मुग़ल सम्राज्य से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Mughal Empire GK Quiz (set-11)

मुग़ल सम्राज्य से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Mughal Empire GK Quiz (set-11).

मुग़ल सम्राज्य

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 11)

व्याख्या: पानीपत का पहला युद्ध 1526 में बाबर और इब्राहिम लोदी की सेनाओं के बीच लड़ा गया था जिसमें लोधी की हार हुई थी और भारत में मुगल शासन की स्थापना हुई थी।

व्याख्या: मालवा के शासक बाज बहादुर को 1561 ई. में अदहम ख़ाँ के नेतृत्व में मुग़ल सेना ने परास्त कर दिया। 29 मार्च, 1561 ई. को मालवा की राजधानी ‘सारंगपुर’ पर मुग़ल सेनाओं ने अधिकार कर लिया। अकबर ने अदहम ख़ाँ को वहाँ की सूबेदारी सौंपी।

व्याख्या: स्मिथ ने 1573 ईस्वी में गुजरात के द्वितीय अभियान को ऐतिहासिक अभियान कहा। जिसका नेतृत्व अकबर ने स्वयं किया था।

व्याख्या: 1601 ईसवी में असीरगढ़ का विजय अकबर का अंतिम विजय अभियान था।

व्याख्या: बीरबल (1528-1586) : असली नाम: महेश दास भट्ट था, मुगल बादशाह अकबर के प्रशासन में मुगल दरबार का प्रमुख वज़ीर (वज़ीर-ए-आजम) था और अकबर के परिषद के नौ सलाहकारों में से एक सबसे विश्वस्त सदस्य था जो अकबर के नवरत्नों थे।

व्याख्या: नादिर शाह फारसी साम्राज्य का शासक था। वह अफशारीद वंश से संबंधित था। वह एक सरल सैन्य व्यक्ति था जिसने अपनी सरल रणनीति एवं शानदार सैन्य सुधारों से एक विशाल साम्राज्य बनाया। वह भारत की संपदा की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने मुगल सम्राट मुहम्मद शाह के शासनकाल के दौरान 1739 ईस्वी में भारत पर आक्रमण किया।

नादिरशाह और उनकी सेना ने 1739 ई. में करनाल के युद्ध में मुगलों को हराया था। युद्ध के बाद मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को नादिर शाह ने कैद कर लिया था।

नादिर शाह ने दिल्ली शहर को बरबाद कर दिया और लूट लिया तथा अत्यधिक मात्रा में सम्पति दिल्ली से ले गया। उन्होंने धन और जवाहरात के अलावा प्रसिद्ध कोहिनूर के साथ शाहजहाँ द्वारा निर्मित प्रसिद्ध मयूर सिंहासन भी लिया।

व्याख्या: मुगल प्रांतीय प्रशासन की दो मुख्य शाखाएँ - निज़ामत और दीवानी थीं। सामान्य तौर पर निजामत का अर्थ नागरिक प्रशासन और दीवानी का राजस्व प्रशासन था। प्रांतीय सूबेदार निजामत का प्रभारी था (उसे नाजिम भी कहा जाता था) और दीवान राजस्व प्रशासन का प्रभारी था।

हुमायूँ (असली नाम- नसीर-उद-दीन मुहम्मद) का जन्म 6 मार्च 1508 को काबुल (अफगानिस्तान) में हुआ था। उनके द्वारा निर्मित एक छोटी मस्जिद है जिसे फतेहाबाद शहर में हुमायूँ मस्जिद के नाम से जाना जाता है।

व्याख्या: बदायूंनी, अब्दुल क़ादिर की सबसे महत्त्वपूर्ण किताब 'मुंतख़ाब अत तवारीख़' थी जिसका चुनाव इतिहास से किया गया था, जिसे अक्सर तारीख़े बदायूंनी (बदायूंनी का इतिहास) भी कहा जाता है। इसमें मुस्लिम भारत का इतिहास है और मुस्लिम धार्मिकों, चिकित्सकों, कवियों और विद्वानों पर अतिरिक्त खंड शामिल हैं। अकबर के धार्मिक नियमों की आलोचना किए जाने के कारण इस पुस्तक से विवाद का जन्म हुआ और 17वीं शताब्दी के आरंभ में जहांगीर के शासनकाल तक इस पुस्तक को महत्त्व नहीं दिया गया।

व्याख्या: वीरसिंह बुन्देला मुग़ल शहज़ादा सलीम (बाद में जहाँगीर) का कृपापात्र और बुन्देलों का सरदार था। सलीम के उकसाने पर ही वीरसिंह बुन्देला ने बादशाह अकबर के विश्वसनीय मित्र और परामर्शदाता तथा विद्वान अबुल फ़ज़ल की 1602 ई. में हत्या कर दी थी।

व्याख्या: अकबर ने सरकारी पदों पर नौकरी देते हुए योग्यता को आधार बनाया था। उन्होंने टोडरमल, मानसिंह, बीरबल, भगवानदास, रामसिंह आदि हिन्दू राजाओं को ऊंचे पदों पर नियुक्त किया था। टोडरमल अकबर के राज्य में वित्त मंत्री थे। ये भूमि सुधार कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं।

व्याख्या: अकबर ने तानसेन 'कण्ठाभरणवाणी विलास' की उपाधि दी थी। उनके तीन ग्रन्थ थे - 'संगीतसार', 'राममाला', 'गणेशस्त्रोत'।

व्याख्या: मुगल वंश के संदर्भ में पिता के रहते बादशाह पद प्राप्त करने का प्रथम प्रयास करने वाला शहजादा जहांगीर था।

व्याख्या: अकबर की मृत्यु के पश्चात सन 1605 में जहांगीर को मुगल वंश का बादशाह घोषित किया गया। जहां गीत नहीं राज्य अभिषेक के पश्चात 12 अध्यादेश जारी किया। जहांगीर द्वारा 12 अध्यादेश जारी करने का कारण जनता तथा अपने दरबारियों का समर्थन प्राप्त करना था।


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