पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत) से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - GK Quiz (set-1)

पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत) से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Gk Quiz (set-1).

पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत)

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 1)

1. किस पाल शासक को गुजराती कवि सोडूढ़ल ने 'उत्तरापथ स्वामिन्’ कहा?

व्याख्या: गोपाल के बाद उसका पुत्र धर्मपाल 770 ई. में सिंहासन पर बैठा। धर्मपाल ने 40 वर्षों तक शासन किया। धर्मपाल ने कन्‍नौज के लिए त्रिदलीय संघर्ष में उलझा रहा। उसने कन्‍नौज की गद्दी से इंद्रायूध को हराकर चक्रायुध को आसीन किया। चक्रायुध को गद्दी पर बैठाने के बाद उसने एक भव्य दरबार का आयोजन किया तथा उत्तरापथ स्वामिन की उपाधि धारण की। धर्मपाल बौद्ध धर्मावलम्बी था।

2. 712 ई० में सिंध पर अरबों के आक्रमण के समय वहाँ का शासक कौन था?

व्याख्या: राजा दाहिर सिंध के सिंधी ब्राह्मण सैन गुर्जर राजवंश के अंतिम राजा थे। उनके समय में ही अरबों ने सर्वप्रथम सन 712 में भारत (सिंध) पर आक्रमण किया था।मोहम्मद बिन कासिम मिशन 712 में सिंध पर आक्रमण किया था जहां पर राजा दहिर सैन ने उन्हें रोका और उनके साथ युद्ध लड़ा उनका शासन काल 663 से 712 ईसवी तक रहा उन्होंने अपने शासनकाल में अपने सिंध प्रांत को बहुत ही मजबूत बनाया परंतु अपने राष्ट्र और देश की रक्षा के लिए उन्होंने उम्मेद शासन के जनरल मोहम्मद बिन कासिम की लड़ाई लड़ी और परंतु हार गए 712 में उनका सिंधु नदी के किनारे उनकी मौत हो गयी।

3. सर्वप्रथम भारत में 'जजिया कर लगाने का श्रेय सिंध के विजेता मुहम्मद बिन कासिम को दिया जाता है। उसने किस वर्ग को इस कार से पूर्णतः मुक्त रखा?

व्याख्या: सर्वप्रथम भारत में 'जजिया कर लगाने का श्रेय सिंध के विजेता मुहम्मद बिन कासिम को दिया जाता है। उसने ब्राह्मण वर्ग को इस कर से पूर्णतः मुक्त रखा था। सल्तनत के इतिहास में प्रथम बार फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगाया। आज से करीब 450 साल पहले मुगल शासक अकबर ने जजिया कर को खत्म कर दिया था यह कर सिर्फ गैर-मुस्लिमों से ही वसूला जाता था।

4. किस ग्रंथ के उल्लेख के आधार पर यह माना जाता है कि मलेच्छों के अत्याचार से त्रस्त होकर महर्षि वशिष्ठ ने अत्याचारियों के विनाश हेतु आबू पर्वत पर एक यज्ञ किया एवं यज्ञ के अग्निकुंड से 4 राजपूत कुलों-परमार, चौलुक्य / सोलंकी, प्रतिहार एवं चौहान का जन्म हुआ?

व्याख्या: ‘पृथ्वीराज रासो’ हिन्दी साहित्य के प्रारम्भिक समय की एक महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है। इसके लेखक ‘चंद बरदाई’ हैं। ये दिल्ली के चौहानवंशी शासक पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि थे। इस ग्रन्थ में इन्होंने पृथ्वीराज चौहान के जीवन चरित की अद्भुत झाकी प्रस्तुत की है। जहां इस ग्रंथ में पृथ्वीराज की प्रेम सम्बन्धी भावनाओं को भी दर्शाया गया है। वह जयचन्द की पुत्री संयोगिता का अपहरण कर लेते हैं। इसी ग्रन्थ में राजपूतों की उत्पत्ति संबंधी सूचना मिलती है। कल्हण ने कश्मीर का इतिहास अपनी पुस्तक राजतरंगिणी में लिखा है। विल्हण की प्रमुख पुस्तक ‘विक्रमांक देवचरित’ है जबकि जयानक ने पृथ्वीराज विजय की रचना की।

5. 'दिल्लिका' (दिल्ली) नगर की स्थापना की थी

व्याख्या: चंदरबरदाई की रचना पृथवीराज रासो में तोमर वंश राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है। दिल्ली में तोमर वंश का शासनकाल 900 -1200 इ. तक माना जाता है। 'दिल्ली' या 'दिल्लिका' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों पर पाया गया, जिसका समय 1170 ई. निर्धारित किया गया।

6. उस शासक का नाम क्या है जिसने विजय स्तम्भ (Tower of Victory) का निर्माण कराया था?

व्याख्या: विजय स्तम्भ भारत के राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित एक स्तम्भ या टॉवर है। इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1440-1448 के मध्य बनवाया था।

7. निम्नलिखित में से भारत पर पहली बार आक्रमण करने वाला कौन था?

व्याख्या: भारत पर आक्रमण करने वाला प्रथम अरब मुहम्मद बिन कासिम था। मोहम्मद बिन कासिम ईरान के गवर्नर अल हज्जाज का सेनापति व दामाद था। हज्जाज ने 712 में कासिम को भारत पर आक्रमण करने के लिए भेजा।

8. पृथ्वीराज रासो' निम्नलिखित में किसने लिखा था?

व्याख्या: ‘पृथ्वीराज रासो’ हिन्दी साहित्य के प्रारम्भिक समय की एक महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है। इसके लेखक ‘चंद बरदाई’ हैं। ये दिल्ली के चौहानवंशी शासक पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि थे। इस ग्रन्थ में इन्होंने पृथ्वीराज चौहान के जीवन चरित की अद्भुत झाकी प्रस्तुत की है। जहां इस ग्रंथ में पृथ्वीराज की प्रेम सम्बन्धी भावनाओं को भी दर्शाया गया है। वह जयचन्द की पुत्री संयोगिता का अपहरण कर लेते हैं। इसी ग्रन्थ में राजपूतों की उत्पत्ति संबंधी सूचना मिलती है। कल्हण ने कश्मीर का इतिहास अपनी पुस्तक राजतरंगिणी में लिखा है। विल्हण की प्रमुख पुस्तक ‘विक्रमांक देवचरित’ है जबकि जयानक ने पृथ्वीराज विजय की रचना की।

9. पूर्व मध्यकालीन भारत के शासक राजवंश एवं राजधानी को सुमेलित कीजिए:
सूची-I (राजवंश)
  1. प्रतिहार/परिहार
  2. चन्देल
  3. परमार/पवार
  4. चौलुक्य/सोलंकी
सूची-II (राजधानी)
  1. कन्नौज
  2. खजुराहो
  3. धार
  4. आन्हिलवाडा

व्याख्या: गुर्जर प्रतिहार राजवंश की स्थापना नागभट्ट ने 725 ई. में की थी। इनकी राजधानी कन्नौज थी।

चन्देला वंश भारत का प्रसिद्ध राजवंश हुआ, जिसने 08वीं से 12वीं शताब्दी तक स्वतंत्र रूप से यमुना और नर्मदा के बीच, बुंदेलखंड तथा उत्तर प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिमी भाग पर राज किया। इनकी राजधानी महोबा, खजुराहो, कालिंजर थी।

परमार या पँवार मध्यकालीन भारत का एक अग्निवंशी क्षत्रिय राजवंश था। इस राजवंश का अधिकार धार-मालवा-उज्जयिनी-आबू पर्वत और सिन्धु के निकट अमरकोट आदि राज्यों तक था। परमार परिवार की मुख्य शाखा आठवीं शताब्दी के प्रारंभिक काल से मालवा में धारा को राजधानी बनाकर राज्य करती थी

10. वर्ष 1100 ई० में निर्मित मंदिर जो भुवनेश्वर के अन्य मंदिरों पर प्रधानता रखता है, कौन-सा है?

व्याख्या: लिंगराज मंदिर भारत के ओडिशा प्रांत की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह भुवनेश्वर का मुख्य मन्दिर है तथा इस नगर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यह भगवान त्रिभुवनेश्वर को समर्पित है। इसे ललाटेडुकेशरी ने 617-657 ई. में बनवाया था। यद्यपि इस मंदिर का वर्तमान स्वरूप 1090-1104 में बना, किंतु इसके कुछ हिस्से 1400 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं। इस मंदिर का वर्णन छठी शताब्दी के लेखों में भी आता है।

11. दिलवाड़ा मंदिर कहाँ पर स्थित है?

व्याख्या: दिलवाड़ा जैन मंदिर राजस्थान में अरावली पर्वत में माउण्ट आबू में स्थित है। इसका निर्माण भीम प्रथम के सामन्त विमलशाह ने 1031 ई. में कराया था। पूर्ण रूप से संगमरमर द्वारा इस मंदिर का निर्माण किया गया है। यह राजस्थान में सबसे अधिक उंक्तचाई पर स्थित मंदिर है। यह जैन धर्मावलम्बियों का पवित्रतम स्थल है। उल्लेखनीय है कि माउण्ट आबू के निकट गुरु शिखर अरावली की सर्वोच्च चोटी है।

12. खजुराहो स्थित मंदिरों का निर्माण किसने किया था?

व्याख्या: खजुराहो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। प्राचीन काल में यह बुन्देलखण्ड का एक प्रमुख नगर था। 10 वीं और 11वीं शती में चन्देल राजपूत शासकों ने इस नगर को विशाल और भव्य मन्दिरों से सुसज्जित करवाया। उनके द्वारा बनवाये गये तीस मन्दिर आज भी विद्यमान हैं। यहां के मंदिर जैन और हिन्दू दोनों ही धर्मों से सम्बन्धित हैं। जैन मंदिरों में पार्श्वनाथ का मंदिर सुप्रसिद्ध एवं बड़ा है खजुराहों का सबसे श्रेष्ठ मंदिर कंदरिया महादेव का मंदिर है। अन्य मंदिरों में चौंसठ योगिनियों का मन्दिर है। गुर्जर प्रतिहार, चाहमान और परमार ये सभी राजपूत वंशावलियां भी 10वीं और 11वीं सदी में शासन कर रही थी।

13. विजय स्तंभ कहाँ स्थित है?

व्याख्या: विजय स्तम्भ भारत के राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित एक स्तम्भ या टॉवर है। इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1440-1448 के मध्य बनवाया था।

14. लिंगराज मंदिर की नींव डाली थी

व्याख्या: लिंगराज मंदिर मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजा जजाति केशरि ने 11वीं शताब्दी में करवाया था। उसने तभी अपनी राजधानी को जाजपुर से भुवनेश्वर में स्थानांतरिक किया था। इस स्थान को ब्रह्म पुराण में एकाम्र क्षेत्र बताया गया है। मंदिर का प्रांगण 150 मीटर वर्गाकार का है तथा कलश की ऊँचाई 40 मीटर है। प्रतिवर्ष अप्रैल महीने में यहाँ रथयात्रा आयोजित होती है।

15. सोमनाथ के मंदिर पर 1025 ई० में महमूद गजनवी के आक्रमण के समय गुजरात का शासक कौन था?

व्याख्या: भीमदेव प्रथम गुजरात के सोलंकी वंश का शासक था। इसने वडनगर पर 1021-1063 ई0 तक शासन किया। यह नागराज का पुत्र एवं दुर्लभराज का भतीजा था। सोमनाथ के मंदिर पर 1025 ई0 में महमूद गजनवी के आक्रमण के समय इसने कांतकोठ में शरण ले ली थी।


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