ब्रिटिश शासन का प्रभाव MCQ प्रश्न उत्तर और व्याख्या - GK Quiz (Set-5)

ब्रिटिश शासन का भारत के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव MCQ प्रश्न उत्तर और विस्तृत समाधान के साथ। भारत में ब्रिटिश शासन का प्रभाव MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

ब्रिटिश शासन का भारत के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 5)

व्याख्या: 1931 में कांग्रेस कराची अधिवेशन भारत के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। यह सरदार वल्लभ भाई पटेल की अध्यक्षता में एकमात्र कांग्रेस सत्र था। इस अधिवेशन में गांधी-इरविन समझौते का समर्थन किया गया, जिसने कांग्रेस को सरकार के साथ समान स्तर पर बात करने का अवसर प्रदान किया।

इस अधिवेशन में मौलिक अधिकारों से संबद्ध प्रस्ताव को अपनाया गया, जिसमें धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार से इतर सभी को कानून के समक्ष समानता के अधिकार का प्रावधान किया गया।

व्याख्या: 1931 में कांग्रेस कराची अधिवेशन भारत के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण घटना थी। यह सरदार वल्लभ भाई पटेल की अध्यक्षता में एकमात्र कांग्रेस सत्र था। इस अधिवेशन में गांधी-इरविन समझौते का समर्थन किया गया, जिसने कांग्रेस को सरकार के साथ समान स्तर पर बात करने का अवसर प्रदान किया।

इस अधिवेशन में मौलिक अधिकारों से संबद्ध प्रस्ताव को अपनाया गया, जिसमें धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार से इतर सभी को कानून के समक्ष समानता के अधिकार का प्रावधान किया गया।

व्याख्या: अकाल आयोग 1880 ई. में वायसराय लॉर्ड लिटन के द्वारा सर रिचर्ड स्ट्रैची की अध्यक्षता में स्थापित हुआ। इसी आयोग की सिफ़ारिश पर 'अकाल संहिता' की रचना की गई।

  • 1897 ई. में वायसराय लॉर्ड एलगिन ने सर जेम्स लायल की अध्यक्षता में पुन: एक अकाल आयोग की स्थापना की।
  • द्वितीय आयोग ने प्रथम आयोग द्वारा निर्धारित सिद्धान्तों का समर्थन किया और अकाल सहायता योजना के विस्तृत कार्यान्वयन में परिवर्तन कर दिया।
  • 1900 ई. में वायसराय लॉर्ड कर्ज़न ने सर ऐण्टोनी मैकडानल की अध्यक्षता में तृतीय अकाल आयोग की स्थापना की।

व्याख्या: 1943-44 में बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश, भारत का पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा) एक भयानक अकाल पड़ा था जिसमें लगभग 30 लाख लोगों ने भूख से तड़पकर अपनी जान जान गंवाई थी। ये द्वितीय विश्वयुद्ध का समय था। माना जाता है कि अकाल का कारण अनाज के उत्पादन का घटना था, जबकि बंगाल से लगातार अनाज का निर्यात हो रहा था। हालांकि, विशेषज्ञों के तर्क इससे अलग हैं।

व्याख्या: 19वीं सदी में ब्रिटेन के औद्योगीकरण के साथ भारत ब्रिटिश उद्योगों के लिए कच्चे माल का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गया।

औद्योगीकरण सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की अवधि है जो एक मानव समूह को एक कृषि समाज से एक औद्योगिक समाज में बदल देती है, जिसमें अर्थव्यवस्था का व्यापक विनिर्माण पुनर्गठन शामिल है।

भेदभावपूर्ण दर नीति भारत से कच्चे माल के मुक्त निर्यात, ब्रिटेन से तैयार उत्पादों के आयात और भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात पर भारी शुल्क का प्रतीक है।

व्याख्या:वर्ष 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस थे। जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में 1938 ई. में राष्ट्रीय आयोजन समिति (National Planning Committee) नियुक्त की गई।

व्याख्या: अकाल संहिता को (1880 ई.) की सिफ़ारिशों के आधार पर 1883 ई. में तैयार किया गया।
इस संहिता में खाद्याभाव का पता लगाने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई थी, जिसके द्वारा पहले अभाव की स्थिति और बाद में अभाव की स्थिति घोषित की जा सके।

व्याख्या: लारेन्स के बाद लॉर्ड मेयो 1869 ई. में भारत का वायसराय बनकर भारत आया। मेयों ने भारत में वित्तीय विकेन्द्रीकरण की नति की शुरुआत की। उसने बजट घाटे को कम किया, आयकर की दर को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया।

व्याख्या: भारत का पहला रेल बजट ब्रिटिश शासन के समय 1925 में प्रस्तुत किया गया था। यह पहला पृथक रेल बजट था। 21 सितम्बर 2016 को भारत सरकार ने निर्णय लिया कि अब से रेल बजट को आम बजट में सम्मिलित कर लिया जायेगा।

व्याख्या: रमेशचंद्र दत्त (13 अगस्त 1848 - 30 नवम्बर 1909) भारत के प्रसिद्ध प्रशासक, आर्थिक इतिहासज्ञ तथा लेखक तथा रामायण व महाभारत के अनुवादक थे। भारतीय राष्ट्रवाद के पुरोधाओं में से एक रमेश चंद्र दत्त का आर्थिक विचारों के इतिहास में प्रमुख स्थान है।


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