भारत के उद्योग से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz (Set-2)

भारत के उद्योग (Industries of India) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत के उद्योग समान्य ज्ञान

व्याख्या: पहला सीमेंट संयंत्र कटनी सीमेंट एंड इंडस्ट्रियल कंपनी द्वारा 1914 में मध्य प्रदेश के कटनी में स्थापित किया गया था । बानमोर सीमेंट संयंत्र की स्थापना वर्ष 1922-23 में हुई थी। कैमूर सीमेंट संयंत्र और सतना संयंत्र क्रमशः 1923 और 1959 में स्थापित किए गए थे।

व्याख्या: डालमियादाद्री सीमेंट कारखाना हरियाणा राज्य में स्थित है। हरियाणा में सीमेंट कारखाने चरखी दादरी, सुरजपुर में है।

व्याख्या: सीमेंट आधुनिक भवन निर्माण मे प्रयुक्त होने वाली एक प्राथमिक सामग्री है। सीमेंट मुख्यतः कैल्शियम के सिलिकेट और एलुमिनेट यौगिकों का मिश्रण होता है, जो कैल्शियम ऑक्साइड, सिलिका, एल्यूमीनियम ऑक्साइड और लौह आक्साइड से निर्मित होते हैं।

सीमेंट बनाने कि लिये चूना पत्थर और मृत्तिका (क्ले) के मिश्रण को एक भट्ठी में उच्च तापमान पर जलाया जाता है और तत्पश्चात इस प्रक्रिया के फल:स्वरूप बने खंगर (क्लिंकर) को जिप्सम के साथ मिलाकर महीन पीसा जाता है और इस प्रकार जो अंतिम उत्पाद प्राप्त होता है उसे साधारण पोर्टलैंड सीमेंट (सा.पो.सी.) कहा जाता है।

व्याख्या: बोकारो स्टील प्लांट भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का इस्पात संयत्र है जो सोवियत संघ के सहयोग से बना था। यह झारखण्ड के बोकारो में स्थित है। यह संयंत्र भारत के प्रथम स्वदेशी इस्पात संयंत्र के रूप में जाना जाता है।

व्याख्या: भारत में आधुनिक ढंग की सीमेंट बनाने का पहला कारख़ाना 1904 में चेन्नई में लगाया गया, जो असफल रहा।1912-13 की अवधि में 'इण्डियन सीमेंट कं. लि.' द्वारा गुजरात के पोरबन्दर नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गयी, जिससे अक्टूबर 1914 में उत्पादन प्रारम्भ हुआ।

व्याख्या: ऐतिहासिक रूप से देश में सुपर फास्फेट उर्वरक का पहला कारख़ाना 1906 में तमिलनाडु के रानीपेट नामक स्थान पर स्थापित किया गया था। 1944 में कर्नाटक के बैलेगुल नामक स्थान पर 'मैसूर केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स' के नाम से अमोनिया उर्वरक का कारख़ाना स्थापित किया गया। 1947 में अमोनियम सल्फेट का पहला कारख़ाना केरल के अलवाये नामक स्थान पर खोला गया।

व्याख्या: भारतीय उर्वरक निगम (फर्टिलाइजर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया) की स्थापना 1951 में हुई थी। यह भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का निगम है। इसके अन्तर्गत सिन्दरी (3 इकाइयाँ, स्थापना- 1951 में, एशिया का सबसे बड़ा उर्वरक संयत्र) गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) रामागुण्डम (आंध्र प्रदेश) तलचर (उड़ीसा) ट्राम्बे (मुम्बई) आदि कारखाने स्थापित किये गये हैं।

व्याख्या: आधुनिक ढंग का पहला कारख़ाना सन् 1716 में चेन्नई के समीप ट्रंकवार नामक स्थान पर डॉ. विलियम कोरे द्वारा स्थापित किया गया जो सफल नहीं हो सका। इसी प्रकार 1870 में हुगली नदी के किनारे एक कारख़ाना लगाया गया, जो पुनः असफल हो गया। काग़ज़ उद्योग का प्रथमतः सफल कारख़ाना 1879 में लखनऊ में लगाया गया और 1881 में टीटागढ़ में भी सफल कारख़ाना लगा। 2000-01 में भारत में काग़ज़ उद्योग के कारखानों की संख्या 515 थी जो वर्तमान में बढ़कर 600 से अधिक हो गई।

व्याख्या: उत्तर प्रदेश में दियासलाई उद्योग का प्रमुख केन्द्र बरेली है। बरेली के अतिरिक्त सहारनपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, मेरठ, छावनी और रामपुर में भी दियासलाई के कारखाने हैं।

व्याख्या: नेपा लिमिटेड भारत में अखबारी कागज बनाने वाला भारत सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र का अग्रणी उपक्रम है। यह मूलतः निजी उद्यमी द्वारा 1947 में चालू किया गया। वर्ष 1949 में मध्य प्रदेश सरकार ने प्रबंधन अपने हाथ में लिया और वर्ष 1959 में केन्द्र सरकार के अधीन होकर सार्वजनिक उपक्रम बना। नेपा लिमिटेड देश में प्रथम अखबारी कागज का कारखाना है।

व्याख्या: हैवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड या 'HECL' एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ('पीएसयू') रांची, झारखंड में स्थित है। HECL का निर्माण सन 1958 में भारत के सबसे बड़े एकीकृत इंजीनियरिंग के रूप में हुई थी।। ये निर्माण अन्य कल कारखानों में सप्लाई होने वाले उपकरणों और भरी मशीनरी का उत्पादन करती है। HECL में मशीन की निर्माण के लिए उसके अलग अलग भागों की ढलाई, रचना और उनको एकत्रित कर परिक्षण करने की साड़ी सुविधा एक ही कैंपस में उपलब्ध है।

व्याख्या: बिहार में तेल शोधक कारखाना बेगूसराय के बरौनी में है जो सोवियत संघ की मदद से स्थापित किया गया था। बरौनी उत्तरी बिहार का प्रमुख औद्योगिक नगर है। बरौनी में तेल शोधन कारखाना और एक ताप-शक्ति संयंत्र है। गंगा पर सड़क पुल और रेल पुल है। प्रमुख राजमार्गों, रेल और जलमार्गों से जुड़ा यह नगर एक कृषि व्यापार केंद्र भी है। बरौनी नगर के महाविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।

व्याख्या: भारत के वाराणसी में डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (डीएलडब्ल्यू), भारतीय रेलवे के स्वामित्व वाली एक उत्पादन इकाई है, जो डीजल-इलेक्ट्रिक इंजनों और इसके अतिरिक्त पुर्जों का निर्माण करती है।

व्याख्या: झरिया अपनी समृद्ध कोयला संसाधन के लिए प्रसिद्ध है। झरिया के कोयला से कोक बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसका प्रयोग मुख्य रूप से लोह-इस्पात उधोग मे होता है।

व्याख्या: रेलवे के सवारी डिब्बों का निर्माण करने वाली सबसे प्रमुख कम्पनी इंटीग्रल कोच फैक्टरी तमिलनाडु राज्य के पेराम्बूर (चेन्नई) में है। इसकी स्थापना 1955 में की गई थी। अन्य कम्पनियाँ है - भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड बंगलुरु, जेस्सप एण्ड कं. लि, कोलकाता तथा रेलवे कोच फैक्टरी, कपूरथला (पंजाब)।

व्याख्या: मारुति सुजुकी इंडियालिमिटेड सामान्यत: मारुतिऔर इसके पूर्व में मारुति उद्योग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह संगठन भारत में मोटर निर्माता है। यह जापानी मोटरगाडी एवं मोटरसाईकिल निर्माता सुजुकी की एक सहायक कंपनी है।

व्याख्या: महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा लिमिटेड (Mahindra & Mahindra, BSE: 500520) मुम्बई स्थित महिन्द्रा समूह की कम्पनी है। इसकी स्थापना सन् 1984 में लुधियाना में 'महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा' नाम से के सी महिन्द्रा एवं जे सी महिन्द्रा नामक दो भाइयों ने मलिक गुलाम मोहम्मद के साथ मिलकर की थी। आजादी के बाद मलिक गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गये और वहाँ के प्रथम वित्त मंत्री बने।

व्याख्या: हथकरघा उद्योग प्राचीनकाल से ही भारत की उन्नति एवं कारीगरों की आजीविका के लिए आधार प्रदान करता आया हे।हथकरघा उद्योग से निर्मित सामानों का विदेशों का भी निर्यात किया जाता है। इस उद्योग के विभिन्न कार्यो में लगभग 7 लाख व्यक्ति लगे हुए हैं।

व्याख्या: बेंगलुरु भारत की इलेक्ट्रानिक राजधानी के रूप में माना जाता है। इलेक्ट्रानिक सामान के प्रमुख उत्पादक केंद्र मुम्बई दिल्ली कोलकाता चेन्नई तथा लखनऊ है।

व्याख्या: निजी क्षेत्र में टाटा प्रबंधन के अंतर्गत 1907 में टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (TISCO) की स्थापना वर्तमान झारखंड के जमशेदपुर में की गई। इसे टाटा नगर के नाम से जाना जाता है।


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