वैदिक संस्कृति से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं व्याख्या | Vedic Culture Gk Quiz (Set - 3)

वैदिक काल या संस्कृति से जुड़े महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित। -Vedic Age or Vedic Culture Gk Quiz (set-3).

वैदिक संस्कृति (1500 ई.पू. - 600 ई.पू.)

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 3)

41. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए :
सूची-I
  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद
सूची-II
  1. संगीतमय स्त्रोत
  2. स्त्रोत एवं कर्मकाण्ड
  3. तंत्र-मन्त्र एवं वशीकरण
  4. स्त्रोत एवं प्रार्थनाएं
42. आरंभिक वैदिक साहित्य में सर्वाधिक वर्णित नदी है

व्याख्या: ऋग्वेद में 25 नदियों का उल्लेख है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण नदी, सिंधु नदी है, जिसका वर्णन कई बार आया है। सरस्वती नदी ऋग्वेद की सबसे पवित्र नदी मानी जाती थी। इसे नदीतमा (नदियों की माता) कहा गया है। गंगा का उल्लेख ऋग्वेद में केवल एक बार हुआ है। शुतुद्रि आजकल की सतलुज नदी है।

43. उपनिषद् काल के राजा अश्वपति शासक थे।

व्याख्या: कैकय देश में अश्वपति नाम का राजा था। वह बड़ा सदाचारी, प्रजावत्सल और उच्च कोटि का ब्रह्मज्ञानी था। उसने वैश्वानर (सभी मनुष्यों में व्यापक) आत्मा की सफलतापूर्वक खोज की थी। स्वयं आत्म-दर्शन किया था और बड़े-बड़े वेदज्ञ पंडितों को भी आत्मतत्व की दीक्षा दी थी।

44. अध्यात्म ज्ञान के विषय में नचिकेता और यम का संवाद किस उपनिषद् में प्राप्त होता है

व्याख्या: नचिकेता और यमराज के बीच हुए संवाद का उल्लेख हमें कठोपनिषद में मिलता है।

45. वैदिक नदी कुभा (कावुल) का स्थान कहाँ निर्धारित होना चाहिए-

व्याख्या: काबुल नदी एक 700 किमी लम्बी नदी है जो अफ़ग़ानिस्तान में हिन्दु कुश पर्वतों की संगलाख़ शृंखला से शुरू होकर पाकिस्तान के अटक शहर के पास सिन्धु नदी में विलय हो जाती है। काबुल नदी पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान की मुख्य नदी है और इसका जलसम्भर हेलमंद नदी के जलसम्भर क्षेत्र से उनई दर्रे द्वारा विभाजित है।

46. कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है

व्याख्या: कपिल प्राचीन भारत के एक प्रभावशाली मुनि थे। इन्हें सांख्यशास्त्र (यानि तत्व पर आधारित ज्ञान) के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है जिसके मान्य अर्थों के अनुसार विश्व का उद्भव विकासवादी प्रक्रिया से हुआ है। कई लोग इन्हें अनीश्वरवादी मानते हैं लेकिन गीता में इन्हें श्रेष्ठ मुनि कहा गया है। कपिल ने सर्वप्रथम विकासवाद का प्रतिपादन किया और संसार को एक क्रम के रूप में देखा।

47. भारत के किस स्थल की खुदाई से लौह धातु के प्रचलन के प्राचीनतम प्रमाण मिले हैं?

व्याख्या: अतरंजी खेड़ा उत्तर प्रदेश के एटा ज़िलांतर्गत गंगा की सहायक काली नदी के तट पर स्थित एक प्रागैतिहासिक स्थल है। इस स्थल की खोज 1961-1962 ई. में एलेक्जेण्डर कनिंघम ने की थी। कनिंघम ने चीनी यात्री युवानच्वांग द्वारा उल्लिखित पि-लो-शा-न नामक स्थल का अतरंजी खेड़ा से समीकरण किया है।

48. निम्नलिखित में किसका संकलन ऋग्वेद पर आधारित है?

व्याख्या: सामवेद में कुल 1549 ऋचाएं है। इनमें मात्र 78 ही नई है अन्य ऋग्वेद से ली गई हैं। भगवान कृष्ण ने वेदों में अपने को 'सामवेद' कहा है। साम का अर्थ ज्ञान होता है। इसके मन्त्रो को गाने वाले 'उद्गाता' कहे जाते थे। प्राचीन ग्रन्थो में सामवेद में गौरव की गाथा मिलती है। भारतीय संगीत पर यह प्राचीनतम ग्रन्थ है।

49. निम्नलिखित में कौन 'प्रस्थानत्रयी' में शामिल नहीं है?

व्याख्या: श्रीमद्भगवद्गीता, ब्रह्मसूत्र तथा उपनिषदों को सामूहिक रूप से प्रस्थानत्रयी कहा जाता है जिनमें प्रवृत्ति और निवृत्ति दोनों मार्गों का तात्त्विक विवेचन है। ये वेदान्त के तीन मुख्य स्तम्भ माने जाते हैं। इनमें उपनिषदों को श्रुति प्रस्थान, भगवद्गीता को स्मृति प्रस्थान और ब्रह्मसूत्रों को न्याय प्रस्थान कहते हैं। प्राचीन काल में भारतवर्ष में जब कोई गुरू अथवा आचार्य अपने मत का प्रतिपादन एवं उसकी प्रतिष्ठा करना चाहता था तो उसके लिये सर्वप्रथम वह इन तीनों पर भाष्य लिखता था। निम्बार्काचार्य, आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, मध्वाचार्य आदि बड़े-बड़े गुरुओं ने ऐसा कर के ही अपने मत का प्रतिपादन किया।

50. कर्म का सिद्धांत सम्बंधित है

व्याख्या: कर्म का सिद्धांत मीमांसा से सम्बंधित है।मीमांसा दर्शन हिन्दुओं के छः दर्शनों में से एक है। इस शास्त्र काे 'पूर्वमीमांसा' और वेदान्त काे 'उत्तरमीमांसा' भी कहा जाता है।

51. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए:
सूची-I
  1. अथर्ववेद
  2. ऋग्वेद
  3. यजुर्वेद
  4. सामवेद
सूची-I
  1. ईश्वर महिमा
  2. बलिदान विधि
  3. औषधियों से संबंधित
  4. संगीत
52. 'चरक संहिता' नामक पुस्तक किस विषय से संबंधित है?

व्याख्या: चरकसंहिता आयुर्वेद का एक प्रसिद्ध ग्रन्थ है। यह संस्कृत भाषा में है। इसके उपदेशक अत्रिपुत्र पुनर्वसु, ग्रंथकर्ता अग्निवेश और प्रतिसंस्कारक चरक हैं। चरकसंहिता और सुश्रुतसंहिता आयुर्वेद के दो प्राचीनतम आधारभूत ग्रन्थ हैं जो काल के गाल में समाने से बचे रह गए हैं। भारतीय चिकित्साविज्ञान के तीन बड़े नाम हैं - चरक, सुश्रुत और वाग्भट। चरक संहिता, सुश्रुतसंहिता तथा वाग्भट का अष्टांगसंग्रह आज भी भारतीय चिकित्सा विज्ञान (आयुर्वेद) के मानक ग्रन्थ हैं।

53. यज्ञ संबंधी विधि-विधानों का पता चलता है

व्याख्या: यजुर्वेद हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ और चार वेदों में से एक है। इसमें यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिये गद्य और पद्य मन्त्र हैं। ये हिन्दू धर्म के चार पवित्रतम प्रमुख ग्रन्थों में से एक है और अक्सर ऋग्वेद के बाद दूसरा वेद माना जाता है - इसमें ऋग्वेद के 663 मंत्र पाए जाते हैं।

54. वैदिक युगीन 'सभा'-

व्याख्या: वैदिक युग की अनेक जनतांत्रिक संस्थाओं में सभा एक थी। सभा के साथ ही एक दूसरी संस्था थी, समिति और अथर्ववेद (सातवाँ, 13.1) में उन दोनों को प्रजापति की दो पुत्रियाँ कहा गया है। इससे यह प्रतीत होता है कि तत्कालीन वैदिक समाज को ये संस्थाएँ अपने विकसित रूप में प्राप्त हुई थीं। उसका तात्पर्य सभास्थल और सभा की बैठक, दोनों ही से था।

55. वैदिक युग में प्रचलित लोकप्रिय शासन प्रणाली थी

व्याख्या: वैदिक काल में राजतंत्रात्मक प्रणाली प्रचलित थी। इसमें शासन का प्रमुख राजा होता था। राजा वंशानुगत तो होता था परन्तु जनता उसे हटा सकती थी। वह क्षेत्र विशेष का नहीं बल्कि जन विशेष का प्रधान होता था।

56. सबसे प्राचीन वेद कौन-सा है?

व्याख्या: ऋग्वेद - सबसे प्राचीन तथा प्रथम वेद जिसमें मन्त्रों की संख्या 10627 है। इसका मूल विषय ज्ञान है। विभिन्न देवताओं का वर्णन है तथा ईश्वर की स्तुति आदि।

57. निम्नलिखित में से कौन भारतीय दर्शन की आरंभिक विचारधारा है?

व्याख्या: भारतीय दर्शन के छः प्रकारों में से सांख्य भी एक है जो प्राचीनकाल में अत्यंत लोकप्रिय तथा प्रथित हुआ था। यह अद्वैत वेदान्त से सर्वथा विपरीत मान्यताएँ रखने वाला दर्शन है। इसकी स्थापना करने वाले मूल व्यक्ति कपिल कहे जाते हैं। 'सांख्य' का शाब्दिक अर्थ है - 'संख्या सम्बंधी' या विश्लेषण। इसकी सबसे प्रमुख धारणा सृष्टि के प्रकृति-पुरुष से बनी होने की है, यहाँ प्रकृति (यानि पंचमहाभूतों से बनी) जड़ है और पुरुष (यानि जीवात्मा) चेतन। योग शास्त्रों के ऊर्जा स्रोत (ईडा-पिंगला), शाक्तों के शिव-शक्ति के सिद्धांत इसके समानान्तर दीखते हैं।

58. सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा एवं वेदांत-इन छः भिन्न भारतीय दर्शनों की स्पष्ट रूप से अभिव्यक्ति हुई

व्याख्या: सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा एवं वेदांत - इन छः भिन्न भारतीय दर्शनों की स्पष्ट रूप से अभिव्यक्ति वैदिक युग में हुई है।

59. निम्नलिखित में वह दस्तकारी कौन-सी है जो आर्यों द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी?

व्याख्या: लुहार (लुहारगीरी) आर्यों द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी। उस व्यक्ति को लोहार कहते हैं जो लोहा या इस्पात का उपयोग करके विभिन्न वस्तुएँ बनाता है। हथौड़ा, छेनी, भाथी (धौंकनी) आदि औजारों का पयोग करके लोहार फाटक, ग्रिल, रेलिंग, खेती के औजार, कुछ बर्तन एवं हथियार आदि बनाता है।

60. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए:
सूची-I (उपवेद)
  1. आयुर्वेद
  2. धनुर्वेद
  3. गंधर्ववेद
  4. शिल्पवेद / अर्थशास्त्र
सूची-II (संबंधित वेद)
  1. ऋग्वेद
  2. यजुर्वेद
  3. सामवेद
  4. अथर्ववेद

व्याख्या: आयुर्वेद, ऋग्वेद का उपवेद है। इसके कर्ता धन्वंतरि हैं। इसमें रसायनशास्त्र, खनिज विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, शल्य-चिकित्सा, विष-चिकित्सा, आयुर्विज्ञान आदि के वर्णन किये गए हैं।
धनुर्वेद, यजुर्वेद का उपवेद है। इसके कर्ता विश्वमित्र है, इसमें अस्त्र-शस्त्र चलाने, उन्हें बनाने और उनमें प्रवीणता प्राप्त करने की विधियों का उल्लेख है।
गंधर्ववेद, सामवेद का उपवेद है। इसके कर्ता नारद मुनि है। इसमें गान विद्या के प्रमुख अंगो, जैसे गायन, वादन, नृत्य आदि का विशद वर्णन दिया हुआ है।
शिल्प वेद, अथर्वेद का उपवेद है। स्थापत्य वेड के करता विश्वकर्मा है। इसमें वास्तुशास्त्र, शिल्पकला, हस्तकला इत्यादि का विवरण है।


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