ब्रिटिश शासन का प्रभाव MCQ प्रश्न उत्तर और व्याख्या - GK Quiz (Set-1)

ब्रिटिश शासन का भारत के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव MCQ प्रश्न उत्तर और विस्तृत समाधान के साथ। भारत में ब्रिटिश शासन का प्रभाव MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

ब्रिटिश शासन का भारत के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 1)

1. पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया नामक पुस्तक किसने लिखी है?

व्याख्या: दादाभाई नौरोजी ने 'पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया’ पुस्तक लिखी। दादाभाई नौरोजी 'ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया' के नाम से लोकप्रिय थे। ये ब्रिटिश संसद का सदस्य बनने वाले पहले भारतीय हैं।

इन्होंने लंदन इंडियन सोसाइटी और ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना में सहायता की। 1885 में, बॉम्बे प्रेसीडेंसी एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने। वह 1886, 1893 और 1906 में तीन बार कांग्रेस अध्यक्ष रहे।

2. मेनचेस्टर कॉटन कंपनी की स्थापना कब की गई?

व्याख्या: 1857 में, ब्रिटेन में कपास आपूर्ति संघ की स्थापना के बाद 1859 में मेनचेस्टर कॉटन कंपनी बनाई गई। इसका उद्देश्य दुनिया के हर भाग में कपास के उत्पादन को प्रोत्साहित करना था जिससे उनकी कंपनी का विकास हो सके।

3. भारत में अंग्रेजों की लूट किस महत्त्वपूर्ण घटना के बाद शुरु हो गई थी?

व्याख्या: प्लासी का पहला युद्ध 23 जून 1757 को मुर्शिदाबाद के दक्षिण में 22 मील दूर नदिया जिले में गंगा नदी के किनारे 'प्लासी' नामक स्थान में हुआ था। इस युद्ध में एक ओर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना थी तो दूसरी ओर थी बंगाल के नवाब की सेना। कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।

4. ब्रिटिश काल में भारत में निम्नलिखित में से किस भू-राजस्व व्यवस्था को नहीं अपनाया गया?

व्याख्या: आइन-ए-दहसाला मुग़ल साम्राज्य में बादशाह अकबर के शासन काल में राजा टोडरमल द्वारा स्थापित की गई भू-राजस्व व्यवस्था की पद्धति थी।

5. आर्थिक तौर पर, 19वीं शताब्दी में भारत पर अंग्रेजी शासन का एक परिणाम था:

व्याख्या: 19 वीं शताब्दी में कृषि का वाणिज्यकरण भारत में ब्रिटिश शासन का परिणाम था। किसानों को नकदी फ़सलों को उगाने के लिए मजबूर किया गया था जो अंग्रेजी कारखानों के कच्चे माल के रूप में ग्रेट ब्रिटेन को निर्यात किए जाते थे।

6. भारत से ब्रिटेन की ओर ‘सम्पत्ति के अपवहन' (Drain of wealth) का सिद्धान्त किसने प्रतिपादित किया था?

व्याख्या: दादाभाई नौरोजी को 'महान वृद्ध पुरुष' (ग्रैंड ओल्डमैन ऑफ़ इण्डिया) कहा जाता है। यह प्रथम भारतीय थे जिन्हें 1892 ई. में उदारवादी दल की ओर से ब्रिटेन के हाउस ऑफ़ कॉमन्स का सदस्य चुना गया। इन्होने ही सर्वप्रथम भारत में राष्ट्रिय आय के आंकड़ो की गणना करने का प्रयास किया। इन्होने रहनुमाई मजदयासन सभा तथा 'ईस्ट इंडिया एसोसिएशन' की स्थापना की तथा 1867-68 ई. में अपनी रचना 'पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रुल इन इंडिया' में धन का अपवाह' (Drain of Wealth) सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें यह दर्शाया कि किस प्रकार भारतीय धन ब्रिटेन द्वारा लूटा जा रहा था।

7. वर्ष 1853 ई० में लॉर्ड डलहौजी ने जो पहली टेलीग्राफ लाइन शुरु की, वह किसके बीच थी?

व्याख्या: वर्ष 1853 ई0 में लॉर्ड डलहौजी ने जो पहली टेलीग्राफ लाइन शुरु की, कलकता और डायमंड हार्बर के बीच 1851 में मार्च 1884 तक टेलीग्राफ संदेश कलकता से आगरा तक भेजना संभव हुआ। 1900 तक टेलीग्राफ सेवा भारतीय रेल से भी जुड़ गई थी।

8. भारत में ब्रिटिश भूराजस्व प्रणाली का निम्नलिखित में से किसने अधिक लाभ प्राप्त किया?

व्याख्या: स्थाई बन्दोबस्त व्यवस्था तत्कालीन ब्रिटिश भारत की लगभग 19% भूमि पर लागू की गई। सर्वप्रथम यह व्यवस्था बंगाल में लागू की गई। व्यवस्था के अंतर्गत ज़मींदारों से मालगुज़ारी के रूप में एक निश्चित आय हमेशा के लिए निश्चित कर ली जाती थी।

ज़मींदार किसान से वसूले गए लगान का 10/11 भाग सरकारी कोश में जमा करता था तथा शेष 1/11 भाग अपने ख़र्च, परिश्रम व दायित्व के लिए अपने पास रख लेता था। ज़मींदारों द्वारा निश्चित समय में सरकारी खज़ाने में लगान न जमा करने पर भूमि को नीलाम कर दिया जाता था।

दैवीय प्रकोप के समय लगान की दर में कोई रियायत नहीं दी जाती थी। लगान की दर बढ़ाने का अधिकार सरकार के पास नहीं था, लेकिन ज़मींदार इसमें वृद्धि कर सकता था। ज़मींदार भूमि को बेच सकता था और रेहन व दान में दे सकता था।

9. भारत में सबसे पहला सूती वस्त्र मिल किस शहर में स्थापित किया गया था?

व्याख्या: आधुनिक ढंग की सूती वस्त्र की पहली मिल की स्थापना 1818 में कोलकता के समीप फोर्ट ग्लास्टर में की गयी थी, किन्तु यह असफल रही। पुनः 1851 में मुम्बई में एक मिल स्थापित की गयी, जो असफल रही। सबसे पहला सफल आधुनिक कारख़ाना 1854 में मुम्बई में ही कावसजी डाबर द्वारा खोला गया जिसमें 1856 में उत्पादन प्रारम्भ हुआ।

10. अंग्रेजों द्वारा बनाई गई भूराजस्व व्यवस्था की निम्न प्रणालियों में से कौन सी कृषकों के हितों को अधिक सुरक्षा प्रदान करती थी?

व्याख्या: रैयतवाड़ी भूमि कर व्यवस्था मद्रास, बम्बई एवं असम के अधिकाँश भागो में लागू की गई थी। रैयतवाड़ी व्यवस्था को सर्वप्रथम 1807 ई. में कैप्टन रीड के प्रयासों से मद्रास के बारामहल जिले में लागू किया गया। टॉमस मुनरो उस समय मद्रास के गवर्नर थे। इस प्रकार रैयतवाड़ी व्यवस्था के जन्मदाता टॉमस मुनरो एवं कर्नल रीड थे। इस व्यवस्था से प्रत्यक्ष रूप से उपज का 55 प्रतिशत से 66 प्रतिशत का भू-राजस्व कम्पनी द्वारा वसूला गया। उल्लेखनीय है कि रैयतवाड़ी व्यवस्था के अंतर्गत ब्रिटिश भार का कुल 51 प्रतिशत (सर्वाधिक) हिस्सा शामिल था।

11. किसके द्वारा बंगाल और बिहार का स्थायी बंदोबस्त / इस्तमरारी बंदोबस्त (Permanent Settlement) शुरु किया गया था?

व्याख्या: लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 ई. में बंगाल, बिहार,उड़ीसा में स्थायी बंदोबस्त (इस्तमरारी बंदोबस्त) नामक भू-राजस्व व्यवस्था लागू की जिसके अंतर्गत जमींदारो को भूमि का स्वामी मानकर उनसे एक निश्चित दर से लगान वसूला जाने लगा।

12. ब्रिटिश सरकार ने भारत में स्थायी बंदोबस्त कब लागू किया?

व्याख्या: लॉर्ड कार्नवालिस ने 1793 ई. में बंगाल, बिहार,उड़ीसा में स्थायी बंदोबस्त (इस्तमरारी बंदोबस्त) नामक भू-राजस्व व्यवस्था लागू की जिसके अंतर्गत जमींदारो को भूमि का स्वामी मानकर उनसे एक निश्चित दर से लगान वसूला जाने लगा।

13. रैयतवाड़ी व्यवस्था कब लागू की गई थी?

व्याख्या: रैयतवाड़ी व्यवस्था व्यवस्था में प्रत्येक पंजीकृत भूमिदार भूमि का स्वामी होता था, जो सरकार को लगान देने के लिए उत्तरदायी होता था। भूमिदार के पास भूमि को रहने, रखने व बेचने का अधिकार होता था।

14. पहली बार औपचारिक रूप से महालवाड़ी प्रथा कब लागू की गई थी

व्याख्या: महालवाड़ी व्यवस्था का प्रस्ताव सर्वप्रथम 'हॉल्ट मैकेंजी' द्वारा लाया गया था। इस व्यवस्था के अंतर्गत भूमि पर ग्राम समुदाय का सामूहिक अधिकार होता था।

महालवाड़ी व्यवस्था का प्रस्ताव सर्वप्रथम 1819 ई. में 'हॉल्ट मैकेंजी' द्वारा लाया गया था। इस प्रस्ताव को 1822 ई. के रेग्यूलेशन-7 द्वारा क़ानूनी रूप प्रदान किया गया।

15. स्थायी बंदोबस्त जिन क्षेत्रों में लागू किये गए उनमें शामिल है-
  1. बंगाल
  2. बिहार
  3. उड़ीसा
  4. मद्रास के उत्तरी जिले
  5. बनारस

व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त को बंगाल के स्थायी बंदोबस्त के रूप में भी जाना जाता है, यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के जमींदारों के बीच भू-राजस्व तय करने के लिए एक समझौता था।

भारत में अंग्रेजों के लिए भू-राजस्व आय का प्रमुख स्रोत था। स्थायी बंदोबस्त ऐसी ही एक भू-राजस्व व्यवस्था थी। इसे पहले बंगाल और बिहार में पेश किया गया था और बाद में इसे मद्रास और वाराणसी में पेश किया गया था। इस व्यवस्था को जमींदारी व्यवस्था के नाम से भी जाना जाता था।


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