1857 का विद्रोह ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित - GK Quiz (Set-1)

सवतंत्रता आंदोलन - 1857 का विद्रोह ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन और उत्तर विस्तृत समाधान के साथ। सवतंत्रता आंदोलन - 1857 का विद्रोह MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

सवतंत्रता आंदोलन - 1857 का विद्रोह

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 1)

व्याख्या: मेरठ के शहर में 10 मई 1857 को विद्रोह शुरू हुआ था। हालांकि कुछ जगहों में, इससे पहले से भिन्नात्मक संघर्ष शुरू हुए थे। यह 20 जून 1858 को खत्म हुआ। इस विद्रोह के पीछे मुख्य व्यक्ति सैनिक थे। यही कारण है कि इसे सिपाही विद्रोह भी कहा जाता है। लेकिन यह विद्रोह सैनिकों तक ही सीमित नहीं था, बल्कि बाद में इसने एक विस्तृत रूप ले लिया। कुछ लोगों ने यह भी कहा- कि ‘भारत में स्वतंत्रता की यह पहली लड़ाई थी’।

व्याख्या: 1857 विद्रोह का प्रारम्भ एक बंदूक की वजह से हुआ। सिपाहियों के बीच अफ़वाह फ़ैल चुकी थी कि कारतूस में लगी हुई चर्बी सुअर और गाय के मांस से बनायी जाती है। यह हिन्दू और मुसलमान सिपाहियों दोनों की धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध था।

व्याख्या: मंगल पांडे अथवा मंगल पान्डेय (जन्म: 19 जुलाई, 1827; मृत्यु: 8 अप्रैल, 1857) का नाम 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम' में अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, 29 मार्च सन् 1857 को नए कारतूस को प्रयोग करवाया गया, मंगल पण्डे ने आज्ञा मानने से मना कर दिया और धोखे से धर्म को भ्रष्ट करने की कोशिश के ख़िलाफ़ उन्हें भला-बुरा कहा, और दो अंग्रेज अफसरों की गोली मार कर हत्या कर दी।

व्याख्या: मंगल पांडे 34वीं नेटिव इन्फेंट्री का सिपाही था। मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में चर्बी वाले कारतूसों का इस्तेमाल करने से मना कर दिया और अपने अधिकारी की हत्या कर दी। अंग्रेजों ने 34वीं नेटिव इन्फेंट्री रेजिमेंट को भंग कर दिया और अपराधियों की सजा दी।

व्याख्या: बेगम हज़रत महल अवध के शासक वाजिद अली शाह की पहली पत्नी थीं।इन्होंने लखनऊ को अंग्रेज़ों से बचाने के लिए भरसक प्रयत्न किए और सक्रिय भूमिका निभाई। लखनऊ में '1857 की क्रांति' का नेतृत्व बेगम हज़रत महल ने किया था। अपने नाबालिग पुत्र बिरजिस कादर को गद्दी पर बिठाकर उन्होंने अंग्रेज़ी सेना का स्वयं मुक़ाबला किया। लखनऊ में पराजय के बाद वह अवध के देहातों में चली गईं और वहाँ भी क्रांति की चिंगारी सुलगाई।

व्याख्या: लॉर्ड कैनिंग क्प चार्ल्स जॉन कैनिंग भी कहा जाता है। वह भारत का प्रथम वाइसरॉय था और गवर्नर के रूप में उसका कार्यकाल 1856 से 1862 तक रहा। इस दौरान ही 'गवर्नर ऑफ़ इंडिया 1858 एक्ट 'पास हुआ, जिसके अनुसार 'गवर्नर ऑफ़ जनरल ऑफ़ इंडिया' को ही वायसराय घोषित किया गया।

व्याख्या: मंगल पाण्डेय एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वोे ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इंफेन्ट्री के सिपाही थे। 6 अप्रैल 1857 को मंगल पाण्डेय का कोर्ट मार्शल कर दिया गया और 8 अप्रैल को फ़ांसी दे दी गयी।

व्याख्या: तात्या टोपे (1814 - 18 अप्रैल 1859) भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख सेनानायक थे। जब 1857 की क्रांति कानपुर पहुंची तो तांत्या टोपे ने कानपुर के सैनिकों का नेतृत्व किया। कानपुर के सैनिकों ने नाना साहब को पेशवा और अपना नेता घोषित किया तो तात्या टोपे ने कानपुर में स्वाधीनता स्थापित करने में अगुवाई की। तात्या टोपे को नाना साहब ने अपना सैनिक सलाहकार नियुक्त किया।

व्याख्या: 1857 में भारतीय स्वतंत्रता के पहले युद्ध (जिसे भारतीय विद्रोह भी कहा जाता है) में, भारत में हिंदू और मुस्लिम मिलकर अंग्रेजों से लड़ने के लिए भारतीय बन गए। इस दौरान कई हिन्दुमुस्लिम नेता हुए जैसे - रानी लक्ष्मीबाई, बहादुर शाह जफर, नाना साहेब, बेगम हजरत महल,, मिर्जा मुगल,जंग बहादुर राणा आदि।

व्याख्या: लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में 19 नवम्बर 1828 को हुआ था। उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था लेकिन प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था। रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रांति की द्वितीय शहीद वीरांगना (प्रथम शहीद वीरांगना रानी अवन्ति बाई लोधी 20 मार्च 1858 हैं) थीं।

व्याख्या: 1857 ई. के इस विद्रोह के प्रति 'शिक्षित वर्ग' पूर्ण रूप से उदासीन रहा। व्यापारियों एवं शिक्षित वर्ग ने कलकत्ता एवं बंबई में सभाएं कर अंग्रेजों की सफलता के लिए प्रार्थना भी की थी। अगर इस वर्ग ने अपने लेखों एवं भाषणों द्वारा लोगों में उत्साह का संचार किया होता, तो निःसंदेह ही क्रांति के इस विद्रोह का परिणाम कुछ ओर ही होता।

व्याख्या: मंगल पाण्डे बैरकपुर (बंगाल) स्थित 34वीं नेटिव इंफैंट्री का एक सिपाही था। वह पहला भारतीय सिपाही था जिसने एनफील्ड राइफल, जिसमें चर्बी लगे कारतूस का प्रयोग होता था, का प्रयोग करने से इंकार किया। मंगल पाण्डे ने 29 मार्च, 1857 को सार्जेन्ट मेजर यूजसन की गोली मारकर तथा लेफ्टिनेंट बो (Baugh) की तलवार से हत्या कर दी। विद्रोह के आरोप में मंगल पाण्डे को 8 अप्रैल, 1857 को फांसी की सजा दी गई।

व्याख्या: 1857 ई. में इंग्लैण्ड में आम चुनाव हुए और लॉर्ड पामर्स्टन वहाँ के प्रधानमंत्री बन गये। 12 फ़रवरी, 1858 ई. को लॉर्ड पामर्स्टन ने 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में एक विधेयक प्रस्तुत किया। इसमें उसने द्वैध शासन प्रणाली के दोषों पर जोर दिया और ईस्ट इण्डिया कम्पनी का अन्त कर भारतीय प्रदेशों का शासन प्रबन्ध इंग्लैण्ड की सरकार के हाथों में हस्तान्तरित करने का प्रस्ताव रखा।

व्याख्या: राव कदम सिंह गुर्जर 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम मे मेरठ के पूर्वी क्षेत्र में क्रान्तिकारियों का नेता था। उसके साथ दस हजार क्रान्तिकारी थे, जो कि प्रमुख रूप से मवाना, हस्तिनापुर और बहसूमा क्षेत्र के थे।

बहादुर शाह ज़फर (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह, और उर्दू के जानेे-माने शायर थे। उन्होंने 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया। युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया जहाँ उनकी मृत्यु हुई।

राव तुलाराम सिंह (09 दिसम्बर 1825 -23 सितम्बर 1863) 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्हे हरियाणा राज्य में ' राज नायक' माना जाता है।

खान बहादुर खान रोहिल्ला (1823 - 1860) हाफिज रहमत खान के पोते थे। उन्होंने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय विद्रोह में बरेली में अपनी सरकार बनाई।

व्याख्या: सिखों के नामधारी संप्रदाय के लोग कूका भी कहलाते हैं।। इन लोगों के सशस्त्र विद्रोह को कूका विद्रोह के नाम से पुकारा जाता है।संत गुरु राम सिंह ने 12 अप्रैल 1857 को श्री भैणी साहिब जिला लुधियाना (पंजाब) से जब अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध आवाज उठाई थी, तब उस समय भारतवासी गुलामी के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के शिकार थे।


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