ब्रिटिश सत्ता का विस्तार MCQ प्रश्न उत्तर और व्याख्या - GK Quiz (Set-6)

भारत में ब्रिटिश सत्ता का विस्तार MCQ प्रश्न उत्तर और विस्तृत समाधान के साथ। ब्रिटिश सत्ता का विस्तार MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

ब्रिटिश सत्ता का विस्तार

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 6)

व्याख्या: डूप्ले का पूरा नाम 'जोसेफ़ फ़्रैक्वाय डूप्ले' था। वह फ़्राँसीसी ईस्ट कम्पनी की व्यापारिक सेवा में भारत आया और बाद को 1731 ई. में चन्द्रनगर का गवर्नर बन गया।

व्याख्या: इलाहाबाद और कड़ा की संधि- इलाहाबाद की संधि पर अगस्त 1765 ई. में रॉबर्ट क्लाइव, शुजा-उद-दौला और शाह आम-द्वितीय के बीच बक्सर की लड़ाई के परिणामस्वरूप हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि के अनुसार, नवाब शुजा-उद-दौला ने इलाहाबाद और कारा को सम्राट शाह आलम द्वितीय को सौंपने के लिए सहमति व्यक्त की। उन्होंने कंपनी को युद्ध क्षतिपूर्ति के रूप में 50 लाख रुपये देने पर भी सहमति व्यक्त की।

श्रीरंगपट्टनम की संधि- तीसरे आंग्ल-मैसूर युद्ध के बाद 1792 ई. में श्रीरंगपट्टनम की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। इस संधि के तहत टीपू सुल्तान ने मैसूर के लगभग आधे हिस्से को अंग्रेजों के हवाले कर दिया। साथ ही उससे तीन करोड़ रुपये का युद्ध हर्जाना भी लिया।

बेसीन (वसई) की संधि- पूना की लड़ाई में हार के बाद पेशवा बाजीराव द्वितीय अंग्रेजों की मदद लेने के लिए बसीन (वसई) पहुंचे। उन्होंने दिसंबर 1802 ई. में अंग्रेजों के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए। बेसीन (वसई) की संधि ने मराठों को ईस्ट इंडियन कंपनी की ओर से लॉर्ड वेलेस्ली द्वारा शुरू किए गए सहायक गठबंधन के तहत लाया।

लाहौर की संधि- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध की समाप्ति ने सिखों को मार्च 1846 ई. में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ अपमानजनक संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। अंग्रेजों द्वारा जालंधर दोआब का अधिग्रहण और अंग्रेजों को एक करोड़ से अधिक की युद्ध क्षतिपूर्ति का भुगतान इस संधि की कुछ विशेषताएं थीं।

व्याख्या: कार्ल मार्क्स के अनुसार 'स्थानीय राजाओं का अस्तित्व उसी दिन समाप्त हो गया जिस दिन वे कंपनी द्वारा सुरक्षित बने या कम्पनी उनकी सहायक बनी'। यदि आप किसी भी राजा की आय दो सरकारों के बीच बाँट दे तो आप निश्चित रूप से एक साधनों को तथा दोनों के प्रशासनों को पंगु बना देंगे तथा जिस परिस्थितियों में आप उनको ब्रह्मा रूप में स्वतंत्र रहने देंगे। वह केवल स्थाई क्षय होती तथा उनमे कभी सुधार नहीं हो सकता।

व्याख्या: बहादुर शाह प्रथम का जन्म 14 अक्तूबर, सन् 1643 ई. में बुरहानपुर, भारत में हुआ था। बहादुर शाह प्रथम दिल्ली का सातवाँ मुग़ल बादशाह (1707-1712 ई.) था। 'शहज़ादा मुअज्ज़म' कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब का दूसरा पुत्र था।

व्याख्या: ज़ुल्फ़िक़ार ख़ाँ नुसरत जंग (अंग्रेज़ी: Zulfiqar Khan Nusrat Jung) एक मुग़ल अमीर था, जिसने बहादुरशाह के शासन काल में भारी शक्ति एवं समृद्धि अर्जित की। ज़ुल्फ़िक़ार ख़ाँ औरंगजेब के प्रधानमंत्री असद ख़ाँ का पुत्र था। बहादुरशाह की मृत्यु के बाद, उसकी गद्दी के लिए होने वाली लड़ाई में ज़ुल्फ़िक़ार ख़ाँ ने हस्तक्षेप किया। उसने बादशाह के चारों पुत्रों के बीच फूट पैदा करा दी तथा जहाँदारशाह को सिंहासन प्राप्त करने में सहायता पहुँचाई।

व्याख्या: सैय्यद बन्धु ('हुसैन अली' और उसका भाई 'अब्दुल्ला') 'भारतीय इतिहास' में 'राजा बनाने वाले' के नाम से प्रसिद्ध थे। तत्कालीन मुग़ल साम्राज्य में इन दोनों भाइयों की ख़ास भूमिका थी।

व्याख्या: सैय्यद बन्धु ('हुसैन अली' और उसका भाई 'अब्दुल्ला') 'भारतीय इतिहास' में 'राजा बनाने वाले' के नाम से प्रसिद्ध थे। तत्कालीन मुग़ल साम्राज्य में इन दोनों भाइयों की ख़ास भूमिका थी।

व्याख्या: मुहम्मदशाह के 1719 में सैयद बंधुओं की सहायता से हुआ उन्होंने मोहम्मद शाह को सुल्तान बनाने की कोशिश की परंतु मोहम्मद शाह को सैयद बंधु से काफी खतरा पैदा हो गया था क्योंकि उन्होंने पहले भी कई सारे मुगल सम्राटों का कत्ल करवाया था। जिसके कारण उन्होंने सर्वप्रथम आसफ जा प्रथम जो कि आगे चलके हैदराबाद के निजाम बने उनकी सहायता से सैयद बंधुओं को खत्म करवा दिया।

व्याख्या: मुहम्मद शाह (1748 – 1702) जिन्हें रोशन अख्तर भी कहते थे, मुगल सम्राट था। इनका शासन काल 1719-1748 रहा।

व्याख्या: औरंगजेब, जिसे उसके शासक पद आलमगीर के नाम से जाना जाता है, मुगल साम्राज्य का छठे सम्राट था। उसने जुलाई 1658 से मार्च 1707 में अपनी मृत्यु तक शासन किया। प्राकृतिक कारणों से 88 वर्ष की आयु में महाराष्ट्र के अहमदनगर में उसका निधन हो गया।

व्याख्या: ईरान का नेपोलियन नादिरशाह को कहा जाता है इसलिए कहा जाता है क्योंकि वो भारत पर आक्रमण किया था

व्याख्या: अहमदशाह अब्दाली के प्रथम आक्रमण के समय मुगल सम्राट् मुहम्मदशाह 'रंगीला' था।

व्याख्या: अहमदशाह अब्दाली नादिरशाह का एक योग्य सेनापति था।।अहमदशाह अब्दाली के आक्रमण ने मथुरा, वृन्दावन और आगरा को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया। भारत पर अहमदशाह अब्दाली के सात आक्रमण हुए थे।

व्याख्या: शाह आलम द्वितीय (1728-1806), जिसे अली गौहर भी कहा गया है, भारत का मुगल सम्राट रहा। इसे गद्दी शाहजहां (तृतीय) को हटाकर मिली।

व्याख्या: बंगाल में नवाब शासन के संस्थापक मुर्शिद कुली खान और मुगल सम्राट द्वारा नियुक्त बंगाल के अंतिम सूबेदार था। मुर्शिद कुली खान (1717-27) बंगाल के पहले नवाब था। 1717 में, उन्हें मुगल सम्राट फारुख सियार द्वारा बंगाल के सूबेदार के रूप में नियुक्त किया गया था।

1719 में, उड़ीसा का गवर्नर का पद भी उन्हें मुगल सम्राट द्वारा प्रदान किया गया था। उसने बंगाल की राजधानी को डेक्का से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित कर दिया। शुजा-उद-दीन उसका उत्तराधिकारी बना था।


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