भूकंप से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - Bhukamp GK Quiz (Set-1)

भूकंप (Rock) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ।

भूकंप समान्य ज्ञान क्विज सेट-1

व्याख्या: रीड के ‘प्रत्यास्थ-पुनश्चलन सिद्धांत’ के अनुसार प्रत्येक चट्‌टान में तनाव सहने की एक क्षमता होती है। उसके पश्चात् यदि तनाव बल और अधिक हो जाए तो चट्‌टान टूट जाता है तथा टूटा हुआ भाग पुनः अपने स्थान पर वापस आ जाता है। इस प्रकार चट्‌टान में भ्रंशन की घटनाएं होती है एवं भूकम्प आते हैं।

व्याख्या: रीड के ‘प्रत्यास्थ-पुनश्चलन सिद्धांत’ के अनुसार प्रत्येक चट्‌टान में तनाव सहने की एक क्षमता होती है। उसके पश्चात् यदि तनाव बल और अधिक हो जाए तो चट्‌टान टूट जाता है तथा टूटा हुआ भाग पुनः अपने स्थान पर वापस आ जाता है। इस प्रकार चट्‌टान में भ्रंशन की घटनाएं होती है एवं भूकम्प आते है।

व्याख्या: भूकम्प विज्ञान (Seismology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं, जिसके अन्तर्गत भूकम्पों का वैज्ञानिक अध्यन एवं तथ्यपूर्ण विश्लेषण शामिल किया गया हैं।

व्याख्या: पृथ्वी के केन्द्र को भूकम्प के केन्द्र से जोड़ने वाली रेखा जिस स्थान पर पृथ्वी की सतह को काटती है उसे भूकम्प का अभिकेन्द्र (epicenter) कहते हैं। रेखागणित के स्थापित नियमों के अनुसार पृथ्वी की सतह पर यह स्थान भूकम्प के केन्द्र से सबसे नजदीक होता है इसलिये भूकम्प के झटकों की तीव्रता या उससे होने वाला नुकसान इस स्थान के आस-पास अपेक्षाकृत ज्यादा होता है।

व्याख्या: भूकम्प-मूल (Focus) वह स्थान होता है, जहाँ जहाँ से भूकंप की उपत्ति होती है।गुटनबर्ग और रिटर ने भूकम्प मूल की गहराई के आधार पर तीन भागों में विभक्त किया है ये है - साधारण भूकम्प, मध्यवर्ती भूकम्प, और अत्यधिक गहराई वाले भूकम्प।

व्याख्या: भूकम्प अधिकेन्द्र -- भूकम्प मूल के ठीक ऊपर पृथ्वी के तल का वह स्थान जहां सबसे पहले भुम्पीय तरंगों का पता चलता है अधिकेन्द्र कहलाता है। भूकम्प से प्रभावित क्षेत्रों में अधिकेन्द्र ही ऐसा बिंदु है जो भूकम्प मूल से निकटतम होता है।

लिखित उत्तर पृथ्वी की सतह पर भूकंप के केंद्र के ठीक ऊपर के बिंदु को भूकंप केंद्र (Epicentre) या उत्केंद्र कहते हैं। जिस जगह से भूकंप का कंपन प्रारंभ होता है, उसे भूकंपमूल (Focus) कहते हैं।

व्याख्या: एल तरंगों का वेग सबसे कम (1.5 से 3 किमी/सेकण्ड) होता है ये धरातल पर सबसे अन्त में पहुँचती है जिसका भ्रमण पथ उत्तल होता है यह सर्बाधिक विनाशक तरंग होती है। इन्हें धरातलीय तरंग भी कहा जाता है।

व्याख्या: एल तरंगों का वेग सबसे कम (1.5 से 3 किमी/सेकण्ड) होता है ये धरातल पर सबसे अन्त में पहुँचती है जिसका भ्रमण पथ उत्तल होता है यह सर्बाधिक विनाशक तरंग होती है।

व्याख्या: समान भूकम्पीय तीव्रता अर्थात् समान बर्बादी को मिलाने वाली रेखा को समभूकंपीय रेखा (Isoseismal line) कहते हैं। समभूकम्प रेखा (Iso Seismal Line) का आकार प्राय: अनियमित होता है।

व्याख्या: रिक्टर पैमाना (अंग्रेज़ी:Richter magnitude scale) भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना है। किसी भूकम्प के समय भूमि के कम्पन के अधिकतम आयाम और किसी यादृच्छ (आर्बिट्रेरी) छोटे आयाम के अनुपात के साधारण लघुगणक को 'रिक्टर पैमाना' कहते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास 1930 के दशक में किया गया था।

व्याख्या: समुद्री तूफ़ान - को जापानी भाषा में सूनामी बोलते हैं, यानी बन्दरगाह के निकट की लहर। दरअसल ये बहुत लम्बी - यानी सैकड़ों किलोमीटर चौड़ाई वाली होती हैं, यानी कि लहरों के निचले हिस्सों के बीच का फ़ासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है। पर जब ये तट के पास आती हैं, तो लहरों का निचला हिस्सा ज़मीन को छूने लगता है,- इनकी गति कम हो जाती है और ऊँचाई बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में जब ये तट से टक्कर मारती हैं तो तबाही होती है। गति 420 किलोमीटर प्रति घण्टा तक और ऊँचाई 10 से 18 मीटर तक।

व्याख्या: सूनामी लहरों के पीछे वैसे तो कई कारण होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा असरदार कारण है भूकंप. इसके अलावा ज़मीन धंसने, ज्वालामुखी फटने, किसी तरह का विस्फोट होने और कभी-कभी उल्कापात के असर से भी सूनामी लहरें उठती हैं।

व्याख्या: परिप्रशांत महासागरीय पेटी - विनाशात्मक प्लेट के किनारों के साथ विस्तृत इस पेटी में विश्व के दो तिहाई ज्वालामुखी पाये जाते हैं। इनका विस्तार अंटार्कटिका महाद्वीप माउंटइरेबस से लेकर प्रशांत के क्षेत्रों, किनारों व चारों ओर विस्तृत हैं। इसे ‘प्रशांत महासागर का अग्निवृत’ (Fire ring of the pacific ocean) उपनाम से माना जाता है।

व्याख्या: भूकम्पों का प्रभाव महाद्वीपीय भागों के अतिरिक्त महासागरीय भागों पर भी पड़ता है और इससे महासागरों में भयंकर लहरें उत्पन्न होती हैं। इन लहरों को सुनामी नाम से जाना जाता है। सुनामी तरंगे समुद्र के अंदर उत्पन्न होने वाले भूकम्प से पैदा होती है। सुनामी तंरगों की गति पानी की गहराई और गुरुत्वीय त्वरण (9.8 मीटर प्रति सेकेण्ड) के गुणनफल के वर्गमूल के बराबर होती है। जहाँ पानी अधिक गहरा होता है, वहाँ सुनामी तरंगे उच्च गति से संचरित होती है।


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