ब्रिटिश शासन का प्रभाव MCQ प्रश्न उत्तर और व्याख्या - GK Quiz (Set-4)

ब्रिटिश शासन का भारत के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव MCQ प्रश्न उत्तर और विस्तृत समाधान के साथ। भारत में ब्रिटिश शासन का प्रभाव MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

ब्रिटिश शासन का भारत के अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 4)

व्याख्या: अधोमुखी निस्पंदन सिद्धांत शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित है इसका तात्पर्य कि- शिक्षा समाज के उच्च वर्ग को ही दी जाए इस वर्ग से छन-छन कर ही शिक्षा जन सामान्य तक पहुंचे।

व्याख्या: आधुनिक भारतीय विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1857 में कलकता विश्वविद्यालय के रूप में हुई। ब्रिटिश राज्य में स्थापित इस विश्वविद्यालय को दुनिया के सबसे पुराने आधुनिक विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है।

आधुनिक भारतीय विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय ईस्ट इण्डिया कम्पनी के एक सिविल सेवक चार्ल्स ग्रांट को जाता है। इसी कारण इन्हें 'भारत में आधुनिक शिक्षा का जन्मदाता' कहा जाता है। भारत में सर्वाधिक नोबल विजेता तैयार करने का श्रेय कलकता विश्वविद्यालय को जाता है।

व्याख्या: राजा राममोहन राय ने 1817 में डेविड हेयर एवं एलेक्जेंडर डफ के साथ कोलकाता में हिन्दू कॉलेज की स्थापना की। हिन्दू कॉलेज अंग्रेजी शिक्षा के प्रचार में सहायता करने वाली प्रथम संस्था थी।

व्याख्या: अंग्रेजों की मुक्त व्यापार नीति में भारत के वस्त्र तथा अन्य उद्योगों को तहस - नहस कर दिया। भारतीय उद्योगपतियों को कृषि व्यवसाय अपनाने के लिए विवश कर दिया गया।

भारतीय अर्थव्यवस्था का कृषिकरण कर दिया गया। भारत के लघु एवं कुटीर उद्योग जो 17-18 वीं सदी के पूर्व तक भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार थे, विदेशी तकनीकी उत्पादन की प्रतियोगिता में पिछड़ गए।

1880 ई. तक हस्तकला उद्योग पूर्णतया समाप्त हो गया। अंग्रेजी कंपनी से सबसे अधिक भारत का सूती वस्त्र उद्योग प्रभावित हुआ। रेलवे के विस्तार में भी भारतीय उद्योगों के पतन में योगदान दिया।

दस्तकारी उद्योग के पतन के कारण कृषि पर दबाब बढ़ा, जिस कारण बेरोजगारी ने जन्म लिया। ब्रिटेन के उत्पादित माल सस्ता होने के कारण, जो बचे हुए उद्योग थे वे भी नष्ट हो गए।

व्याख्या: आधुनिक रूप से भारतवर्ष का औद्योगीकरण 1850 ई. से प्रारंभ हुआ। सन् 1853-54 में भारत में रेल और तार की प्रणाली प्रारंभ हुई। यद्यपि रेल बनाने का मुख्य उद्देश्य कच्चे माल का निर्यात तथा निर्मित माल का आयात करना था, तो भी रेलों से भारतीय उद्योगों को विशेष सहायता मिली।

व्याख्या: लार्ड मैकाले ने शिक्षा का 'अधोगामी निस्पंदन का सिद्धांत' (Downward Filtration Theory) दिया है, जिसके तहत भारत के उच्च तथा मध्यम वर्ग के एक छोटे से हिस्से को शिक्षित करना था ताकि एक ऐसा वर्ग तैयार हो जो रंग और खून से भारतीय हो लेकिन विचारों, नैतिकता तथा बुद्धिमत्ता में ब्रिटिश हो।

व्याख्या: बैप्टिस्ट मिशनरियों की त्रिमूर्ति- जोशुवा मार्शमैन, विलियम केरी एवं विलियम वार्ड ने सीरामपुर / श्रीरामपुर को अपना कार्यक्षेत्र चुना, जिस कारण उन्हें ‘सीरामपुर त्रयी' के नाम से भी जाना गया।

सेरामपुर मिशन (1800-1845) भारत का पहला ईसाई मिशनरी संगठन था। विलियम कैरी और उनके दो सहयोगियों ने 10 जनवरी 1800 को इस मिशन की स्थापना की। मिशन ने हुगली जिले में दो जगहों से यीशु के संदेश का प्रचार करना शुरू किया।

विलियम कैरी ने 17 अगस्त 1761 को इस चर्च और मिशन की स्थापना की थी। उनकी पहल से ही बैपटिस्ट मिशनरी सोसाइटी का गठन हुआ। 24 अप्रैल 1800 को सेरामपुर मिशन चर्च का उद्घाटन किया गया।

कैरी चर्च के मुख्य पुजारी बने, जबकि मार्शमैन और वार्ड को सहायक पुजारी बनाया गया।

व्याख्या: जब देश में ब्रिटिश शासन था तब भारत में रेल की पहली शुरुआत हुई थी। देखा जाए तो उस समय ब्रिटिश शासकों ने अपनी प्रशासनिक सुविधा बढ़ाने के लिए देश में रेल की नींव डाली थी। 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन, मुंबई के बोरीबंदर स्टेशन से लेकर ठाणे तक की 34 किलोमीटर लंबी दूरी को तय किया।

व्याख्या: कार्ल मार्क्स ने भारत में रेलवे की स्थापना को 'आधुनिक उद्योग की अग्रदूत/जननी' की संज्ञा दी।

व्याख्या: 1855 ई. में बंगाल के रिशरा नामक स्थान पर पहली आधुनिक पटसन मिल स्थापुत हुई। पटसन उद्योगों में अधिकांशत: अंग्रेजों की पूंजी लगी थी। दूसरे विश्व युद्ध में पटसन के माल की दूसरे देशों में माँग बढ़ गई।

व्याख्या: 1873 इई. में बिहार के झरिया कोयला क्षेत्र में प्रथम आधुनिक लोहा तथा इस्पात उद्योग की स्थापना हुई इसका नाम - बराकर आयरन वर्क्स था।

व्याख्या: पहली जूट मिल 1855 में कोलकाता में रिशरा/रिषड़ा में स्थापित की गई थी।

1947 में विभाजन के बाद, जूट मिलें भारत में ही रहीं लेकिन जूट उत्पादक क्षेत्र का तीन-चौथाई भाग बांग्लादेश में चला गया। मिल कोलकाता में हुगली नदी के तट पर स्थापित की गई थी। जॉर्ज एकलैंड द्वारा डंडी से जूट कताई मशीनें लाई गई थीं।

  • जूट कपड़ा उद्योग पूर्वी भारत में, विशेषतः पश्चिम बंगाल में प्रमुख उद्योगों में से एक है।

व्याख्या: सर थामस हालैण्ड के सभापतित्व में भारतीय औद्योगिक आयोग का गठन 1916 में हुआ।

व्याख्या: दादा भाई नौरोजी ने अपनी पुस्तक "पावर्टी ऐन्ड अनब्रिटिश रूल इन इन्डिया" (Poverty and Un-British Rule in India) में सर्वप्रथम आर्थिक निकास की अवधारणा प्रस्तुत की। उन्होने धन-निष्कासन को सभी बुराइयों की बुराई (एविल ऑफ एविल्स) कहा है।


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