वायुमंडल की संरचना से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर - GK Quiz (Set-3)

वायुमंडल की संरचना से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे एसएससी, बैंकिंग, रेलवे इत्यादि लिए महत्वपूर्ण है।

वायु मंडल की संरचना समान्य ज्ञान क्विज

व्याख्या: समताप मंडल को जेट विमानों की उड़ान के लिए आदर्श माना जाता है, क्योंकि इस परत में बादल तथा अन्य मौसमी घटनाएँ नहीं होती।

व्याख्या: क्षोभमंडल के ऊपर स्थित मंडल को समताप मंडल कहते हैं। इस मंडल में ऊंचाई के साथ तापमान गिरना बंद हो जाता है। समताप मंडल 50 किमी. की उंचाई पर पाया जाता है। समताप मंडल के ऊपर तीसरे संस्तर से मध्यमंडल का आरम्भ होता है। जिसका विस्तार 80 किमी. की उंचाई तक है। इसके ऊंचाई के साथ तापमान का ह्रास होता है।

व्याख्या: अंटार्कटिक ओजोन होल में देखा गया व्यवहार पूरी तरह से भिन्न है। स्थिर रहने के बजाय, प्रारंभिक बसंत ऋतु के ओजोन स्तर अपनी पहले से निम्न सरदी वाली मात्रा से अचानक पचास प्रतिशत तक गिर गए। और दिसम्बर तक सामान्य मात्राएँ नहीं आयीं।

व्याख्या: मध्यमंडल सीमा के उपर 80 किमीं. से 400 किमी. की उंचाई तक आयनमंडल है। यहाँ पर उपस्थित गैसों के कण विद्युत् - आवेशित होते हिं। ऐसे विद्युत् आवेशयुक्त कानो को 'आयन' कहते हैं। आयनमंडल, पृथ्वी से प्रेषित रेडियो तरंगो को परावर्तित करके पृथ्वी पर वापस भेज देता है। इससे पृथ्वी पर रेडियो प्रसारण में सहायता मिलती है।

व्याख्या: मध्यमंडल सीमा के उपर 80 किमीं. से 400 किमी. की उंचाई तक आयनमंडल है। यहाँ पर उपस्थित गैसों के कण विद्युत् - आवेशित होते हिं। ऐसे विद्युत् आवेशयुक्त कानो को 'आयन' कहते हैं। आयनमंडल, पृथ्वी से प्रेषित रेडियो तरंगो को परावर्तित करके पृथ्वी पर वापस भेज देता है। इससे पृथ्वी पर रेडियो प्रसारण में सहायता मिलती है।

व्याख्या: क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) एक कार्बनिक यौगिक है जो केवल कार्बन, क्लोरीन, हाइड्रोजन और फ्लोरीन परमाणुओं से बनता है। सीएफसी का इस्तेमाल रेफ्रिजरेंट, प्रणोदक (एयरोसोल अनुप्रयोगों में) और विलायक के तौर पर व्यापक रूप से होता है।ओजोन निःशेषण में इसका योगदान देखते हुए, सीएफसी जैसे यौगिकों का निर्माण मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत चरणबद्ध तरीके से बंद कर दिया गया है। सिएफसी को प्रिऑन गैस भी कहते हैैं। सीएफसी के द्वारा ओजोन गैस को नुकसान होता हैंं, इसलिए वर्तमान में इसकी जगह एचएफसी (हाड्रोक्लोरोफ्लोरो) का उपयोग करते हैं।

व्याख्या: आयनमंडल को चार परतों में बाँटा गया है। पृथ्वी के लगभग 55 किलोमीटर के बाद से डी परत प्रारंभ होती है
डी परत के बाद ई-परत है जो अधिक आयनों से युक्त है। यह आयनमंडल की सबसे टिकाऊ परत है और इसकी पृथ्वी से ऊँचाई लगभग 145 किलोमीटर है। इसे केनली हेवीसाइड परत भी कहते हैं।
तीसरी एफ-वन परत हैं। यह पृथ्वी से लगभग 200 किलोमीटर की ऊँचाई पर हैं। गरमियों की रातों तथा जाड़ों में यह अपनी ऊपर की परतों में समा जाती है।
अंत में 240 से 320 किलोमीटर के मध्यअति अस्थि एफ-टू परत हैं।

व्याख्या: क्षोभमंडल में जलवाष्प की कुल मात्रा का 90 प्रतिशत भाग विद्यमान रहता है।

व्याख्या: समताप मंडल को जेट विमानों की उड़ान के लिए आदर्श माना जाता है, क्योंकि इस परत में बादल तथा अन्य मौसमी घटनाएँ नहीं होती।

व्याख्या: समताप मंडल को जेट विमानों की उड़ान के लिए आदर्श माना जाता है, क्योंकि इस परत में बादल तथा अन्य मौसमी घटनाएँ नहीं होती।

व्याख्या: पृथ्वी की सतह से सबसे दूर वातावरणीय परत को बहि मंडल कहते है।

  • क्षोभमंडल - 0-12 किमी.
  • समतापमंडल - 12-50 किमी.
  • मध्यमंडल - 50-80 किमी.
  • आयनमंडल - 80-640 किमी.
  • बहिमंडल - 640 किमी. से ऊपर

व्याख्या: क्षोभमण्डल या ट्रोपोस्फ़ीयर (troposphere) पृथ्वी के वायुमंडल का सबसे निचला हिस्सा है। इसी परत में आर्द्रता, जलकण, धूलकण, वायुधुन्ध तथा सभी मौसमी घटनाएं होती हैं।क्षोभमण्डल की औसत ऊँचाई 10 से 12 कीमी है। वायुमंडल में इसके ऊपर की परत को समतापमण्डल या स्ट्रैटोस्फ़ीयर कहते हैं।

व्याख्या: ओजोन 'OZONE' (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो वायुमण्डल में बहुत कम मत्रा (0.02%) में पाई जाती हैं। समुद्र-तट से 30-32km की ऊँचाई पर इसकी सान्द्रता अधिक होती है। यह तीखे गंध वाली अत्यन्त विषैली गैस है।

व्याख्या: समुद्रतल पर औसत वायुदाब 1013.25 मिलिबार होता है

व्याख्या: वायुदाब प्राय: सर्वाधिक होता है, जब वायु ठंडी तथा शुष्क होती है

व्याख्या: वायुमण्डल में पायी जाने वाली विभिन्न गैसें एवं अन्य तत्व भी भौतिक पदार्थ हैं। अतः इनमें भार होता है। भूपृष्ठ पर वायुमण्डल के दाब या भार को वायुदाब कहते हैं। पृथ्वी के चारों ओर कई सौ किलोमीटर की ऊँचाई तक वायु का आवरण फैला है। वायु के इस आवरण का धरातल पर भारी दबाव पड़ता है। वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी के वायुमंडल में किसी सतह की एक इकाई पर उससे ऊपर की हवा के वजन द्वारा लगाया गया बल है। अधिकांश परिस्थितियों में वायुमंडलीय दबाव का लगभग सही अनुमान मापन बिंदु पर उसके ऊपर वाली हवा के वजन द्वारा लगाया जाता है। कम दबाव वाले क्षेत्रों में उन स्थानों के ऊपर वायुमंडलीय द्रव्यमान कम होता है, जबकि अधिक दबाव वाले क्षेत्रों में उन स्थानों के ऊपर अधिक वायुमंडलीय द्रव्यमान होता है। इसी प्रकार जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती जाती है उस स्तर के ऊपर वायुमंडलीय द्रव्यमान कम होता जाता है। इसलिए बढ़ती ऊंचाई के साथ दबाव घट जाता है। समुद्र तल से वायुमंडल के शीर्ष तक एक वर्ग इंच अनुप्रस्थ काट वाले हवा के स्तंभ का वजन 6.3 किलोग्राम होता है


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