रभा नदी पर बांध का निर्माण कर बहुत बड़े क्षेत्र को सिंचित करने की योजना है।

व्याख्या: काकरापार परमाणु ऊर्जा संयन्त्र, भारत का एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है जो गुजरात के व्यारा नगर के समीप स्थित है। यहाँ पर 220 मेगावाट क्षमता के दो परमाणु रिएक्टर हैं, जो दाबित भारी जल रिएक्टर हैं। इसकी पहली ईकाई (KAPS-1)3 सितम्बर 1992 में क्रान्तिक (क्रिटिकल) हुई थी। हो गयी थी तथा मैइ 1993 से वाणिज्यिक स्तर पर विद्युत उत्पादन आरम्भ हो गया था।यह परियोजना ताप्ती नदी पर स्थित है। गुजरात राज्य में सूरत से 80 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है।

व्याख्या: यह उत्तर प्रदेश की एक नहर है। झाँसी ज़िले में बेतवा नदी पर माता टीला स्थान निर्मित माता टीला बाँध से गुरसराय और मंदर नामक दो नहरें निकाली गई हैं। जो हमीरपुर और जालौन ज़िलों की लगभग 2.64 लाख एकड़ भूमि सींचती है। इस योजना के दूसरे चरण के पूरा होने पर 4 लाख एकड़ अतिरिक्त भूमि की सिंचाई हो सकेगी।


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