ज्वालामुखी से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - Jvaalaamukhee GK Quiz (Set-1)

ज्वालामुखी (Volcano) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ।

भूकंप समान्य ज्ञान क्विज सेट-1

व्याख्या: ज्वालामुखी को पृथ्वी का सुरक्षा वाल्व कहा जाता है क्योंकि इसके द्वारा पृथ्वी के अंदर बनने वाला दबाव ज्वालामुखी के द्वारा बाहर आ जाता है जिससे पृथ्वी के अंदर दबाव कम हो जाता है और एक भयंकर विस्फोट से पृथ्वी बच जाती है।

व्याख्या: जब पृथ्वी का पिघला हुआ पदार्थ-लावा,राख, जलवाष्प, ठोस पदार्थ तथा अन्य गैसें किसी छिद्र या दरार से बाहर निकलती है तो से ज्वालामुखी कहते हैं।

व्याख्या: यौगिक ज्वालामुखी, एक लंबा, शंक्वाकार ज्वालामुखी होता है, जिसका निर्माण जम कर ठोस हुए लावा, टेफ्रा, कुस्रन और ज्वालामुखीय राख की कई परतों (स्तर) द्वारा होता है। यौगिक ज्वालामुखी को ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि, इनकी रचना ज्वालामुखीय उद्गार के समय निकले मिश्रित पदार्थों के विभिन्न स्तरों पर घनीभूत होने के फलस्वरूप होती है।

व्याख्या: भू-वैज्ञानिकों में सक्रियता को लेकर मतैक्य नहीं है लेकिन अगर कोई ज्वालामुखी वर्तमान में फट रहा हो, या उसके जल्द ही फटने की आशंका हो, या फिर उसमें गैस रिसने, धुआँ या लावा उगलने, या भूकम्प आने जैसे सक्रियता के चिह्न हों तो उसे सक्रिय माना जाता है।संसार के कुछ प्रमुख सक्रिय ज्वालामुखी ये हैं – हवाई द्वीप का मौना लोआ), सिसली का एटना ) और स्ट्राम्बोली, इटली का विसुवियस, इक्वेडोर का कोटोपैक्सी, मेक्सिको का पोपोकैटपेटल, कैलिफ़ोर्निया का लासेन.

व्याख्या: ये वे हैं जो युगों से शांत हैं और जिनका विस्फोट एकदम बंद हो गया है। बर्मा का पोपा, अफ्रीका का किलिमंजारो, दक्षिण अमेरिका का चिम्बराजो, हवाई द्वीप का मीनाको, ईरान का कोह सुल्तान मृत ज्वालामुखी के उदाहरण हैं.

व्याख्या: वे ज्वालामुखी हैं जो वर्षों से शांत, स्तब्ध या सोये हुए जान पड़ते हैं पर उनके सक्रीय या जाग्रत होने की संभावना रहती है। ऐसे ज्वालामुखी बड़े खतरनाक साबित होते हैं। जापान का फ्यूजीयामा जो संसार का सबसे सुन्दर ज्वालामुखी कहा जाता है। फिलीपीन का मेयन भी एक सुन्दर ज्वालामुखी है जिसे “फिलीपीन का फ्यूजीयामा” कहा जाता है।

व्याख्या: पृथ्वी के भीतर पिघली हुई चट्टानों के कोष को “मैग्मा (Magma)” कहा गया है। मैग्मा कमजोर भूपटल पाकर गैसयुक्त लावा ऊपर आने के लिए दौड़ पड़ता है और जहाँ-तहाँ अपना रास्ता बना ही लेता है। तेजी से आने के कारण जोरों का विस्फोट होता है और धरती को कंपा देता है। वहाँ की चट्टानें टूट-टूट कर चारों ओर बिखर जाती है; धूल, वाष्प और अन्य गैसों के बादल छा जाते हैं और फिर लावा बह निकलता है। लावा के बहने और जमने से उलटे funnel के आकार का पर्वत बन जाता है और उसके मुँह पर गड्ढा हो जाता है जिसे क्रेटर (Crater) या ज्वालामुखी कहते हैं।

व्याख्या: पेले के अनु ठोसकृत ज्वालामुखीय लावा के छोटे कणों के लिए एक भूगर्भीय शब्द होता है। जब पिघले हुए पदार्थ के कण अश्रु सदृश बूंदों के रूप में फ्यूज हो जाते हैं तब इनका निर्माण होता है। पेले के आँसू जेट ब्लैक रंग के होते है।

व्याख्या: भिन्न-भिन्न ज्वालामुखियों से उद्गारित विभिन्न गैसों की मात्रा में बहुत अंतर हो सकता है। ज्वालामुखी उद्गार से निकलने वाले गैसीय पदार्थों में जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है। गैसों और जलवाष्प के अलावा ज्वालामुखी उद्गार से हाइड्रोजन सल्फाइड, हाइड्रोजन क्लोराइड और हाइड्रोजन फ्लोराइड की मात्रा भी होती है। ज्वालामुखी उद्गार से विभिन्न मात्रा में हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड, हेलोकार्बन, कार्बनिक यौगिक और वाष्पशील धातु क्लोराइड्स भी निकलती हैं।

ज्वालामुखी गैसें अम्लीय वर्षा में प्राकृतिक कारक के रूप में योगदान देती है। ज्वालामुखी से उद्गारित सल्फर डाइऑक्साइड जल की उपस्थिति में सल्फूरिक अम्ल में बदल जाती है, जो क्षोभमंडल (स्ट्रोफियर) में शीघ्र संघनित हो कर सल्फेट अलनीडो अथवा सल्फेट ऐरोसोल में परिवर्तित हो जाती है। ज्वालामुखी क्रियाओं से प्रतिवर्ष वायुमंडल में लगभग 130 से 230 टेराग्राम कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त होती है।

व्याख्या: पायरोक्लास्टिक चट्टानों चट्टानों को पूरी तरह से या मुख्य रूप से ज्वालामुखीय पदार्थों से बना है। जहां ज्वालामुखीय सामग्री को यांत्रिक क्रिया के माध्यम से पहुंचाया गया है और जैसे कि हवा या पानी के माध्यम से, इन चट्टानों को ज्वालामुखीय कहा जाता है। आम तौर पर असीमित ज्वालामुखीय गतिविधि से जुड़ा हुआ है- जैसे प्लिनियन या क्राकाटोयन विस्फोट शैलियों, या फाइटोमैग्मैटिक विस्फोट-पायरोक्लास्टिक जमा आमतौर पर एयरबोर्न राख, लैपिली और बम या ज्वालामुखी से निकाले गए ब्लॉक से बने होते हैं, जो बिखरे हुए देश चट्टान के साथ मिश्रित होते हैं।

व्याख्या: क्रेटर किसी खगोलीय वस्तु पर एक गोल या लगभग गोल आकार के गड्ढे को कहते हैं जो किसी विस्फोटक ढंग से बना हो, चाहे वह ज्वालामुखी का फटना हो, अंतरिक्ष से गिरे उल्कापिंड का प्रहार हो या फिर ज़मीन के अन्दर कोई अन्य विस्फोट हो। विस्फोट का कारण प्राकृतिक हो सकता है या कृत्रिम (जैसे की परमाणु बम का विस्फोट)।

व्याख्या: विसर्प एक प्रमुख प्रवाही जल (नदी) कृत अपरदनात्मक स्थलरुप हैं। मैदानी क्षेत्रों में नदी की धारा दाएं-बाएं, होते हुए प्रवाहित होती है और विसर्प बनाती है। ये विसर्प अंग्रेजी के 'एस' आकार की होते हैं। नदियों का ऐसा घूमना अधिक अवसादी बोझ के कारण होता है।

व्याख्या: ज्वालामुखी के लावा का (verticle) ऊर्ध्वाधर जमाव होने लगता है तो इससे बनने वाली स्थलाकृति 'डाइक' कहलाती है।

व्याख्या: किसी ज्वालामुखी के विस्फोट के परिणाम स्वरूप अस्तित्व में आई एक कुण्ड या पात्र सदृश रचना भूवैज्ञानिक भाषा में ज्वालामुख-कुण्ड कहलाती है। अंग्रेजी और अन्य यूरोपीय भाषायों मे इसे कैल्डेरा (Caldera) कहते हैं।


Correct Answers:

CLOSE
0/15
Incorrect Answer..!
Correct Answer..!
Previous Post Next Post
If you find any error or want to give any suggestion, please write to us via Feedback form.