वैदिक संस्कृति से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या | Vedic Culture Gk Quiz (Set - 4)

वैदिक काल या संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित। -Vedic Age or Vedic Culture Gk Quiz (set-4).

वैदिक संस्कृति (1500 ई.पू. - 600 ई.पू.)

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 4)

Q_61. ऋग्वेद के किन छः मंडलों को 'वंश मंडल' / 'गोत्र मंडल' कहा जाता है?

व्याख्या: ऋग्वेद के द्वितीय से सप्तम मंडल को वंश मंडल कहा जाता है। गोत्र शब्द का सर्वप्रथम उल्लेख ऋग्वेद में हुआ था।

Q_62. किस वेद में जादुई माया और वशीकरण (magical charms and spells) का वर्णन है?

व्याख्या: अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई थी। अथर्ववेद के दो पाठों, शौनक और पैप्पलद, में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ऋग्वेद के स्तोत्रों के छदों में रचित हैं। दोनो वेदों में इसके अतिरिक्त अन्य कोई समानता नहीं है। अथर्ववेद दैनिक जीवन से जुड़े तांत्रिक धार्मिक सरोकारों को व्यक्त करता है, इसका स्वर ऋग्वेद के उस अधिक पुरोहिती स्वर से भिन्न है, जो महान् देवों को महिमामंडित करता है और सोम के प्रभाव में कवियों की उत्प्रेरित दृष्टि का वर्णन करता है।

Q_63. 'आर्य' शब्द इंगित करता है

व्याख्या: कैकय देश में अश्वपति नाम का राजा था। वह बड़ा सदाचारी, प्रजावत्सल और उच्च कोटि का ब्रह्मज्ञानी था। उसने वैश्वानर (सभी मनुष्यों में व्यापक) आत्मा की सफलतापूर्वक खोज की थी। स्वयं आत्म-दर्शन किया था और बड़े-बड़े वेदज्ञ पंडितों को भी आत्मतत्व की दीक्षा दी थी।

Q_64. ऋग्वेद में कुल कितने मंडल हैं?

व्याख्या: ऋग्वेद सनातन धर्म अथवा हिन्दू धर्म का स्रोत है। इसमें 1028 सूक्त हैं, जिनमें देवताओं की स्तुति की गयी है। इस ग्रंथ में देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिये मन्त्र हैं। यही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को दुनिया के सभी इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की सबसे पहली रचना मानते हैं। ये दुनिया के सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है। ऋक् संहिता में 10 मंडल, बालखिल्य सहित 1028 सूक्त हैं। वेद मंत्रों के समूह को 'सूक्त' कहा जाता है, जिसमें एकदैवत्व तथा एकार्थ का ही प्रतिपादन रहता है। ऋग्वेद के सूक्त विविध देवताओं की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ऋग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्रोतों की प्रधानता है।

Q_65. आर्य भारत में संभवतः आये

व्याख्या: मैक्समूलर के अनुसार आर्यों का मूल निवास-स्थान मध्य एशिया को माना जाता है। आर्यों द्वारा निर्मित सभ्यता वैदिक सभ्यता कहलाई।

Q_66. कौन-सा वेद अंशतः गद्य रूप में भी रचित है?

व्याख्या: यजुर्वेद हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ और चार वेदों में से एक है। इसमें यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिये गद्य और पद्य मन्त्र हैं। ये हिन्दू धर्म के चार पवित्रतम प्रमुख ग्रन्थों में से एक है और अक्सर ऋग्वेद के बाद दूसरा वेद माना जाता है - इसमें ऋग्वेद के 663 मंत्र पाए जाते हैं। फिर भी इसे ऋग्वेद से अलग माना जाता है क्योंकि यजुर्वेद मुख्य रूप से एक गद्यात्मक ग्रन्थ है। यज्ञ में कहे जाने वाले गद्यात्मक मन्त्रों को ‘'यजुस’' कहा जाता है।

Q_67. सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी' का उल्लेख किस वेद में मिलता है?

व्याख्या: सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी', का उल्लेख किस वेद में मिलता है? 'अथर्ववेद' में परीक्षित को कुरुओं का राजा कहा गया है तथा इसमें कुरू देश की समृद्धि का अच्छा विवरण मिलता है। इस वेद में आर्य एवं अनार्य विचारधाराओं का समन्वय है। उत्तर वैदिक काल से इस वेद का विशेष महत्त्व है।

Q_68. ऋग्वैदिक युग की प्राचीनतम संस्था कौन-सी थी?

व्याख्या: यह आर्यो की सर्वप्राचीन संस्था थी। इसे जनसभा भी कहा जाता था। रॉथ के अनुसार 'विदथ' संस्था सैनिक असैनिक तथा धार्मिक कार्यो से संम्बद्ध थी। इसी कारण के.पी. जायसवाल विद्थ को एक मौलिक बड़ी सभा मानते हैं। रामशरण शर्मा इसे आर्यो की प्राचीनतम संस्था मानते हैं, उनका मानना है कि ऋग्वेद में विद्थ का उल्लेख 22 बार हुआ है। आपके अनुसार विद्थ ऐसी संस्था थी जो यु़द्ध में लूटी गयी वस्तुओं अथवा उपहार और समय-समय पर मिलने वाली भेटों की सामग्रियों का वितरण करती थी। ऋग्वैदिक काल में स्त्रियाँ भी सभा और विद्थ में भाग लेती थी। इस प्रकार, सभा, समिति, विद्थ और परिषद् वैदिक राजतंत्र में सहायक के रूप में काम करती थी। ऋग्वेद तथा इस पर लिख गए ब्राह्मण एवं ऐतरेय ब्राह्मण दोनों में राजा के निर्वाचन सम्बन्धी सूक्त पाये जाते हैं।

Q_69. ब्राह्मण ग्रंथों में सर्वाधिक प्राचीन कौन है?

व्याख्या: शतपथ ब्राह्मण' शुक्ल यजुर्वेद की दोनों शाखाओं 'काण्व' व 'माध्यन्दिनी' से सम्बद्ध है। यह सभी ब्राह्मण ग्रन्थों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसका रचयिता याज्ञवल्क्य को माना जाता है। 'शतपथ ब्राह्मण' के अन्त में उल्लेख है- 'षआदिन्यानीमानि शुक्लानि यजूशि बाजसनेयेन याज्ञावल्येन ख्यायन्ते।' 'शतपथ ब्राह्मण' में 14 काण्ड हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के यज्ञों का पूर्ण एवं विस्तृत अध्ययन मिलता है। 6 से 10 काण्ड तक को 'शाण्डिल्यकाण्ड' कहते हैं।

Q_70. गोत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई?

व्याख्या: गोत्र व्यवस्था का प्रचलन भी उत्तर वैदिक काल से ही प्रारम्भ हुआ माना जाता है।

Q_71. अनुलोम विवाह का अर्थ

व्याख्या: अनुलोम विवाह उच्च जाति के पुरूष और निम्न जाति की महिला के बीच विवाह होता था जबकि प्रतिलोम विवाह उच्च जाति की महिला और निम्न जाति के पुरुष के बीच विवाह था।

Q_72. प्रतिलोम विवाह तब माना जाता था

व्याख्या: प्रतिलोम विवाह उच्च जाति की महिला और निम्न जाति के पुरुष के बीच विवाह था।

Q_73. वैदिक युग में ‘यव' कहा जाता था

व्याख्या: वैदिक काल में यव जौ को कहा जाता था। जौ (यव) मुख्य अनाज था। शाकाहार का प्रचलन था। सोम रस (अम्रित जैसा) का प्रचलन था।

Q_74. व्रीहि' शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?

व्याख्या: व्रीहि' शब्द चावल के लिए प्रयुक्त हुआ है
1. धान। 2. चावल। 3. अन्न (को कहते हैं)। 4. धान का खेत (को कहते हैं)। 5. चावल का बीज या दाना (को कहते हैं)।

Q_75. अथर्व' का अर्थ

व्याख्या: अथर्ववेद संहिता हिन्दू धर्म के पवित्रतम वेदों में से चौथे वेद अथर्ववेद की संहिता अर्थात मन्त्र भाग है। इस वेद को ब्रह्मवेद भी कहते हैं। इसमें देवताओं की स्तुति के साथ, चिकित्सा, विज्ञान और दर्शन के भी मन्त्र हैं। अथर्ववेद संहिता के बारे में कहा गया है कि जिस राजा के राज्य में अथर्ववेद जानने वाला विद्वान् शान्तिस्थापन के कर्म में निरत रहता है, वह राष्ट्र उपद्रवरहित होकर निरन्तर उन्नति करता जाता है।

Q_76. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए:
सूची-I
  1. शिक्षा
  2. कल्पसूत्र
  3. निरुक्त
  4. छन्द
सूची-II
  1. ध्वनिशास्त्र
  2. कर्मकाण्ड
  3. शब्द व्युत्पति शास्त्र / भाषा शास्त्र
  4. छन्दशास्त्र
Q_77. प्राचीनतम व्याकरण 'अष्टाध्यायी' के रचनाकार हैं

व्याख्या: पाणिनि' संस्कृत व्याकरण शास्त्र के सबसे बड़े प्रतिष्ठाता और नियामक आचार्य थे। इनका जन्म पंजाब के 'शालातुला' में हुआ था, जो आधुनिक पेशावर (पाकिस्तान) के क़रीब तत्कालीन उत्तर-पश्चिम भारत के गांधार में था। इनका जीवनकाल 520-460 ईसा पूर्व माना जाता है। इनके व्याकरण को 'अष्टाध्यायी' कहते हैं। 'अष्टाध्यायी' मात्र व्याकरण ग्रंथ नहीं है। इसमें प्रकारांतर से तत्कालीन भारतीय समाज का पूरा चित्र मिलता है।

Q_78. निम्न में से कौन-सी स्मृति प्राचीनतम है?

व्याख्या: भारत में वेदों के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन 'मनुस्मृति' का ही है। इसमें चारों वर्णों, चारों आश्रमों, सोलह संस्कारों तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि उन सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है जो कि मानव मात्र के जीवन में घटित होने सम्भव हैं। यह सब धर्म-व्यवस्था वेद पर आधारित है।

Q_79. 'आदि काव्य' की संज्ञा किसे दी जाती है?

व्याख्या: 'रामायण' कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके 24,000 श्लोक हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं, जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी है। रामायण के सात अध्याय हैं, जो 'काण्ड' के नाम से जाने जाते हैं। अग्नि देव कहते हैं- वसिष्ठजी! देवर्षि नारद से यह कथा सुनकर महर्षि वाल्मीकि ने विस्तार पूर्वक 'रामायण' नामक महाकाव्य की रचना की। जो कोई भी इसके प्रसंग सुनता है, वह स्वर्ग लोक को जाता है।

Q_80. प्राचीनतम पुराण हैं

व्याख्या: मत्स्य पुराण पुराण में भगवान श्रीहरि के मत्स्य अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, दान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसमें जल प्रलय, मत्स्य व मनु के संवाद, राजधर्म, तीर्थयात्रा, दान महात्म्य, प्रयाग महात्म्य, काशी महात्म्य, नर्मदा महात्म्य, मूर्ति निर्माण माहात्म्य एवं त्रिदेवों की महिमा आदि पर भी विशेष प्रकाश डाला गया है। चौदह हजार श्लोकों वाला यह पुराण भी एक प्राचीन ग्रंथ है।


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