ज्वालामुखी से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या - Jvaalaamukhee GK Quiz (Set-3)

ज्वालामुखी (Volcano) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ।

भूकंप समान्य ज्ञान क्विज सेट-3

व्याख्या: "फौसा मैग्ना एक दरार वाली समतल निचली भूमि है। यह एक विशालदरार वाली समतल निचली भूमि है जो जापान के सागर से प्रशांत महासागर तक फैली हुई है।

व्याख्या: माउंट ऐरबस अंटार्कटिका में मौजूद है। यह ज्वालामुखी अंटार्कटिका में मौजूद सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है। विशेषज्ञों के अनुसार यह ज्वालामुखी लगभग 13,00,000 सालों से लगातार सक्रिय है। हाल ही के वर्षों में इसकी सक्रियता 1972 से लेकर 1992 तक लगातार 20 साल रही थी। 

व्याख्या: माउंट एटना इटली के सिसली द्वीप पर स्थित है। ये एक परतदार ज्वालामुखी है जिसकी ऊंचाई 3329 मीटर है।

व्याख्या: क्रेटर किसी खगोलीय वस्तु पर एक गोल या लगभग गोल आकार के गड्ढे को कहते हैं जो किसी विस्फोटक ढंग से बना हो, चाहे वह ज्वालामुखी का फटना हो, अंतरिक्ष से गिरे उल्कापिंड का प्रहार हो या फिर ज़मीन के अन्दर कोई अन्य विस्फोट हो। विस्फोट का कारण प्राकृतिक हो सकता है या कृत्रिम (जैसे की परमाणु बम का विस्फोट)।

व्याख्या: विसुवियस ज्वालामुखी इटली की नेपल्स खाड़ी में स्थित है। ये प्रसुप्त प्रकार का ज्वालामुखी है। इसकी ऊंचाई 1281 मीटर है।

व्याख्या: मोनालोआ एक सक्रिय ज्वालामुखी है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के हवाई में है। इसकी ऊंचाई 4614 मीटर है।

व्याख्या: क्राकाटोआ, या क्राकाटाऊ, एक ज्वालामुखी द्वीप है जो इंडोनेशियाई प्रांत लम्पुंग में जावा और सुमात्रा के द्वीपों के बीच सुंडा जलडमरूमध्य में स्थित है।

व्याख्या: यह ज्वालामुखी सुमात्रा व जावा द्वीप के मध्य सुंडा के पास स्थित हैं। यह हिन्द महासागर मे सिथत है यह पिलीयन तुलय जवालामुखी है।ये प्रसुप्त ज्वालामुखी, निकट अतीत में उदगार नहीं हुआ। 1883 में फटा था।

व्याख्या: किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्ज़ी, और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटो ज्वालामुखी है और अफ्रीका का उच्चतम पर्वत है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,895 मीटर या 19,341 फीट है (उहरू शिखर / किबो शिखर).किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त-खड़ा पर्वत है और साथ ही साथ विश्व का चौथा सबसे उभरा पर्वत है जो आधार से 5,882 मीटर या 19,298 फीट ऊंचा है।

व्याख्या: एल मिस्टी नेस्टेड समिट क्रेटर्स के साथ एक सममित और साइटिक स्ट्रैटोवोलकानो है जो पेरू के अरेक्विपा शहर के ऊपर स्थित है।

व्याख्या: पायरोक्लास्टिक चट्टानों या पायरोकास्टिक्स क्लैस्टिक चट्टानों को पूरी तरह से या मुख्य रूप से ज्वालामुखीय पदार्थों से बना है। जहां ज्वालामुखीय सामग्री को यांत्रिक क्रिया के माध्यम से पहुंचाया गया है और जैसे कि हवा या पानी के माध्यम से, इन चट्टानों को ज्वालामुखीय कहा जाता है। आम तौर पर असीमित ज्वालामुखीय गतिविधि से जुड़ा हुआ है- जैसे प्लिनियन या क्राकाटोयन विस्फोट शैलियों, या फाइटोमैग्मैटिक विस्फोट-पायरोक्लास्टिक जमा आमतौर पर एयरबोर्न राख, लैपिली और बम या ज्वालामुखी से निकाले गए ब्लॉक से बने होते हैं, जो बिखरे हुए देश चट्टान के साथ मिश्रित होते हैं।

व्याख्या: माउंट पिनातुबो ज़ाम्बेल्स पर्वत में एक सक्रिय स्ट्रैटोवोल्केनो है, जो ज़ुब्ल्स, टारलैक और पाम्पांगा के फिलीपीन प्रांतों की यात्रा सीमा पर स्थित है, जो लूजोन के उत्तरी द्वीप पर सेंट्रल लूजॉन में हैं। इसका विस्फोट 1991 में हुआ था।

व्याख्या: क्रेटर किसी खगोलीय वस्तु पर एक गोल या लगभग गोल आकार के गड्ढे को कहते हैं जो किसी विस्फोटक ढंग से बना हो, चाहे वह ज्वालामुखी का फटना हो, अंतरिक्ष से गिरे उल्कापिंड का प्रहार हो या फिर ज़मीन के अन्दर कोई अन्य विस्फोट हो। विस्फोट का कारण प्राकृतिक हो सकता है या कृत्रिम (जैसे की परमाणु बम का विस्फोट)। क्रेटर कई प्रकार के होते हैं -

  • प्रहार क्रेटर, जो एक छोटी वस्तु का किसी बड़ी वस्तु से बहुत ऊंची रफ़्तार से टकराने पर बन जाता है
  • ज्वालामुखीय क्रेटर, जो ज्वालामुखीय विस्फोटों से बन जाता है
  • धंसाव क्रेटर, जो ज़मीन के नीचे विस्फोट (अक्सर परमाणु परिक्षण का विस्फोट) होने से ज़मीन के धंस जाने से बनता है
  • मार (क्रेटर), जो खौलते हुए लावा में पानी मिल जाने पर हुए विस्फोट से बन जाता है
  • बिल क्रेटर, जो ज़मीन के नीचे ख़ाली स्थान या गुफा के ऊपर की छत गिर जाने से बन जाता है
  • विस्फोट क्रेटर, जो ज़मीन के नीचे हुए विस्फोट से मलबा बाहर फेंके जाने पर बन जाता है (यानि धसन से नहीं बनता)।

व्याख्या: भिन्न-भिन्न ज्वालामुखियों से उद्गारित विभिन्न गैसों की मात्रा में बहुत अंतर हो सकता है। ज्वालामुखी उद्गार से निकलने वाले गैसीय पदार्थों में जलवाष्प, कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है। गैसों और जलवाष्प के अलावा ज्वालामुखी उद्गार से हाइड्रोजन सल्फाइड, हाइड्रोजन क्लोराइड और हाइड्रोजन फ्लोराइड की मात्रा भी होती है।

ज्वालामुखी उद्गार से विभिन्न मात्रा में हाइड्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड, हेलोकार्बन, कार्बनिक यौगिक और वाष्पशील धातु क्लोराइड्स भी निकलती हैं।

ज्वालामुखी गैसें अम्लीय वर्षा में प्राकृतिक कारक के रूप में योगदान देती है। ज्वालामुखी से उद्गारित सल्फर डाइऑक्साइड जल की उपस्थिति में सल्फूरिक अम्ल में बदल जाती है, जो क्षोभमंडल (स्ट्रोफियर) में शीघ्र संघनित हो कर सल्फेट अलनीडो अथवा सल्फेट ऐरोसोल में परिवर्तित हो जाती है। ज्वालामुखी क्रियाओं से प्रतिवर्ष वायुमंडल में लगभग 130 से 230 टेराग्राम कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त होती है।

व्याख्या: ज्वालामुखी उद्गार के समय सर्वप्रथम गैसें और जलवाष्प क्रस्ट तोड़कर बाहर जाती हैं। इनमें जलवाष्प की मात्रा 70-90 होती है। गैसों और जलवाष्प के अलावा ज्वालामुखी उद्गार से हाइड्रोजन सल्फाइड, हाइड्रोजन क्लोराइड और हाइड्रोजन फ्लोराइड की मात्रा भी होती है।


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