भारत की जनजातियाँ से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz (Set-2)

भारत की जनजातियाँ (Tribes of India से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

भारत की जनजातियाँ समान्य ज्ञान

व्याख्या: बोडो पूर्वोत्तर भारत के असम व मेघालय राज्यों और बांग्लादेश में तिब्बती-बर्मी भाषाएं बोलने वाले लोगों का समूह है। बोडो असम में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है और ब्रह्मपुत्र नदी की घाटी के उत्तरी क्षेत्रों में केंद्रित है। इनमें से अधिकतर लोग किसान बन गए हैं, यद्यपि पहले वे जगह बदलकर खेती किया करते थे।

व्याख्या: गडरिया जनजाति हिमाचल प्रदेश की पश्चिमी सीमा पर पाई जाती है। इनकी क़द-काठी राजस्थान की मरुभूति के राजपूत समाज से मिलती है। यह भी अपने आप को राजस्थान के ' शासकों के वंशज बातते हैं। इस जनजाति का विश्वास है कि मुग़लों के आक्रमण काल में धर्म एवं समाज की पवित्रता बनाये रखने के लिए यह राजस्थान छोड़कर पवित्र हिमालय की शरण में यहाँ के सुरक्षित भागों में आकर बस गये।

व्याख्या: शोम पेन जनजाति पायी निकोबार द्वीप समूह में पाई जाती है। ये द्वीप के दक्षिणी ओर वास करते है ये स्वयं को कालाय कहते है।

व्याख्या: सहरिया भारत की एक प्रमुख जनजाति है। ये जनजाति मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के मध्य भारत के पठार में निवास करती है। यह जनजाति राजस्थान के बारन जिले में भी पाई जाती है। ये राजस्थान की एकमात्र आदिम जाति है।

व्याख्या: भील मध्य भारत की एक जनजाति का नाम है। भील जनजाति भारत की सर्वाधिक विस्तृत क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है। भील जनजाति के लोग भील भाषा बोलते है। भील दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जनजाति है। भील जनजाति भारत में राजस्थान,मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र और गुजरात राज्य में वास करती है।

व्याख्या: गोंड समुदाय, भारत की एक प्रमुख जातीय समुदाय हैं। भारत के कटि प्रदेश - विंध्यपर्वत, सतपुड़ा पठार, छत्तीसगढ़ मैदान में दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम - में गोदावरी नदी तक फैले हुए पहाड़ों और जंगलों में रहनेवाली आस्ट्रोलायड नस्ल तथा द्रविड़ परिवार की एक जाति, जो संभवत: पाँचवीं-छठी शताब्दी में दक्षिण से गोदावरी के तट को पकड़कर मध्य भारत के पहाड़ों में फैल गई।

व्याख्या: गोंड समुदाय, भारत की एक प्रमुख जातीय समुदाय हैं। भारत के कटि प्रदेश - विंध्यपर्वत, सतपुड़ा पठार, छत्तीसगढ़ मैदान में दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम - में गोदावरी नदी तक फैले हुए पहाड़ों और जंगलों में रहनेवाली आस्ट्रोलायड नस्ल तथा द्रविड़ परिवार की एक जाति, जो संभवत: पाँचवीं-छठी शताब्दी में दक्षिण से गोदावरी के तट को पकड़कर मध्य भारत के पहाड़ों में फैल गई।

व्याख्या: बिरहोर, भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं। मुख्यत: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में निवास करने वाली बिरहोर जनजाति विशेष जनजातियों में शामिल है। बिरहोर जनजाति के संबंध में ये मान्यता है कि ये जिस पेड़ को छू देते हैं उस पर कभी बंदर नहीं चढ़ता।

व्याख्या: ओराँव या उराँव छोटा नागपुर क्षेत्र का एक आदिवासी समूह है। ये भारत के केन्द्रीय एवं पूर्वी राज्यों में तथा बंगलादेश के निवासी हैं। धुमकुरिया का लक्ष्य होता है - किशोर–किशोरियों को सामाजिक, सांस्कृतिक, शिकार और आर्थिक गतिविधियों का प्रशिक्षण देना।

व्याख्या:

व्याख्या: पर्यावरण मंत्रालय के बयान के अनुसार, चेंचू जनजाति आंध्र प्रदेश के नागार्जुन श्रीशैलम क्षेत्र में वन्यजीव के संरक्षण से संबंधित है। चेंचू जनजाति दक्षिण भारत की सबसे बड़ी जनजाति है। चेंचू जनजाति चेंचू भाषा बोलती है।

व्याख्या: हरियाणा ने किसी भी आदिवासी समुदाय की पहचान नहीं की है। हरियाणा को 17वें भारतीय राज्य के रूप में 1 नवंबर 1966 को पंजाब से अलग किया गया था।

व्याख्या: थारू, नेपाल और भारत के सीमावर्ती तराई क्षेत्र में पायी जाने वाली एक जनजाति है। नेपाल की सकल जनसंख्या का लगभग 6.6% लोग थारू हैं। भारत में बिहार के चम्पारन जिले में और उत्तराखण्ड के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में थारू पाये जाते हैं। तराई क्षेत्र भारत, नेपाल एवं भूटान में स्थित हिमालय के आधार के दक्षिण में स्थित क्षेत्रों को कहते हैं। यह क्षेत्र पश्चिम में यमुना नदी से लेकर पूरब में ब्रह्मपुत्र नदी तक फैला हुआ है।

व्याख्या: कुकी भारत और म्यांमार के बीच की सीमा की मिज़ो पहाड़ियों पर रहने वाले दक्षिण-पूर्वी एशियाई लोग है। ये बलिष्ठ एवं ठिंगने होते हैं और नागा लोगों की अपेक्षा अधिक खूंखार समझे जाते हैं। आज से लगभग सौ वर्ष पूर्व लुशाई और कुकी लोगों में युद्ध हुआ जिसमें कुकी लोगों की हार हुई और वे अपना निवास छोड़कर काचार में आ बसे।

व्याख्या: टोडा जनजाति के लोग तमिलनाडु के एकान्त नीलगिरि पठार पर रहते हैं। यह टोडा भाषा बोलते हैं, जो कन्नड़ भाषा से सम्बन्धित एक द्रविड़ भाषा है।

व्याख्या: गरसिया जनजाति के लोग मुख्यतः राजस्थान और गुजरात में निवास करते हैं। ये लोग मुख्यतः राजस्थान के पाली, सिरोही और उदयपुर क्षेत्रों से विस्थापित हैं। राजस्थान के भील सदियो पहले स्थलांतरित करके उत्तर गुजरात अरवल्ली -भिलोडा, मेघरज, साबरकाँठा- विजयनगर, बनासकांठा में निवास कर रहे हैं जो अभी आदिवासी डुंगरी गरासिया नाम से पहेचाने जाते है।

व्याख्या: भील मध्य भारत की एक जनजाति है। भील जनजाति के लोग भील भाषा बोलते है। भील, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक अनुसूचित जनजाति है, अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी भील पूर्वजों के वंशज हैं। भील त्रिपुरा और पाकिस्तान के सिन्ध के थारपरकअर जिले में भी बसे हुये हैं।

व्याख्या: नीलगिरि भारत के पश्चिमी घाट की एक पर्वतमाला है। यहां की जनजातियों में टोडा, बडागा तथा कोटा प्रमुख हैं।

व्याख्या: थारू, नेपाल और भारत के सीमावर्ती तराई क्षेत्र में पायी जाने वाली एक जनजाति है। नेपाल की सकल जनसंख्या का लगभग 6.6% लोग थारू हैं। भारत में बिहार के चम्पारन जिले में और उत्तराखण्ड के नैनीताल और ऊधम सिंह नगर में थारू पाये जाते हैं।

व्याख्या:


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