1857 का विद्रोह ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित - GK Quiz (Set-3)

सवतंत्रता आंदोलन - 1857 का विद्रोह ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन और उत्तर विस्तृत समाधान के साथ। सवतंत्रता आंदोलन - 1857 का विद्रोह MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

सवतंत्रता आंदोलन - 1857 का विद्रोह

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 3)

व्याख्या: 1857 विद्रोह का प्रारम्भ एक बंदूक की वजह से हुआ। सिपाहियों के बीच अफ़वाह फ़ैल चुकी थी कि कारतूस में लगी हुई चर्बी सुअर और गाय के मांस से बनायी जाती है। यह हिन्दू और मुसलमान सिपाहियों दोनों की धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध था।

व्याख्या: तात्या का वास्तविक नाम रामचंद्र पाण्डुरंग राव था, परंतु लोग स्नेह से उन्हें तात्या के नाम से पुकारते थे। तात्या टोपेभारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख सेनानायक थे। उन्होंने कानपुर में विद्रोही सैनिकों का नेतृत्व किया।

व्याख्या: 1857 की क्रांति की शुरुआत एक सैन्य विद्रोह के रूप में हुई।
कालांतर में इसका स्वरूप बदलकर ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध एक जनव्यापी विद्रोह के रूप में हो गया, जिसे भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहा गया।

व्याख्या: रमेशचन्द्र मजुमदार भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार थे। वे प्रायः 'आर सी मजुमदार' नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं। उन्होने ने प्राचीन भारत के इतिहास पर बहुत कार्य किया। उन्होने भारत की स्वाधीनता के इतिहास पर भी बहुत कुछ लिखा है। उन्होने कहा था कि 1857 का विद्रोह 'न तो पहला, न ही राष्ट्रीय, न ही स्वतंत्रता संग्राम था'

व्याख्या: अंग्रेजों के सत्तासीन होने के उपरांत मेरठ एक बड़ा सेना का केन्द्र रहा है। 10 मई, 1857 को अंग्रेजी शासन के खिलाफ ब्रिटिश सेना के भारतीय जवानों द्वारा विद्रोह यहीं से आरंभ हुआ। उन्होंने मेरठ शहर पर एक दिन में ही नियंत्रण कर लिया तथा दिल्ली के लाल किंले की ओर कूच कर दिया जो किं संपूर्ण भारत पर नियंत्रण का द्योतक था।

व्याख्या: इतिहासकार के.सी. यादव के अनुसार, 1857 की क्रांति वास्तव में अंबाला में शुरू हुआ था, न कि मेरठ में, जैसा कि आमतौर पर माना जाता है।

उन्होंने अपनी खोज को 'हरियाणा में 1857 की क्रांति' नामक पुस्तक में दर्ज किया था। रोहतक के रांघड़ों ने खरखौदा के किसान नेता बिसारत अली और बाबर खान के नेतृत्व में विद्रोह किया और अपने इलाके से ब्रिटिश शासन के सभी प्रतीकों को समाप्त कर दिया।

उन्हें दिल्ली के तफज्जल हुसैन से मदद मिली। उन्होंने न केवल आधिकारिक रिकॉर्ड, कागजात और दस्तावेजों को नष्ट कर दिया, बल्कि रिकॉर्ड को भी जला दिया और अमीर लोगों को लूट लिया।<उन्होंने कार्यालयों, सार्वजनिक भवनों और न्यायाधीशों के न्यायालय को भी जला दिया।

कैदियों को छुड़ाने के लिए वे जिला जेल में घुस गए। तफज्जल हुसैन ने सांपला शहर पर हमला किया और उन सभी इमारतों को जला दिया जिनमें यूरोपीय लोग रहते थे। महम, मदीना और मंदोठी में सीमा शुल्क बंगलों को भी जला दिया गया था और जिले के खजाने से पैसा जब्त कर लिया गया था।

व्याख्या: नरवर का राजा मानसिंह अंग्रेजों से मिल गया और उसकी गद्दारी के कारण तात्या 8 अप्रैल, 1859 को सोते में पकड लिए गये। विद्रोह और अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध लडने के आरोप में 15 अप्रैल, 1859 को शिवपुरी में तात्या का कोर्ट मार्शल किया गया,और उन्हें मौत की सजा दी गयी।

व्याख्या: चित्तौड़ 1857 की क्रांति से प्रभावित नहीं था जबकि झांसी जगदीशपुर और लखनऊ क्रांति के केंद्र रहे।झाँसी के विद्रोह की कमान रानी लक्ष्मी बाई के पास थी।जगदीशपुर की कमान कुंवर सिंह के पास थी।लखनुऊ में बेगम हजरत महल और मौलवी अह्म्दूला ने अंग्रेजों का प्रतिरोध किया।

व्याख्या: डब्ल्यू. फोर्ड 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गुरुग्राम के कलेक्टर थे। दिल्ली से बगावत की आग गुरुग्राम जिले में फैल गई। जब लगभग 300 सैनिकों ने दिल्ली से गुरुग्राम की ओर कूच किया, तो उन्हें स्थानीय लोगों का भरपूर समर्थन मिला।

गुड़गांव कलेक्टर-मजिस्ट्रेट डब्ल्यू. फोर्ड ने 12 मई को गुरुग्राम के पास एक गांव बिजवासन में 'विद्रोहियों' को रोकने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।

व्याख्या: 1857 ई. के विद्रोह के सम्बन्ध में एचिंसन ने कहा कि' 'इस मिसाल में हम मुसलमानों को हिन्दुओं से भिड़ा नहीं पाए।

व्याख्या: कार्ल मार्क्स (1818 - 1883) जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, पत्रकार और वैज्ञानिक समाजवाद के प्रणेता थे। कार्ल मार्क्स 1857 के विद्रोह के बारे में कहते हैं कि वह (जॉन बुल) जिस चीज को फौजी गदर समझता है, वह असल में एक कौमी बगावत है. अर्थात कार्ल मार्क्स साफ थे कि 1857 का विद्रोह महज सिर्फ नाराज सैनिकों की ब्रिटिश राज से बगावत नहीं है, बल्कि इसमें अंग्रेजों के सामाजिक-आर्थिक शोषण से तंग आ चुके किसान भी शामिल हैं। बाद में उन्होंने इसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम बताया।

व्याख्या: बहादुर शाह ज़फर (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह, और उर्दू के जानेे-माने शायर थे। उन्होंने 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया। युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया जहाँ उनकी मृत्यु हुई।मेजर हडसन मुगल सम्राट को गिरफ्तार किया।

व्याख्या: मंगल पांडे 34वीं नेटिव इन्फेंट्री का सिपाही था। मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में चर्बी वाले कारतूसों का इस्तेमाल करने से मना कर दिया और अपने अधिकारी की हत्या कर दी। अंग्रेजों ने 34वीं नेटिव इन्फेंट्री रेजिमेंट को भंग कर दिया और अपराधियों की सजा दी।

व्याख्या: जनरल बख्त खान की पहचान 1857 की क्रान्ति में एक मुख्य क्रांतिकारी के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म रोहिलखंड में बिजनौर में हुआ था, ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में सूबेदार थे और ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ 1857 के भारतीय विद्रोह में भारतीय विद्रोही बलों के कमांडर-इन-चीफ थे। उन्होंने 1857 के विद्रोह के दौरान दिल्ली में विद्रोह का सैन्य-नेतृत्व किया।

व्याख्या: मौलवी लियाकत अली का जन्म इलाहाबाद के महगांव नामक गाँव में हुआ था। 1857 ई. में इन्होने इलाहाबाद से स्वतंत्रा संग्राम की लड़ाई अंग्रेजो के खिलाफ लड़ी। मौलवी लियाकत अली नामक एक कट्टर स्वतंत्रता-भक्त जल्दी ही उस क्रांति का नेता थे। क्रांति के महानायक मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फर के आह्वान से प्रेरित होकर 1857 के गदर में कूद पड़े और इलाहाबाद से विद्रोह का नेतृत्व किया और खुसरो बाग को अपना मुख्यालय बनाया।


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