भारत के खनिज संसाधन से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz (Set-2)

भारत के खनिज संसाधन (Mineral Resources) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत के खनिज संसाधन समान्य ज्ञान

व्याख्या: तालचेर कोयला क्षेत्र ओडिशा के अंगुल जिले में स्थित है जोकि, भारत सरकार के उपक्रम महानदी कोलफील्ड लिमिटेड के अन्तर्गत है. यह भारत की सर्ववृहत कोयला खदान है.

व्याख्या: पन्ना अपने हीरे की खानों के लिए प्रसिद्ध है, पन्ना खूबसूरत, शांत और निर्मल है: सदाबहार पेड़ों, पहाड़ों, जंगलों से अटे घास के मैदान से घिरा है। पन्ना हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला का एक बहुत अच्छा मिश्रण है, जो अपने मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। पन्ना मे प्रणामी संप्रदाय दुनिया के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ है।

व्याख्या: सोने के तीन प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें से दो कर्नाटक में स्थित हैं। वे कोलार स्वर्ण क्षेत्र, कोलार हट्टी स्वर्ण क्षेत्र और रामगिरि स्वर्ण क्षेत्र हैं, इनमें से केवल रामगिरि स्वर्ण क्षेत्र आंध्र प्रदेश में स्थित है।

व्याख्या: कर्नाटक में वर्तमान बेंगलुरु से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित, कोलार स्वर्ण क्षेत्र (कोलार गोल्ड फील्ड – केजीएफ़) संभवतः भारत में प्राचीनतम स्वर्ण भण्डार हैं. ऐतिहासिक उल्लेख बताते हैं कि यहाँ प्रथम शताब्दी ईस्वी से ही अलग-अलग समय में स्वर्ण की खुदाई होती रही है, जिनमे 900 ईस्वी से 1000 ईस्वी के बीच चोला साम्राज्य और 16वीं सदी में विजयनगर साम्राज्य से लेकर 18वीं सदी के उत्तरार्द्ध में मैसूर के राजा टीपू सुलतान के काल तक की अवधि सम्मिलित हैं. सदियों तक केजीएफ़ से दक्षिण भारत के शासकों को भारी मात्रा में धन की प्राप्ति हुयी.

व्याख्या: थोरियम धातु की खोज 1828 ई में बर्ज़ीलियसने थोराइट अयस्क में की थी। यद्यपि इसके अनेक अयस्क ज्ञात हैं, परंतु मोनेज़ाइट (monazite) इसका सबसे महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जिसमें थोरियम तथा अन्य विरल मृदाओं के फॉस्फेट रहते हैं। संसार में मोनेज़ाइट का सबसे बड़ा भंडार भारत के केरल राज्य में हैं। बिहार प्रदेश में भी थोरियम अयस्क की उपस्थिति ज्ञात हुई है। इनके अतिरिक्त मोनेज़ाइट अमरीका, आस्ट्रलिया, ब्राज़िल और मलाया में भी प्राप्त है।

व्याख्या: अभ्रक का प्रमुख अयस्क फिमाटाइट आंध्र प्रदेश, झारखण्ड, बिहार और राजस्थानमें पाया जाता है। यूएनएफसी के अनुसार भारत में अभ्रक का कुल अनुमानित भंडार 59,890 टन है, जिसमें 15 टन संरक्षित वर्ग में तथा शेष 59.875 टन संसाधान वर्ग में हैं। आंध्र प्रदेश में 67 प्रतिशत संसाधन भंडार है, इसके बाद बिहार में 22 प्रतिशत राजस्थान में 8 प्रतिशत तथा झारखण्ड मे 3 प्रतिशत है।

व्याख्या: जादूगोड़ा झारखंड प्रान्त के पूर्वी सिंहभूम जिले का एक शहर है जो शहर के दक्षिण पश्चिम हिस्से में स्थित है। जादूगोड़ा अपने यूरेनियम की खानों के लिये मशहूर है। जादूगोड़ा का पुराना नाम जारागोरा हुआ करता था, जादूगोड़ा में एक छोटी सी कॉलोनी है जिसमें यूरेनियम खान को नियंत्रित करने वाली कंपनी यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में काम करने वाले लोग रहते हैं। कॉलोनी के आसपास अन्य लोग भी रहते हैं और इन छोटे छोटे गांवों के अलग अलग नाम हैं।

व्याख्या: डेगाना भारत के राजस्थान राज्य में नागौर जिले का एक प्रमुख शहर है। डेगाना (राजस्थान) में का एक मात्र टंगसटन की खान स्थित है

व्याख्या: धाारवाड़ तंत्र की चट्टानें सबसे महत्त्वपूर्ण खनिज युक्त रॉक तंत्र हैं। देश की लगभग सभी प्रमुख धाातुएँ - लोहा, ताँबा, सोना, क्रोमियम आदि इन्हीं चट्टानों से मिलती हैं।

व्याख्या: अंकलेश्वर पेट्रोकेमिकल उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। आजादी के बाद 1958 में खेड़ा (अब आनंद जिले में) के लुंज में गुजरात में पहली बार तेल गिराया गया था। इसके बाद अंकलेश्वर, महेसाणा, कलोल आदि में तेल मिला।

व्याख्या: झरिया अपनी समृद्ध कोयला संसाधन के लिए प्रसिद्ध है। झरिया के कोयला से कोक बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसका प्रयोग मुख्य रूप से लोह-इस्पात उधोग मे होता है। झरिया धनबाद शहर और अर्थव्यवस्था के विकास में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और धनबाद शहर के एक भाग के रूप में माना जा सकता है है। झरिया झारखंड राज्य में पन्द्रहवें सबसे बड़ा शहर है। [ 

व्याख्या: कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कुल प्रयुक्त ऊर्जा का 35% से 40% भाग कोयलें से पाप्त होता हैं। विभिन्न प्रकार के कोयले में कार्बन की मात्रा अलग-अलग होती है। कोयले से अन्य दहनशील तथा उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त किया जाता है। ऊर्जा के अन्य स्रोतों में पेट्रोलियम तथा उसके उत्पाद का नाम सर्वोपरि है।

व्याख्या: लिग्नाइट (Lignite) निकृष्ट वर्ग का पत्थर कोयला है। इसका रंग कत्थई या काला-भूरा होता है तथा आपेक्षिक घनत्व भी पत्थर कोयला से कम होता है। यह वानस्पतिक ऊतक (plant tissue) के रूपांतरण की प्रारंभिक अवस्था को प्रदर्शित करता है। लाखों वर्ष पूर्व वानस्पतिक विकास की दर संभवत: अधिक द्रुत थी।

व्याख्या: भारत के वाणिज्यिक कोयला उद्योग का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है. बताया जाता है कि वर्ष 1774 में जॉन सुमनेर और हिटली ने रानीगंज कोयला क्षेत्र और साथ में दामोदर नदी के पश्चिमी किनारे में कोयला खनन का काम शुरू किया था. 

व्याख्या: भारत में कोलमाइनिंग की शुरुआत सबसे पहले रानीगंज कोलफील्ड में हुई। 1774 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के जॉन सुमनेर और सुएटोनियस ग्रांट हीटली को इथोरा के पास कोयला मिला, जो वर्तमान में सालनपुर सामुदायिक विकास खंड में है।

व्याख्या: भारत में कोलमाइनिंग की शुरुआत सबसे पहले रानीगंज कोलफील्ड में हुई। 1774 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के जॉन सुमनेर और सुएटोनियस ग्रांट हीटली को इथोरा के पास कोयला मिला, जो वर्तमान में सालनपुर सामुदायिक विकास खंड में है।

व्याख्या: झरिया अपनी समृद्ध कोयला संसाधन के लिए प्रसिद्ध है। झरिया के कोयला से कोक बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसका प्रयोग मुख्य रूप से लोह-इस्पात उधोग मे होता है। झरिया धनबाद शहर और अर्थव्यवस्था के विकास में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और धनबाद शहर के एक भाग के रूप में माना जा सकता है है। झरिया झारखंड राज्य में पन्द्रहवें सबसे बड़ा शहर है।

व्याख्या: भारत के कुल कोयला उत्पादन का सर्वाधिक हिस्सा गोंडवाना युगीन चट्टानों में मिलता है. यह पूरा इलाका तकरीबन 90,650 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इसका सबसे प्रमुख क्षेत्र झारखंड,पश्चिम बंगाल, और ओड़िशा राज्यों में फैला है, जहां से कुल उत्पादन का 76 प्रतिशत कोयला हासिल किया जाता है. इसके अलावा, 17 प्रतिशत कोयला मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ तथा छह प्रतिशत कोयला आंध्र प्रदेश में मिलता है.

व्याख्या: झरिया अपनी समृद्ध कोयला संसाधन के लिए प्रसिद्ध है। झरिया के कोयला से कोक बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है, जिसका प्रयोग मुख्य रूप से लोह-इस्पात उधोग मे होता है। झरिया धनबाद शहर और अर्थव्यवस्था के विकास में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और धनबाद शहर के एक भाग के रूप में माना जा सकता है है। झरिया झारखंड राज्य में पन्द्रहवें सबसे बड़ा शहर है।

व्याख्या: दामोदर नदी छोटा नागपुर की पहाड़ियों से निकलती है। इसकी सहायक नदियों में कोणार, बोकारो और बराकर प्रमुख है।


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