पृथ्वी कि आंतरिक संरचना से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर - GK Quiz

पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Earth's internal structure) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ।

पृथ्वी की आंतरिक संरचना समान्य ज्ञान क्विज

व्याख्या: भूकम्प विज्ञान (Seismology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं, जिसके अन्तर्गत भूकम्पों का वैज्ञानिक अध्यन एवं तथ्यपूर्ण विश्लेषण शामिल किया गया हैं।

व्याख्या: भूविज्ञान में, शब्द ' सियाल' पृथ्वी की परत की ऊपरी परत की संरचना को संदर्भित करता है, अर्थात् सिलिकेट और एल्यूमीनियम खनिजों में समृद्ध चट्टानों। पृथ्वी की तीसरी तथा अंतिम परत जिसे क्रोड कहते है। इसमे निकल (Ni) तथा लोहा (Fe) की प्रधानता होती है। इसलिए इस परत का नाम निफे (NiFe) है।

व्याख्या: भूकम्प विज्ञान (Seismology) भौतिक भूगोल की एक प्रमुख शाखा हैं, जिसके अन्तर्गत भूकम्पों का वैज्ञानिक अध्यन एवं तथ्यपूर्ण विश्लेषण शामिल किया गया हैं।

व्याख्या: पृथ्वी के आंतरिक भाग के बारे में जानकारी का पता लगाने के दो तरीके हैं - प्रत्यक्ष स्रोत और अप्रत्यक्ष स्रोत। पृथ्वी के अभ्यंतर के बारे में जानकारी के अप्रत्यक्ष स्रोत इस प्रकार हैं:

  • भूकंपीय तरंगें
  • उल्का
  • गुरुत्वाकर्षण
  • चुंबकीय क्षेत्र

पृथ्वी के आंतरिक भाग के बारे में जानकारी के प्रत्यक्ष स्रोत- गहरी पृथ्वी के खनन और ड्रिलिंग से चट्टानों की प्रकृति का पता चल जाता है। ज्वालामुखी विस्फोट प्रत्यक्ष सूचना प्राप्त करने का एक और स्रोत बनता है।

व्याख्या: भूपर्पटी पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत है जिसकी औसत गहराई 24 किमी तक है और यह गहराई 5 किमी से 70 किमी के बीच बदलती रहती है।भूपर्पटी को भी तीन परतों में बाँटा जाता है - अवसादी परत, ग्रेनाइटिक परत और बेसाल्टिक परत।

व्याख्या: पृथ्वी की तीसरी तथा अंतिम परत जिसे क्रोड कहते है। इसमे निकल (Ni) तथा लोहा (Fe) की प्रधानता होती है। इसलिए इस परत का नाम निफे (NiFe) है।

व्याख्या: भूपर्पटी की रचना में सर्वाधिक मात्रा आक्सीजन की है। एडवर्ड स्वेस ने इसे सियाल(SiAl) नाम दिया था क्योंकि यह सिलिका(Si) और एल्युमिनियम(Al) की बनी है। वस्तुतः यह सियाल महाद्वीपीय भूपर्पटी के अवसादी और ग्रेनाइटिक परतों के लिये सही है।

व्याख्या: सिमा(sima): एडवर्ड स्वेस ने सियाल के नीचे स्थित पृथ्वी कि दूसरी परत का नामकरण सिलिका और मैग्निशियम कि प्रधानता के आधार पर सीमा (si+ma) किया था।

व्याख्या: खनिज युक्त क्रस्ट और मेंटल के विपरीत, कोर लगभग पूरी तरह से धातु से बना है - विशेष रूप से, लोहा और निकल । कोर के लौह-निकल मिश्र धातुओं के लिए प्रयुक्त आशुलिपि केवल तत्वों के रासायनिक प्रतीक हैं- NiFe। लोहे में घुलने वाले तत्व, जिन्हें साइडरोफिल्स कहा जाता है, कोर में भी पाए जाते हैं।

व्याख्या: स्वेस ने पृथ्वी के आंतरिक भाग को तीन भोगो में बांटा:

निफे(nife): पृथ्वी कि सबसे निचली आंतरिक परत का स्वेस ने इसकी खानिजीय रचना के अधार पर निफे (निकल+ फेरियम) नामकरण किया। इस परत में लोहे की उपस्थिति से पता चलता है कि पृथ्वी के क्रोड में चुम्बकीय शक्ति हैं।

सियाल(sial): एडवर्ड स्वेस ने पृथ्वी कि क्रस्ट (उपरी परत) का नामकरण सिलिका (silica-si) तथा अलुमिनियम (Aluminium-al) की प्रधानता के कारण सियाल (si+al) किया है।

सिमा(sima): एडवर्ड स्वेस ने सियाल के नीचे स्थित पृथ्वी कि दूसरी परत का नामकरण सिलिका और मैग्निशियम कि प्रधानता के आधार पर सीमा (si+ma) किया था।

व्याख्या: स्थलमण्डल भूगोल और भूविज्ञान में किसी पथरीले ग्रह या प्राकृतिक उपग्रह की सबसे ऊपरी पथरीली या चट्टान निर्मित परत को कहते हैं। पृथ्वी पर इसमें भूपटल (क्रस्ट) और भूप्रावार (मैन्टल) की सबसे ऊपर की परत शामिल हैं जो कई टुकड़ों में विभक्त है और इन टुकड़ों को प्लेट कहा जाता है।

व्याख्या: भूकम्पीय तरंगें (seismic waves) पृथ्वी की आतंरिक परतों व सतह पर चलने वाली ऊर्जा की तरंगें होती हैं, जो भूकम्प, ज्वालामुखी विस्फोट, बड़े भूस्खलन, पृथ्वी के अंदर मैग्मा की हिलावट और कम-आवृत्ति(फ़्रीक्वेन्सी) की ध्वनि-ऊर्जा वाले मानवकृत विस्फोटों से उत्पन्न होती हैं। स्थल मंडल की मोटाई भूकम्पीय तरंगो के आधार पर 100 किमी मापी गई है।

व्याख्या: लिथोस्फीयर के नीचे पृथ्वी की सबसे आंतरिक परत को बैरीस्फीयर के रूप में जाना जाता है। यह पृथ्वी की सबसे भीतरी परत है और इसमें आंतरिक कोर और बाहरी कोर दोनों शामिल हैं और निकल और लोहे से बना है। बैरीस्फीयर का तापमान लगभग 5500 डिग्री सेल्सियस है।

व्याख्या: प्रारम्भ में तापमान बढ़ने की औसत दर प्रत्येक 32 मीटर की गइराई पर 1° C है। तापमान की इस स्थिर वृद्धि के आधार पर 10 किलोमीटर की गहराई में तापमान धरातल की अपेक्षा 3000 से अधिक होना चाहिये और 40 किलोमीटर की गहराई में इसे 1200° C होना चाहिये

व्याख्या: पृथ्वी की आंतरिक संरचना कई स्तरों में विभाजित है। पृथ्वी की आंतरिक संरचना के तीन प्रधान अंग हैं- ऊपरी सतह भूपर्पटी (Crust), मध्य स्तर मैंटल (mantle) और आंतरिक स्तर धात्विक क्रोड (Core)। पृथ्वी के कुल आयतन का 0.5' भाग भूपर्पटी का है जबकि 83' भाग में मैंटल विस्तृत है। शेष 16' भाग क्रोड है।


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