सौरमण्डल से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर - Saur Mandal GK Quiz - Set 2

सौर मण्डल (Solar System) से सम्बंधित ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ।

सौरमण्डल समान्य ज्ञान क्विज (सेट-1)

व्याख्या: बृहस्पतीय या बाह्य ग्रह - बृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण को बृहस्पतीय ग्रह कहा जाता है।

व्याख्या: सभी ग्रह एक वामावर्त दिशा में सूर्य की परिक्रमा करते हैं और शुक्र और अरुण ग्रह को छोड़कर अपनी धुरी वामावर्त (पश्चिम से पूर्व) की ओर घूमते हैं।<शुक्र दक्षिणावर्त (पूर्व से पश्चिम) की ओर घूमता है जबकि यूरेनस सूर्य की परिक्रमा करता है। यूरेनस ग्रह 98 डिग्री के कोण पर घुमाव।

व्याख्या: सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं।सूर्य को हमारे सौर मंडल का जन्मदाता कहा जाता है।

व्याख्या: सुपरनोवा ब्रह्माण्ड में होने वाले सबसे खतरनाक दुर्घटनाओं में से एक है जिसमें कोई बहुत पुराना तारा अपने अंतिम क्षणों में होता है और कड़े विस्फोट के बाद नष्ट होने ही वाला होता है। यह विस्फोट बहुत शक्तिशाली होता है। इस प्रतिक्रिया के बाद या तो कोई नया तारा बनना शुरू होता है या पुराने तारे में विस्फोट होने के बाद वह सफ़ेद ड्वार्फ में बदल जाता है। जब सुपरनोवा प्रतिक्रिया हो रहा होता है, तो बहुत ज्यादा रौशनी प्रसारित होती है जो इतनी चमकीली रहती है कि वो पूरे ब्रह्माण्ड के रौशनी को पीछे छोड़ सकती है। वैज्ञानिक ऐसा मानते हैं कि सुपरनोवा प्रतिक्रिया के दौरान जब विस्फोट होता है, यह अंतरिक्ष की सबसे खतरनाक घटना है।

व्याख्या: निकोलस कोपरनिकस पोलिश खगोलशास्त्री व गणितज्ञ थे। उन्होंने यह क्रांतिकारी सूत्र दिया था कि पृथ्वी अंतरिक्ष के केन्द्र में नहीं है। निकोलस पहले युरोपिय खगोलशास्त्री थे जिन्होंने पृथ्वी को ब्रह्माण्ड के केन्द्र से बाहर माना, यानी हीलियोसेंट्रिज्म मॉडल को लागू किया। इसके पहले पूरा युरोप अरस्तू की अवधारणा पर विश्वास करता था, जिसमें पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केन्द्र थी और सूर्ये, तारे तथा दूसरे पिंड उसके गिर्द चक्कर लगाते थे।

व्याख्या: सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग 14,96,00,000किलोमीटर है। सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में 8.3 मिनट का समय लगता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है।

व्याख्या: सूर्य एक विशाल आणविक बादल के हिस्से के ढहने से करीब 4.57 अरब वर्ष पूर्व गठित हुआ है जो अधिकांशतः हाइड्रोजन और हीलियम का बना है और शायद इन्ही ने कई अन्य तारों को बनाया है। हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का 74% तथा हिलियम 24% है।

व्याख्या: प्रकाश मंडल (photosphere), किसी तारे का बाहरी खोल है जिससे प्रकाश निकलता है। असल में हम सूर्य में इसी प्रकाश मंडल को देखते हैं।

व्याख्या: सूर्य के वायुमंडल का निम्नस्तर, जो प्रकाशमंडल (photosphere) के ठीक ऊपर स्थित है उत्क्रमण मंडल (Reversing layer) कहलाता है। इस उत्क्रमण मंडल से ऊपर लगभग 11,200 किलोमीटर तक फैले हुए गोलीय मंडल को वर्णमंडल कहते हैं।

व्याख्या: पृथ्वी अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व दिशा में घूमती है। धरती न केवल पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूमती है साथ ही यदि हम उत्तरी ध्रुव के ऊपर से देखें तो वह सूर्य की परिक्रमा वामावर्त यानी एंटीक्लॉकवाइज़ करती है। पृथ्वी के घूर्णन के कारण ही दिन और रात और ऋतू परिवर्तन होते है।

व्याख्या: नार्वे के अर्ध रात्रि के सूर्य के देश' को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि जब सूर्य उत्तरायण रहता है उस समय उच्च अक्षांशों में दिन की अवधि 18-24 घंटे तक रहती है अर्थात उसी गोलार्द्ध के अन्य क्षेत्रों में जब अर्धरात्री रहती है तब नार्वे जैसे उच्च अक्षांशिय देशों में सूर्य चमकता रहता है। अंटार्कटिक और आर्कटिक ऐसे, ही उच्च अक्षांशिय क्षेत्र है।

व्याख्या: अपसौर (aphelion)- पृथ्वी की कक्षा में वह स्थिति जब पृथ्वी और सूर्य के बीच सर्वाधिक दूरी होती है उसे अपसौर की स्थिति कहते है। यह स्थिति 4 जुलाई को बनती है और इस स्थिति में पृथ्वी व सूर्य के मध्य की दूरी 15.2 करोड़ किलोमीटर होती है। इस दौरान सामान्य से 7% कम सौर विकिरण पृथ्वी पर प्राप्त होती है।

व्याख्या: उपसौर (perihelion) हमेशा जनवरी की शुरुआत में होता है। 3 जनवरी को, पृथ्वी सूर्य के सबसे करीब (147 मिलियन किमी) होती है। इस स्थिति को उपसौर कहा जाता है।

व्याख्या: खगोलीय एकक (Astronomical Unit- AU) पृथ्वी के केन्द्र और सूर्य के बीच की माध्य दूरी होती है। यह लगभग 1,495,98,000 किमी. होती है। इसे स्थाई मानकर सौरमंडल की अन्य दूरियों को मापने में भी इसे प्रयोग किया जाता है।

व्याख्या: नार्वे के अर्ध रात्रि के सूर्य के देश' को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि जब सूर्य उत्तरायण रहता है उस समय उच्च अक्षांशों में दिन की अवधि 18-24 घंटे तक रहती है अर्थात उसी गोलार्द्ध के अन्य क्षेत्रों में जब अर्धरात्री रहती है तब नार्वे जैसे उच्च अक्षांशिय देशों में सूर्य चमकता रहता है। अंटार्कटिक और आर्कटिक ऐसे, ही उच्च अक्षांशिय क्षेत्र है।


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