अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा व समय ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - GK Quiz

अंतरराष्ट्रीय तिथि व समय (International Date and Time) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ।

अंतरराष्ट्रीय तिथि व समय समान्य ज्ञान क्विज

व्याख्या: अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीच में 180° देशान्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है और इसी के कारण तिथि में परिवर्तन होता है।

0° देशान्तर अथवा ग्रीनविच माध्य समय से 180° देशान्तर तक जाने में 12 समय पेटियों को पार करना पड़ता है और पूर्व की ओर घड़ी को 12 घंटें आगे तथा पश्चिम की ओर 12 घंटे पीछे करना पड़ता है।

इस कारण से 180° पूर्व पश्चिमी देशान्तर पर दो अलग-अलग दिवस मिलने से होने वाली परेशानी को समाप्त करने के लिए वांशिंगटन में हुई 1884 की सभा में 180° देशान्तर को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा निर्धारित किया गया है।

व्याख्या: वांशिंगटन में हुई 1884 की सभा में 180° देशान्तर को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा निर्धारित किया गया है।
घड़ियों का समय ठीक रखने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व से पश्चिम की ओर जाने पर एक दिन घटाते हैं तथा पश्चिम से पूर्व की ओर जाने पर एक दिन बढ़ाते हैं।

व्याख्या: अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीच में 180° देशान्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है और इसी के कारण तिथि में परिवर्तन होता है। 0° देशान्तर अथवा ग्रीनविच माध्य समय से 180° देशान्तर तक जाने में 12 समय पेटियों को पार करना पड़ता है और पूर्व की ओर घड़ी को 12 घंटें आगे तथा पश्चिम की ओर 12 घंटे पीछे करना पड़ता है।

व्याख्या: अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीच में 180° देशान्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है और इसी के कारण तिथि में परिवर्तन होता है।

0° देशान्तर अथवा ग्रीनविच माध्य समय से 180° देशान्तर तक जाने में 12 समय पेटियों को पार करना पड़ता है और पूर्व की ओर घड़ी को 12 घंटें आगे तथा पश्चिम की ओर 12 घंटे पीछे करना पड़ता है।

इस कारण से 180° पूर्व पश्चिमी देशान्तर पर दो अलग-अलग दिवस मिलने से होने वाली परेशानी को समाप्त करने के लिए वांशिंगटन में हुई 1884 की सभा में 180° देशान्तर को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा निर्धारित किया गया है।

घड़ियों का समय ठीक रखने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व से पश्चिम की ओर जाने पर एक दिन घटाते हैं तथा पश्चिम से पूर्व की ओर जाने पर एक दिन बढ़ाते हैं।

व्याख्या: दूसरी याम्योत्तर रेखाओं के विपरीत अंतर्राष्ट्रीय दिनांक रेखा टेढ़ी-मेढ़ी बनाई जाती है, ताकि - कुछ भूमि क्षेत्रो एवं द्वीप समूहों को उसी कैलेंडर दिवस में रखा जा सके।

व्याख्या: एल्यूशियन गर्त: एल्यूशियन द्वीप समूह के निकट एल्यूशियन गर्त एक चाप की आकृति (टाट 11163) मैं केला हुआ है। इसकी औसत गहराई 6000 मीटर तथा अधिकतम गहराई 7782 मीटर (4199 बरम) है। 

व्याख्या: कटिबन्ध से तात्पर्य है कि, प्रत्येक गोलार्द्ध को ताप के आधार पर कई भागों में बाँटा गया है, इन भागों को ही 'कटिबन्ध' कहते हैं। ये क्षेत्र विषुवत रेखा से दूरी के अनुसार बाँटे जाते हैं, क्योंकि पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों में सूर्य की किरणे कितनी लम्बवत गिरती हैं, यह उस स्थान की विषुवत रेखा से दूरी पर निर्भर करता है।
कटिबन्ध निम्न प्रकार के होते हैं-
ऊष्ण कटिबन्ध
उपोष्ण कटिबन्ध
शीतोष्ण कटिबन्ध
ध्रुवीय कटिबन्ध

व्याख्या: भारत का मानक याम्योत्तर ग्रीनविच से 82.5° पूर्व है, जिसका अर्थ है कि हमारा मानक समय ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पाँच घंटे आगे है।

व्याख्या: भारत का मानक समय इलाहाबाद के निकट नैनी नामक स्थान से लिया गया है।

व्याख्या: भारत का मानक GMT से 82.5° पूर्व है, जिसका अर्थ है कि हमारा मानक समय ग्रीनविच के मानक समय से साढ़े पाँच घंटे आगे है ! अर्थात इंग्लैंड में जब दोपहर का 12 बजे का समय होता है, तब भारत में शाम के 5:30 बजे होते हैं !

व्याख्या: भारत का मानक समय इलाहाबाद के निकट नैनी नामक स्थान से लिया गया है।

व्याख्या: गुजरात के सबसे पश्चिमी छोर (लगभग 68° E) में 30° देशांतर का अंतर है।प्रत्येक देशांतर के लिए 4 मिनट का समय अंतराल है। अत: 30 देशांतर के लिए (30 X 4)/60 घंटा = 2 घंटे का अंतराल होगा।

व्याख्या: अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीचों-बीच 180° देशान्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है। किसी देश का मानक समय उस देश के मध्य देशांतर पर हुए समय पर निर्भर होता है।


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