चट्टान से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - MCQ GK Quiz (Set-1)

चट्टान (Rock) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ।

चट्टान समान्य ज्ञान क्विज सेट-1

व्याख्या: पृथ्वी की ऊपरी परत या भू-पटल (क्रस्ट) में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा बालुका पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या चाक या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति अप्रवेश्य हों, चट्टान अथवा शैल (रॉक) कहे जाते हैं। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों का सम्मिश्रण हैं। चट्टान कई बार केवल एक ही खनिज द्वारा निर्मित होती है, किन्तु सामान्यतः यह दो या अधिक खनिजों का योग होती हैं। पृथ्वी की पपड़ी या भू-पृष्ठ का निर्माण लगभग 2000 खनिजों से हुआ है, परन्तु मुख्य रूप से केवल 20 खनिज ही भू-पटल निर्माण की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।

व्याख्या: आग्नेय चट्टान की रचना धरातल के नीचे स्थित तप्त एवं तरल चट्टानी पदार्थ, अर्थात् मैग्मा, के सतह के ऊपर आकार लावा प्रवाह के रूप में निकल कर अथवा ऊपर उठने के क्रम में बाहर निकल पाने से पहले ही, सतह के नीचे ही ठंढे होकर इन पिघले पदार्थों के ठोस रूप में जम जाने से होती है। अतः आग्नेय चट्टानें पिघले हुए चट्टानी पदार्थ के ठंढे होकर जम जाने से बनती हैं।ये रवेदार भी हो सकती है और बिना कणों या रवे के भी। ये चट्टानें पृथ्वी पर पायी जाने वाली अन्य दो प्रमुख चट्टानों, अवसादी और रूपांतरित के साथ मिलकर पृथ्वी पर पायी जाने वाली चट्टानों के तीन प्रमुख प्रकार बनाती हैं।

व्याख्या: पृथ्वी के धरातल की उत्पत्ति में सर्वप्रथम इनका निर्माण होने के कारण इन्हें 'प्राथमिक शैल' भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि यही वे पहली चट्टानें हैं जो पिघले हुए चट्टानी पदार्थ से बनती हैं ]जबकि अवसादी या रूपांतरित चट्टानें इन आग्नेय चट्टानों के टूटने या ताप और दाब के प्रभाव आकार में बदलने से से बनती हैं

व्याख्या: मुख्य रूप से शैल तीन प्रकार की होती हैं - आग्नेय ( इग्नियस ) शैल, अवसादी (सेडिमेंट्री) शैल एवं कायांतरित ( मेटामोरफ़िक ) शैल। द्रवित मैग्मा ठंडा होकर ठोस हो जाता है। इस प्रकार बने शैल को आग्नेय शैल कहते हैं। इन्हें प्राथमिक शैल भी कहते हैं।

व्याख्या: सर्वाधिक प्राचीन और प्राथमिक आग्नेय चट्टानें हैं, क्योंकि इनका निर्माण तप्त व पिघली हुई पृथ्वी के ठंडे होने के दौरान हुआ था।

व्याख्या: आग्नेय चट्टान की रचना धरातल के नीचे स्थित तप्त एवं तरल चट्टानी पदार्थ, अर्थात् मैग्मा, के सतह के ऊपर आकार लावा प्रवाह के रूप में निकल कर अथवा ऊपर उठने के क्रम में बाहर निकल पाने से पहले ही, सतह के नीचे ही ठंढे होकर इन पिघले पदार्थों के ठोस रूप में जम जाने से होती है। अतः आग्नेय चट्टानें पिघले हुए चट्टानी पदार्थ के ठंढे होकर जम जाने से बनती हैं।

व्याख्या: मोह स्केल हिंदी में मतलब: मोह स्केल शब्द के हिंदी में मुख्य मतलब 'ठोस पदार्थों की कठोरता का एक पैमाने से है। इसकी खोज खनिज विज्ञानी फ्रिडरिक मोह (F. Mohs) द्वारा 1812 में में की थी।

व्याख्या: अधिवितलीय या प्लूटोनिक वे आग्नेय शैल जो अंतर्भोम क्षेत्र में भूपृष्ठ की ओर उठे हुए हैं, परंतु पृष्ठ तक नहीं पहुंच पाए हैं। ये शैल डाइक, सिल आदि के रूप में विदरों में पाए जाते हैं।

व्याख्या: आग्नेय शैल (अंग्रेज़ी: Igneous rock) वे शैल हैं जिनकी रचना धरातल के नीचे स्थित तप्त एवं तरल चट्टानी पदार्थ, अर्थात् मैग्मा, के सतह के ऊपर आकार लावा प्रवाह के रूप में निकल कर अथवा ऊपर उठने के क्रम में बाहर निकल पाने से पहले ही, सतह के नीचे ही ठंढे होकर इन पिघले पदार्थों के ठोस रूप में जम जाने से होती है। अतः आग्नेय चट्टानें पिघले हुए चट्टानी पदार्थ के ठंढे होकर जम जाने से बनती हैं। ये रवेदार भी हो सकती है और बिना कणों या रवे के भी। ये चट्टानें पृथ्वी पर पायी जाने वाली अन्य दो प्रमुख चट्टानों, अवसादी और रूपांतरित के साथ मिलकर पृथ्वी पर पायी जाने वाली चट्टानों के तीन प्रमुख प्रकार बनाती हैं।

व्याख्या: ग्रैनाइट (Granite, कणाशम) मणिभीय दानेदार शिला है, जिसके प्रमुख अवयव स्फटिक (quartz) और फेल्स्पार (feldspar) हैं। यह आग्नेय (इग्नेयस) चट्टान है। क्वार्टजाइट,नीस और संगमरमर कायांतरित शैल है।

व्याख्या: बैथोलिथ सबसे बड़ा आग्नेय चट्टानी पिण्ड है, जो अन्तर्वेधी चट्टानों से बनता है। वास्तव में यह एक पातालीय पिण्ड है। यह एक बड़े गुम्बद के आकार का होता है जिसके किनारे खड़े होते हैं। इसका ऊपरी तल विषम होता है। यह मूलता ग्रेनाइट से बनता है

व्याख्या: अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टनों के विघटन, वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणामस्वरुप उनके अवसादों से निर्मित शैल को अवसादी शैल (sedimentary rock) कहा जाता हैं।अवसाद शैलों में प्राय: जीवों के अवशेष समाधिस्थ रहते हैं। उनसे न केवल तत्कालीन वातावरण का ज्ञान होता है, अपितु वे शैलों की आयु के भी परिचायक होते हैं। त्रिखंडी (ट्राइलोबाइट), केकड़े के पुरातन पूर्वज, शीर्षपादा (सेफ़ालोपोडा) और कुछ सीप (पेलेसिपोडा) आदि सर्वदा सामुद्रिक वातावरण के द्योतक हैं। कुछ प्रकार के घोंघे (गैस्ट्रोपॉड), कुछ पादछिद्रिण (फ़ोरामिनिफ़ेरा) मीठे पानी वाले असामुद्रिक वातावरण के परिचायक हैं।

व्याख्या: धरातल के सर्वाधिक भाग पर अवसादी चट्टान का विस्तार पाया जाता है। कोयला, ऐल्यूमिनियम का अयस्क - बाक्साइट, लोहे का अयस्क - लैटेराइट, नमक, जिप्सम, फास्फेट, मैगनेसाइट, सीमेंट का अयस्क, चूने का पत्थर, इत्यादि कई महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ अवसाद शैलों में उपलब्ध होते है।

व्याख्या: भूपृष्ठ के 75 प्रतिशत भाग में विस्तृत अवसादी चट्टानें परतदार, संधियुक्त तथा जीवावशेषों से परिपूर्ण होती है। ये संगठित, असंगठित या ढीली किसी भी प्रकार की हो सकती हैं। इनमें अपरदन का प्रभाव शीघ्र होता है।

व्याख्या: भूपृष्ठ को बनाने वाली चट्टानों की दृष्टि से 95 प्रतिशत आग्नेय चट्टानों का तथा 5% भाग अवसादी चट्टानों का होता है।


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