मुग़ल सम्राज्य से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Mughal Empire GK Quiz (set-6)

मुग़ल सम्राज्य से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Mughal Empire GK Quiz (set-6).

मुग़ल सम्राज्य

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 6)

व्याख्या: मुगलकाल में राजस्व के स्रोत मुख्यतः भूराजस्व, चुंगी, उपहार, नमक पर कर, पाल टैक्स या व्यक्ति कर था। इन सबमें ‘भूराजस्व’ सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। मुगलकाल में ‘मदद-ए-माश’ भूमि अनुदान के रूप में धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को दे दी जाती थी। इस तरह की अधिकांश भूमि अनुत्पादक होती थी। इस भूमि को ‘मिल्क’ भी कहा जाता था। मुगल शासकों में सर्वप्रथम अकबर ने ही भूमि तथा भूमिकर व्यवस्था को संगठित करने का प्रयास किया था। अकबर ने 1580 में ‘दहसाला’ नामक भूराजस्व की नवीन प्रणाली प्रारम्भ किया।

व्याख्या: ‘हम्जानामा’ मुगल चित्रकला की प्रथम महत्वपूर्ण कृति है। इसे ‘दास्तान-ए- अमीर हम्जा’ भी कहा जाता है। यह कुल 1200 चित्रों का संग्रह है। हुमायूं के समय में दो महान कलाकार ‘मीर सैयद अली’ एवं ‘ख्वाजा अब्दुस्समद’ थे। अब्दुरसमद द्वारा बनाई गयी कुछ कृतियों का संकलन जहांगीर की ‘गुलशन चित्रावली’ में किया गया है ‘उस्ताद मंसूर’ एवं ‘अबुलहसन’ जहांगीर के श्रेष्ठ कलाकारों में से थे। इन्हें बादशाह ने क्रमशः ‘नादिर-उल-अस्त्र’ एवं ‘नादिरुज्जमा’ की उपाधि प्रदान की थी। उस्ताद मंसूर को दुर्लभ पशुओं और पक्षियों का चितेरा कहा जाता था। इसकी महत्वपूर्ण कृति ‘साइबेरिया का बिरला सारस’ तथा बंगाल का एक ‘पुष्प’ है।

व्याख्या: बहलोल लोदी, दिल्ली में प्रथम अफगान राज्य का संस्थापक था। इसने पहले ‘हजरते आला’ की उपाधि अपनाई बाद में ‘सुल्तान’ की उपाधि धारण की। बहलोल लोदी अपने सरदारों का ‘मसनद-ए-अली’ कहकर पुकारता था। बहलोल लोदी ने ‘बहलोली सिक्के’ का प्रचलन करवायां सिकन्दर लोदी ‘सुल्तान सिकन्दर शाह’ की उपाधि से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। सिकन्दर लोदी ने 1504 में आगरा नगर की नींव डाली। इसने भूमि के लिए एक प्रामाणिक पैमाना ‘गजे सिकन्दरी’ का प्रचलन करवाया। इसने आगरा को अपनी राजधानी बनाया। शेरशाह सूरी ने सहसाराम में अपना मकबरा बनवाया और पाटिलपुत्र को ‘पटना’ के नाम से पुनः स्थापित किया।

व्याख्या: अली गौहर शाह आलम द्वितीय के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। शाहआलम द्वितीय के शासनकाल की घटनाएं निम्न है - पानीपत का तृतीय युद्ध, दक्षिण में अकाल, इलाहाबाद संधि (1765) आदि। इसे वजीर गाजीउद्दीन ने दिल्ली में दाखिल नहीं होने दिया था। 1772 में मराठो (माधवराव सिन्धिया) के संरक्षण में शाहआलम वापस दिल्ली लौटा। शाहआलम द्वितीय का पुत्र अकबर द्वितीय मुगल शासक बना। इसके शासनकाल में मुगल सता अंग्रेजो के संरक्षण में आ चुकी थी।

व्याख्या: मुगलराज का संस्थापक बाबर एक विद्वान शासक था। उसके दरबार में विद्वानों का आदर किया जाता था, उसने फारसी में एक नवीन काव्य शैली अपनायी जिसे मुबायीन (मुबइयान) कह जाता है तथा उसमें बाबर द्वारा मुस्लिम कानून के नियमों का संग्रह है। बाबरनामा बाबर की आत्मकथा है जो तुर्की भाषा में लिखी गयी है और उसका कई अन्य भाषाओं में अनुवाद भी हो चुका है। ‘दीवान’ बाबर द्वारा रचित तुर्की भाषा की एक कविता संग्रह है।

व्याख्या: औरंगजेब एक उत्साही सुन्नी मुसलमान था। उसकी धार्मिक नीति सांसारिक लाभ के किसी विचार से प्रभावित नहीं थी। इनके द्वारा चलाये गये जिहाद का अर्थ है दारूल इस्लाम। उसका मानना है कि तब तक गैर मुसलमान देशों (दारूल हर्ब) के विरुद्ध धर्मयुद्ध (जिहाद) करना चाहिए जब तक कि वे इस्लाम के राज्य (दारूल-इस्लाम) के रूप में परिवर्तित नहीं हो जाते। दारूल हर्ब का अर्थ है गैर मुसलमानी देश। और जजिया एक प्रकार का धार्मिक कर है।

व्याख्या: शाहजहाँ का काल सफेद संगमरमर के प्रयोग का चरमोत्कर्ष काल माना जाता है। दिल्ली के लाल किले का निर्माण शाहजहाँ ने 1648 में करवाया था। इस किले के भीतर मोतीमहल, हीरामहल, नहर-ए-बहिश्त, शीश महल आदि इमारतें थीं। शाहजहाँ के अन्य निर्माण कार्यों में आगरा की मोती मस्जिद, दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा का ताजमहल आदि है। नूरजहाँ ने 1626 ई. में एतामादुद्दौला का मकबरा बनवाया। मुगलकालीन वास्तुकला के अंतर्गत निर्मित यह ऐसी प्रथम इमारत है जो पूर्णरूप से बेदाग सफेद संगमरमर से निर्मित है। अकबर ने आगरा का किला, फतेहपुर सीकरी, जामा मस्जिद, बुलन्द दरवाजा आदि का निर्माण करवाया था।

व्याख्या: हुमायूं द्वारा लड़े गए चार प्रमुख युद्धों का क्रम है : देवरा (1531 ई.)., चौसा (1539), बिलग्राम (1540), एवं सरहिन्द का युद्ध (1555 ई.)।

व्याख्या: ए. एल. श्रीवास्तव ने शाहजहाँ के शासनकाल को मुगलकाल का ‘स्वर्णयुग' कहा है।

व्याख्या: मोहम्मद शाह के समय में नादिरशाह ने 1739 ई. में भारत पर आक्रमण किया और करनाल के युद्ध में मुगल सेना को पराजित किया। वापस जाते समय मयूर सिंहासन तथा कोहिनूर हीरा अपने साथ ले गया।

व्याख्या: यह युद्ध दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी एवं बाबर के मध्य लड़ा गया। 12 अप्रैल, 1526 ई. को दोनों सेनाएं पानीपत के मैदान में आमने-सामने हुई पर दोनों के मध्य युद्ध का आरम्भ 21 अप्रैल को हुआ। ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध का निर्णय दोपहर तक ही हो गया। युद्ध में इब्राहीम लोदी बुरी तरह परास्त होने के साथ ही मार दिया गया। बाबर ने अपनी कृति ‘बाबर नामा’ में इस युद्ध को जीतने में मात्र 12000 सैनिकों के उपयोग का जिक्र किया है। इस युद्ध में बाबर ने पहली बार तुलुगमा युद्ध नीति एवं तोपखाने का प्रयोग किया। पानीपत के युद्ध में ही बाबर ने अपने दो प्रसिद्ध निशानेबाज उस्ताद अली एवं मुस्तफा की सेवाएं ली।

व्याख्या: 'ज़ब्त या ज़ब्ती मध्यकाल में भारत में भूमि राजस्व के निर्धारण की एक पद्धति जो माप पर आधारित थी। यह भारत में सूरों और मुगलों के समय में प्रचलित थी। साधाणत: ज़ब्त, परंतु कभी-कभी ज़ब्ती तथा जरीब या 'अमल-ए-जरीब' कहलाती थी। अबुल फज़ल के अनुसार सूर राजा शेरशाह और इस्लाम शाह इस पद्धति के प्रवर्तक थे।

व्याख्या: जवाबित का आशय राज्य के कानून (लॉ ऑफ स्टेट) से है। जो कोई शासक देशकाल, परिस्थिति के अनुसार प्रशासनिक सुविधाओं के लिए कोई कानून बनाता है, तो वह कानून जवाबित कहलाता है।


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