मौर्य काल या मौर्य सम्राज्य से ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या | Maurya Empire GK Quiz (Set-6)

मौर्य काल या मौर्य सम्राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित। -Maurya Empire Gk Quiz (set-6).

मौर्य सम्राज्य

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 6)

76. किस शिलालेख में अशोक ने घोषणा की है कि सभी मनुष्य मेरे बच्चे हैं?

व्याख्या: अशोक ने 5वें शिलालेख में प्रत्येक मनुष्य को अपनी संतान बताया है। इसमें उसने दासों से किए जाने वाले व्यवहार के बारे में भी बताया है। इसके अलावा इसमें धर्म महामत्त का भी उल्लेख है।

77. कौन-सी घोषणा युद्ध और हिंसा के प्रति अशोक के आन्तरिक दुःख को स्पष्ट करता है?

व्याख्या: अशोक का 13 वां शिलालेख कलिंग युद्ध, अशोक का हृदय परिवर्तन, पड़ोसी राजाओं का वर्णन से सम्बंधित है।

78. किस शिलालेख में अशोक की यह घोषणा अंकित है 'किसी भी समय, चाहे मैं खाता हूँ या रानी के साथ विश्राम करता रहूँ या मैं अपने अंतःशाला में रहूँ, मैं जहाँ भी रहूँ, मेरे महामात्य मुझे सार्वजनिक कार्य के लिए संपर्क कर सकते हैं?

व्याख्या: शिलालेख-6 - सक्रिय प्रशासन एवं सुदृढ व्यापार की जानकारी मिलती है। धम्म महामात्र अधिकारी कभी भी मिल सकता है अथवा किसी भी समय अशोक से मिल सकता है। उस समय में भी जब अशोक अपने शयन कक्ष में हो अथवा निजि कार्यों में व्यस्त हो। (आत्म नियंत्रण की शिक्षा)

79. निम्नलिखित में कौन अवरोही क्रम में जिला स्तर के अधिकारियों का नाम बताता हैं?

व्याख्या: प्रादेशिक - जिलाधिकारी (अर्थव्यवस्था एक प्रदेष्टा)
राजूक - भूमि की पैमाइश करने वाला एवं न्यायिक अधिकारी
युक्त - जिले का आधिकारी

80. 'विष्टि' है --

व्याख्या: उत्तर भारत में 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' के अनुसार विष्टि से अभिप्राय है- बँधुआ मज़दूरी, बिना मज़दूरी के श्रमिक, करों के बदले का कर देने के साथ-साथ मुक्त मज़दूरी करना।

81. मौर्य काल में 'सीता' से तात्पर्य है

व्याख्या: मौर्य साम्राज्य में दो प्रकार की भूमि थी-एक तो वह जो राज्य के प्रत्यक्ष अधिकार में थी, दूसरी वह जो किसानों के पास थी। राज्य को अपनी प्रत्यक्ष भूमि से जो आय होती थी उसे सीता आय या सीता भूमि कहते थे। वस्तुतः राजकीय भूमि पर दासों, कर्मकारों, शूद्रों (जनजातियों) और कैदियों द्वारा कृषि कार्य संपन्न किया जाता था। मौर्यकाल में कृषि विभाग की देख-रेख ‘सीताध्यक्ष’ करता था।

82. निम्नलिखित में मौर्यकला का सबसे अच्छा नमूना कौन है?

व्याख्या: मौर्य काल (तीसरी शताब्दी ई.पू.) के महान् गोलाकार पाषाण स्तंभों और उत्कीर्णित सिंहों ने दूसरी और पहली शताब्दी ई.पू. में स्थापित हिंदू और बौद्ध प्रसंगों वाली परिपक्व भारतीय आकृतिमूलक मूर्तिकला का मार्ग प्रशस्त किया।

83. कहां से प्राप्त अभिलेखों में मौर्य काल में अकाल, सूखा जैसे दैवी प्रकोप के समय राज्य द्वारा राहत कार्य किये जाने का विवरण मिलता है?

व्याख्या: महास्थान एक ऐतिहासिक स्थान जो बांग्लादेश के बोगरा ज़िले में गंगा नदी की मुख्य धारा पद्मा के उत्तर में स्थित है। महास्थान में अशोक के पूर्व के मौर्य अभिलेख मिले हैं। अभिलेख में उल्लिखित है कि उस समय महास्थान का नाम पुंड्रनगर था।

सोहगौरा ताम्रलेख एक ताम्रपट्ट पर लेखबद्ध प्राचीन लेख है जो उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के पास सोहगौरा नामक स्थान से प्राप्त हुआ है। सोहगौरा का पुरास्थल भारतीय लेखन कला की प्राचीनता को प्रमाणित करने वाला पहला अभिलेख प्रस्तुत करता है। इसमें अकाल एवं दुर्भिक्ष के समय जनता के उपयोग के लिए अन्न के तीन कोष्ठागारों के बनाने का वर्णन है।

84. अशोक ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार हेतु किसे भेजा?

व्याख्या: अशोक ने लगभग 36 वर्षों तक शासन किया जिसके बाद लगभग 232 ईसापूर्व में उनकी मृत्यु हुई। उनके कई संतान तथा पत्नियां थीं पर उनके बारे में अधिक पता नहीं है। उसके पुत्र महेन्द्र तथा पुत्री संघमित्रा ने बौद्ध धर्म के प्रचार में योगदान दिया।

85. अशोक के मनसेहरा (पाकिस्तान) एवं शहयाजगढ़ी (पाकिस्तान) से प्राप्त वृहत शिलालेखों में किस लिपि का प्रयोग किया गया है?

व्याख्या: शाहनाज गढ़ी एवं मानसेहरा (पाकिस्तान) के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में उत्कीर्ण हैं। तक्षशिला एवं लघमान (काबुल) के समीप अफगानिस्तान अभिलेख आरमाइक एवं ग्रीक में उत्कीर्ण हैं। इसके अतिरिक्‍त अशोक के समस्त शिलालेख, लघुशिला स्तम्भ लेख एवं लघु लेख ब्राह्मी लिपि में उत्कीर्ण हैं।

86. कहाँ से अशोक के द्विभाषी (ग्रीक और आरामाइक) अभिलेख प्राप्त हुए हैं?

व्याख्या: अशोक का शेर-ए-कुना / कंधार अभिलेख ग्रीक एवं अरमाइक भाषाओं में प्राप्त हुआ है।

87. कौटिल्य द्वारा रचित 'अर्थशास्त्र' कितने अधिकरणों में विभाजित है?

व्याख्या: पुराणों में कौटिल्य का ‘द्विजर्षभ’ (श्रेष्ठ ब्राह्मण) कहा गया है। अर्थशास्त्र में 15 अधिकरण तथा 180 प्रकरण है। छठे अभिकरण में राज्य के सप्तांगों- स्वामी, अमात्य, राष्ट्र, दुर्ग, बल, कोष तथा मित्र के स्वरूप तथा कार्यों का वर्णन मिलता है।

88. 'अर्थशास्त्र' में उल्लिखित सप्तांग में शामिल थे

व्याख्या: कौटिल्य ने सप्तांग सिद्धांत में राज्य के सात अंगो का वर्णन किया है। सप्तांग दो शब्दों से मिलकर बना है सप्त यानी सात और अंग यानी हिस्से। कौटिल्य ने राज्य के सभी अंगो की तुलना शरीर के अंगो से की है। जिस तरह मानव शरीर का अपना महत्व है, जो शरीर को उपयोगी और काम के योग्य बनाता है। इसी तरह कौटिल्य ने राज्य के सात अंगो के महत्व का वर्णन किया है जी किसी राज्य को चलाने या उसकी रक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। सात अंग इस तरह है।

  1. राजा यानी स्वामी
  2. अमात्य यानी मंत्री
  3. जनपद
  4. दुर्ग यानी किला
  5. कोष
  6. दंड या सेना
  7. मित्र
89. अशोक का समकालीन तुरमय कहाँ का राजा था?

व्याख्या: अशोक का समकालीन तुरमय मिस्र का शासक था। इसके अतिरिक्त अशोक के 13 वें अभिलेख में समकालीन विदेशी शासकों में सिरिन के अलिकसुंदर, सीरिया का अंतीयोक, एपिरस के शासक मग एवं मेसोडोनिया के शासक अन्तिकिनी का उल्लेख मिलता है।

90. किसके शासनकाल में डायमेक्स/डीमेकस भारत आया था?

व्याख्या: डायमेकस, सीरिया नरेश अन्तियोकस का राजदूत था। वह बिन्दुसार के शासन काल में भारत आया था।


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