ब्रिटिश सत्ता का विस्तार MCQ प्रश्न उत्तर और व्याख्या - GK Quiz (Set-3)

भारत में ब्रिटिश सत्ता का विस्तार MCQ प्रश्न उत्तर और विस्तृत समाधान के साथ। ब्रिटिश सत्ता का विस्तार MCQ क्विज़, आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

ब्रिटिश सत्ता का विस्तार

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 3)

व्याख्या: सहायक संधि (Subsidiary alliance) भारतीय उपमहाद्वीप में लार्ड वेलेजली (1798-1805) ने भारत में अंग्रेजी राज्य के विस्तार के लिए सहायक संधि का प्रयोग फ्रांसीसी गर्वनर लार्ङ कार्नवालीस ने किया था। लार्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार करने वाला प्रथम भारतीय शासक हैदराबाद के निज़ाम था। निजाम ने सन् 1798 में लार्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया था।

व्याख्या: गोद प्रथा पर प्रतिबंध लगानेवाला गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी था। भारत में पहले से ही गोद लेने की प्रथा प्रचलित थी। हिन्दू राजा पहले मुगल काल में नजराना देकर गोद लिया करते थे। लेकिन लॉर्ड डलहौजी का विचार था कि हिन्दू कानून में गोद लेने की प्रथा सरकार की स्वीकृति आवश्यक है। उसका मानना था कि राजाओं की निजी सम्पति के उत्तराधिकार के लिए उसके दत्तक पुत्र को अनुमति है परन्तु गद्दी अपर अधिकार के लिए उसे अनुमति नहीं है।

व्याख्या: भारत में कम्पनी द्वारा नियुक्त अंतिम गवर्नर जनरल तथा ब्रिटिश सम्राट के अधीन नियुक्त प्रथम वायसराय लॉर्ड कैनिंग (1856-1862) के कार्यकाल में न्यायिक सुधारों के अंतर्गत इण्डियन पैनल कोड (भारतीय दण्ड संहिता), सिविल प्रोसीजर कोड (दीवानी प्रक्रिया संहिता) 'क्रिमिनल प्रोसीजर कोड' (दण्ड प्रक्रिया संहिता) पारित किये गए। इसी समय पारित 'इंडियन हाईकोर्ट एक्ट' के द्वारा बम्बई, कलकता, मद्रास में एक-एक उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई।

व्याख्या: भारत में डाक टिकटों की शुरुआत 1852 में हुई। 1 जुलाई, 1852 को सिन्ध के मुख्य आयुक्त सर बर्टलेफ्र्रोरे द्वारा सिर्फ़ सिंध राज्य में और मुंबई-कराची मार्ग पर प्रयोग के लिए 'सिंध डाक' नामक डाक टिकट जारी किया गया।

व्याख्या: ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन राय के अथक प्रयत्नों से लॉर्ड विलियम बैंटिक ने अधिनियम 1829 के 'नियम 17' द्वारा सती प्रथा को अवैध घोषित कर दिया था। पहले यह नियम केवल बंगाल के लिए था फिर 1830 ई. में यह बम्बई और मद्रास में भी लागू कर दिया गया।

व्याख्या: सादत खां बुरहान-उल-मुल्क (1722-1739 ई।): 1722 ई. में अवध की स्वायत्त राज्य के रूप में स्थापना की उसे मुग़ल बादशाह मुहम्मदशाह द्वारा गवर्नर नियुक्त किया गया था।

व्याख्या: बक्सर के युद्ध में एक ओर मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय, अवध का नवाब शुजाउद्दौला तथा मीर क़ासिम थे, दूसरी ओर अंग्रेज़ी सेना का नेतृत्व उनका कुशल सेनापति 'कैप्टन मुनरो' कर रहा था।

व्याख्या: अज़ीज़-उद्दीन आलमगीर द्वितीय (1699-1759) (उर्दु:عالمگير) 3 जून 1754 से 11 दिसम्बर 1759 तक भारत में मुगल सम्राट रहा। ये जहांदार शाह का पुत्र था।

व्याख्या: वारेन हेस्टिंग्स (6 दिसंबर 1732 – 22 अगस्त 1818), एक अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ था, जो फोर्ट विलियम प्रेसीडेंसी (बंगाल) का प्रथम गवर्नर तथा बंगाल की सुप्रीम काउंसिल का अध्यक्ष था और इस तरह 1773 से 1785 तक वह भारत का प्रथम वास्तविक (डी-फैक्टो) गवर्नर जनरल रहा।

व्याख्या: मुगल सम्राट के द्वारा अंग्रेजों को निशुल्क सामुद्रिक व्यापार करने की छूट मिलि थी लेकिन अंग्रेजों ने इसका दुरुपयोग करना शुरु किया। वे अपना व्यक्तिगत व्यापार भी नि:शुल्क करने लगे और देशी व्यापारियों को बिना चुंगी दिए व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करने लगे। इससे नवाब को आर्थीक क्षति पहुँचती थी। नवाब इन्हें पसन्द नहीं करता था जब, उन्होने व्यापारिक सुविधाओं के दुरुपयोग को बन्द करने का निश्चय किया तो अंग्रेज संघर्ष पर उतर आए।

व्याख्या: वर्तमान में प्लासी नदिया जिले में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है। प्लासी युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व क्लाइव और नवाब की सेना का नेतृत्व तीन राजद्रोही मीरजाफर, यारलतीफ खां और राय दुर्लभ इ किया। 23 जून, 1757 को मुर्शिदाबाद के दक्षिण में प्लासी में दोनों सेनाएं आमने-सामने हुई। नवाब की सेना के वफादार सिपाही मीरमदान और मोहनलाल मैदान में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। सिराजुद्दौला की सेना के तीनों धोखेबाज सेनापति युद्ध क्षेत्र में एक भी गोला दागे बगैर वापस चले गए।

व्याख्या: काल कोठरी नामक घटना पश्चिम बंगाल की एक घटना है, जो स्वतंत्रता पूर्व काल की है।ऐसा माना जाता है कि, बंगाल के नवाब (सिराजुद्दौला) ने 146 अंग्रेज़ बंदियों, जिनमें स्त्रियाँ और बच्चे भी सम्मिलित थे, को एक 18 फुट लंबे, 14 फुट 10 इंच चौड़े कमरे में बन्द कर दिया था। 20 जून, 1756 ई. की रात को बंद करने के बाद, जब 23 जून को प्रातः कोठरी को खोला गया तो, उसमें 23 लोग ही जीवित पाये गये।

व्याख्या: बंगाली कवि नवीनचन्द्र सेन ने प्लासी के युद्ध के परिणाम को 'एक स्थायी दुखभरी रात' कहा था। जबकि सर यदुनाथ सरकार ने कहा कि 'प्लासी की हार से मंदगामी तथा अविदित यशस्वी उषा काल का उदय हुआ, जैसा विश्व के किसी अन्य स्थान पर नहीं देखा गया है, वास्तव में पुनर्जागरण था।' वस्तुत: यह कथन अंग्रेजों की चाटुकारिता थी।

व्याख्या: 12 अप्रैल 1801 को रणजीत ने महाराजा की उपाधि ग्रहण की। गुरु नानक के एक वंशज ने उनकी ताजपोशी संपन्न कराई। उन्होंने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया और सन 1802 में अमृतसर की ओर रूख किया।

व्याख्या: सुरक्षा प्रकोष्ठ या घेरे की नीति 1765 से 1813 ई. तक लागू रही। इस नीति से मुख्यतः वारेन हेस्ग्सिं और वेलेजली सम्बन्धित थें इस नीति के तहत कम्पनी ने अपने राज्य के चारों ओर मध्य राज्य (Buffer state) बनाने का प्रयत्न किया। वेलेजली के आने से कम्पनी के भारतीय रियासतों के साथ सम्बन्धों में परिवर्तन आया। वेलेजली का उद्देश्य भारतीय रियासतों को अपनी रक्षार्थ कम्पनी पर निर्भर करने पर बाध्य करना था। उसने भारतीय रियासतों को अंग्रेजी राजनीतिक शक्ति की ओर सैनिक रक्षा के घेरे में लाने का प्रयत्न किया। रियासतों के प्रति प्रमुख ब्रिटिश नीतियाँ निम्नलिखित हैं-1. कंपनी का भारतीय रियासतों से समानता के लिए संघर्ष (1740-65), 2. घेरे की अथवा मध्य राज्य की नीति (1765-1813), 2. अधीनस्थ पार्थक्य की नीति (1813-57), 4. अधीनस्थ संघ की नीति (1858-1935 ई.) 5. बराबर के संघ की नीति (1935-1947 ई.)।


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