पूर्व मध्यकालीन भारत (दक्षिण भारत) से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Gk Quiz (set-2)

पूर्व मध्यकालीन भारत (दक्षिण भारत) से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Gk Quiz (set-2).

पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत)

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 2)

16. निम्न राजवंशों में से किसने श्रीलंका एवं दक्षिण-पूर्व एशिया को जीता?

व्याख्या: राजेन्द्र प्रथम (1014-1044ई.) राजराज प्रथम का पुत्र एवं उत्तराधिकारी 1014 ई. में चोल राजवंश के सिंहासन पर बैठा। उसकी उपलब्धियों के बारे में सही जानकारी 'तिरुवालंगाडु' एवं 'करंदाइ अभिलेखों' से मिलती है। अपने विजय अभियान के प्रारम्भ में उसने पश्चिमी चालुक्यों, पाण्ड्यों एवं चेरों को पराजित किया। इसके बाद लगभग 1017 ई. में सिंहल (श्रीलंका) राज्य के विरुद्ध अभियान में उसने वहां के शासक महेन्द्र पंचम को परास्त कर सम्पूर्ण सिंहल राज्य को अपने अधिकार में कर लिया। श्रीलंका को विजित कर राजेन्द्र ने पाण्ड्य तथा चेरों को परास्त किया। उसने 'गंगैकोण्डचोल', 'वीर राजेन्द्र', 'मुडिगोंडचोल' आदि उपाधियाँ धारण की थीं।

17. विरुपाक्ष मंदिर का निर्माण किसने किया था?

व्याख्या: विरुपाक्ष मंदिर ओड़िशा के कंधमाल जिला के चाकपाड़ा में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। विरुपाक्ष मंदिर का निर्माण कल्याणी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य2 ने करवाया था जो इस वंश का सबसे प्रतापी शासक था। इसने सिँहासन पर बैठते ही चोल, होयसल और वनवासी के राजाओं को परास्त कर दिया था।

18. पल्लवों के एकाश्मीय रथ मिलने का स्थान है
19. होयसल की राजधानी का नाम क्या है?

व्याख्या: द्वारसमुद्र आधुनिक हैलविड का प्राचीन नाम था। यह होयसल वंश के राजाओं की राजधानी था, जो वर्तमान कर्नाटक क्षेत्र पर शासन करते थे। इस राजधानी की स्थापना 'बिहिग' ने की थी, जो बाद में विष्णुवर्धन (लगभग 1111 से 1114 ई.) के नाम से विख्यात हुआ।

20. महाबलिपुरम, जो एक मुख्य नगर है, वह कला में किन शासकों की रूचि को दर्शाता है?
21. यादव सम्राटों की राजधानी कहाँ थी?

व्याख्या: देवगिरी औरंगाबाद ज़िला, महाराष्ट्र राज्य, दक्षिण-पश्चिम भारत में स्थित प्रख्यात नगर है। यह प्राचीन समय में यादवों की राजधानी थी। देवगिरि आधुनिक दौलताबाद का प्राचीन नाम है। इसकी स्थापना यादव वंश के राजा भिल्लम द्वारा की गई थी। मुहम्मद तुग़लक ने देवगिरि को जीतकर अपनी राजधानी बनाया और इसका नाम बदलकर 'दौलताबाद' रख दिया था।

22. चोल राजाओं ने किस धर्म को संरक्षण प्रदान किया?

व्याख्या: चोल राजा यद्यपि शैव मतावलंबी थे लेकिन इन्‍होंने सर्वधर्म समभाव को बनाने में कोई कसर नही छोंड़ी। इन्‍होंने मंदिर एवं राजराजेश्‍वर मंदिर की दीवारों पर बुद्ध की धार्मिक प्रतिमाओं को निर्मित कराया था।

23. प्रथम भारतीय शासक कौन था, जिसने अरब सागर में भारतीय नौसेना की सर्वोच्चता स्थापित की?
24. रधिकीर्ति द्वारा निर्मित जिनेन्द्र मंदिर / मेगुती मंदिर, ऐहोल का संबंध है

व्याख्या: मेगुती जैन मंदिर कर्नाटक राज्य के बीजापुर ज़िले में स्थित है। मंदिर में बने शिलालेखों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 634 ई. में पुलकेशिन द्वि‍तीय के मंत्री द्वारा करवाया गया था। चालुक्य वास्तुशैली में निर्मित यह एक महत्त्वपूर्ण जैन मंदिर है।

25. ऐहोल का लाढ़ खाँ मंदिर किस देवता को समर्पित है?

व्याख्या: ऐहोल का लाढ़ खाँ मंदिर शिव जी को समर्पित है। ऐहोल मन्दिरों के समूह में द्रविड़ शैली का लाद खान नामक मन्दिर कर्नाटक राज्य के बीजापुर ज़िले में स्थित हैं। इतिहास. पाँचवीं शताब्दी के मध्य में निर्मित यह मन्दिर चालुक्य मंदिर स्थापत्य के विकास केन्द्र ऐहोल का सबसे प्राचीन है।

26. पापनाथ का मंदिर, पत्तडकल का निर्माण किस वंश के शासक ने किया?

व्याख्या: पत्तदकल भारत के कर्नाटक राज्य में एक कस्बा है, जो भारतीय स्थापत्यकला की वेसर शैली के आरम्भिक प्रयोगों वाले स्मारक समूह के लिये प्रसिद्ध है। ये मंदिर आठवीं शताब्दी में बनवाये गये थे। चालुक्य वंश के राजाओं ने सातवीं और आठवीं शताब्दी में यहाँ कई मंदिर बनवाए। एहोल को स्थापत्यकला का विद्यालय माना जाता है, बादामी को महाविद्यालय तो पत्तदकल को विश्वविद्यालय कहा जाता है।

27. 'मत्तविलास प्रहसन' नाटक का रचयिता था

व्याख्या: मत्तविलास प्रहसन एक प्राचीन संस्कृत एकांकी नाटक है। यह सातवीं शताब्दी की शुरुआत में विद्वान राजा महेन्द्रवर्मन प्रथम (571- 630 सीई) द्वारा लिखित दो महान एकांकी नाटकों में से एक है। इसमें मदिरा के नशे में धूत एक कापालिक की मनोदशा का वर्णन है। इस नाटक में धार्मिक आडंम्बरो पर कटाक्ष है तथा बौद्ध तथा कापालिकों की हँसी उड़ाई गयी है।

28. विचित्र चित्त', 'मत विलास' आदि उपाधि धारण करने वाला पल्लव शासक था

व्याख्या: महेन्द्रवर्मन प्रथम चम्पा राज्य के राजा थे। वे पहले जैन धर्म के अनुयायी थे पर बाद मेंं उन्होंने शैव धर्म अपनाया। उसने 'मत्तविलास' 'विचित्र चित्त' एवं 'गुणभर शत्रुमल्ल, ललिताकुर, अवनिविभाजन, संर्कीणजाति, महेन्द्र विक्रम, अलुप्तकाम कलहप्रीथ आदि प्रशंसासूचक पदवी धारण की थी। उसकी उपाधियां 'चेत्थकारी' और 'चित्रकारपुल्ली' भी थीं।

29. मंदिर स्थापत्य कला की द्रविड़ शैली का आरंभ किस राजवंश के समय में हुआ?

व्याख्या: पल्लव शासकों ने सुदूर दक्षिण में द्रविड़ शैली के मंदिरों का निर्माण कार्य किया।इनके द्वारा बनाये गए मंदिर कांचीपुरम, महाबलिपुरम,तंजौर,तथा पुत्तडूकोराई में पाये जाते है।प्रारम्भ में मंदिरों पर काष्ठकला और कंदराकला का प्रभाव दिखाई देता है किन्तु परवर्ती मंदिर इन प्रभावों से मुक्त है।बाद में पल्लव वास्तुकला ही दक्षिण की द्रविड़ कला शैली की आधार बनी।

30. रुद्राम्बा किस राजवंश की प्रसिद्ध महिला शासक थी?

व्याख्या: रुद्रमा देवी (1262−1289) वारंगल के काकतीय वंश की रानी थी। रुद्रमा ने राजा गणपतिदेव देव के यहाँ रुद्राम्बा नाम से जन्म लिया। राजा गणपति के कोई पुत्र नहीं था इसलिये अपने पिता की मृत्यु के पश्चात् रुद्रमा देवी ने ही शासन किया था। जब रुद्रमा देवी ने शासन सम्भाला तब उसकी आयु मात्र 14 वर्ष थी। रुद्रमा का विवाह पूर्वी चालुक्य राजकुमार वीरभद्र से हुआ था।


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