मराठा से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर और व्याख्या - Marathas MCQ GK Quiz (Set-4)

Marathas से जुड़े MCQ प्रश्न और उत्तर विस्तृत समाधान के साथ। Marathas MCQ क्विज़ से अपनी आगामी परीक्षाओं जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC की तैयारी करें।

मराठा सम्राज्य

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 4)

व्याख्या: कोलाबा या कुलाबा मुंबई का दक्षिणी क्षेत्र है। 16वीं सदी के पुर्तगाली साम्राज्य के दौरान इस द्वीप को कैण्डिल के नाम से जाना जाता था। बाद में 17वीं सदी में ब्रितानी अधिकार क्षेत्र में आने के कारण इसे क्षेत्र को 'कोलियो' के नाम से जाना जाने लगा।

व्याख्या: तानाजी मालुसरे मराठा राजा शिवाजी के एक सैन्य सहायक थे। सिंहगढ़ किले को कोंढाना किले के रूप में भी जाना जाता है। लड़ाई शिवाजी पक्ष से, तानाजी मालुसरे और औरंगजेब की ओर से उदयभान सिंह राठौर के बीच लड़ी गई थी।

कोंढाणा का युद्ध 04 फरवरी 1670 को सिंहबाद के किले पर लड़ा गया था।

व्याख्या: शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारी शम्भाजी थे। शम्भाजी ने उज्जैन के हिन्दी एवं संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान कवि कलश को अपना सलाहाकार नियुक्त किया। 21 मार्च 1689 को मुगल सेनापति मुखर्रबी खां ने संगमेश्वर में छिपे हुए शम्भाजी एवं कवि कलश को गिरफ्तार कर लिया और उसकी हत्या कर दी। शम्भाजी के बाद 1689 ई. में राजाराम को नए छत्रपति के रूप में राज्यभिषेक किया गया।

व्याख्या: 1818 में अंग्रेजों और होलकर प्रमुख के बीच तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध के परिणामस्वरूप मंडेश्वर की संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। मंडेश्वर की संधि ने तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध का अंत किया था।

इससे मराठों का प्रभुत्व समाप्त हो गया और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्ति में वृद्धि हुई, जो 180 मिलियन भारतीयों के अधिकार वाले क्षेत्र को नियंत्रित करती है।

व्याख्या: पेशवा बाजीराव प्रथम (1740 - 1761 ई.) के नेतृत्व में मराठा राज्य एक राज्य संघ बन गया था और वास्तविक शक्ति पेशवा के हाथों में ही था। पेशवा के शासनकाल में शाहू के उत्तराधिकारी केवल नाममात्र के छत्रपति थे।

व्याख्या: 1719ई. में बालाजी विश्वनाथ एवं सैयद हुसैन अली के बीच हुई संधि का मुख्य कारण फर्रुखसियर को गद्दी से हटाना था।

मराठा मुगल संधि (बालाजी विश्वनाथ तथा हुसैन अली के बीच) की शर्तों को मान्यता रफीउदरजात ने दी थी।

1719ई. में बालाजी विश्वनाथ मराठों की एक सेना लेकर सैयद बंधुओं की मदद के लिए दिल्ली पहुंचे जहाँ उन्होंने बादशाह फर्रुखसियर को हटाने में सैयद बंधुओं की मदद की और मुगल साम्राज्य की कमजोरी को प्रत्यक्षतः देखा।

इतिहासकार रिचर्ड डेम्पेल ने मुगल सूबेदार हुसैन अली तथा बालाजी विश्वनाथ के बीच 1719ई. में हुई संधि को मराठा साम्राज्य के मैग्नाकार्टा की संज्ञा दी है।

व्याख्या: राजाराम की मृत्यु (1700 ई.) के बाद उसकी पत्नी ताराबाई ने (अपने पहले पुत्र करन की मृत्यु के बाद) अपने छोटे पुत्र शिवाजी महाराज द्वितीय को गद्दी पर बैठाया तथा उसकी संरक्षिका बन गयी। ताराबाई एक बहादुर महिला थी और उसने औरंगजेब के विरुद्ध मराठों के संघर्ष को कायम रखा।

व्याख्या: पेशवा बाजीराव प्रथम (1740 - 1761 ई.) के नेतृत्व में मराठा राज्य एक राज्य संघ बन गया था और वास्तविक शक्ति पेशवा के हाथों में ही था। पेशवा के शासनकाल में शाहू के उत्तराधिकारी केवल नाममात्र के छत्रपति थे।

व्याख्या: बाजीराव प्रथम ( जन्म- 18 अगस्त, 1700 ई. मृत्यु- 28 अप्रॅल, 1740 ई.) मराठा साम्राज्य का महान् सेनानायक था। वह बालाजी विश्वनाथ और राधाबाई का बड़ा पुत्र था।

व्याख्या: बाजीराव प्रथम पुर्तग़ालियों से बसई और सालसिट प्रदेशों को छीनने में सफलता प्राप्त की थी। शिवाजी महाराज के बाद बाजीराव प्रथम ही दूसरा ऐसा मराठा सेनापति था, जिसने गुरिल्ला युद्ध प्रणाली को अपनाया।

व्याख्या: बाजीराव प्रथम ने सौभाग्यवश आमेर के सवाई जयसिंह द्वितीय तथा छत्रसाल बुन्देला की मित्रता प्राप्त कर ली। 1737 ई. में वह सेना लेकर दिल्ली के पार्श्व तक गया, परन्तु बादशाह की भावनाओं पर चोट पहुँचाने से बचने के लिए उसने अन्दर प्रवेश नहीं किया। इस मराठा संकट से मुक्त होने के लिए बादशाह ने बाजीराव प्रथम के घोर शत्रु निज़ामुलमुल्क को सहायता के लिए दिल्ली बुला भेजा।

व्याख्या: बालाजी बाजीराव (जन्म- 8 दिसम्बर, 1721 ई.; मृत्यु- 23 जून, 1761 ई.) बाजीराव प्रथम का ज्येष्ठ पुत्र था। वह पिता की मृत्यु के बाद पेशवा बना था। बालाजी विश्वनाथ के समय में ही पेशवा का पद पैतृक बन गया था। बालाजी बाजीराव के समय में ही अहमदशाह अब्दाली का आक्रमण हुआ, जिसमें मराठे बुरी तरह परास्त हुए। इससे पहले बालाजी के समय मुग़ल साम्राज्य के स्थान पर हिन्दू राज्य की स्थापना के लिए स्थिति अनुकूल थी।


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