मौर्य काल या मौर्य सम्राज्य से ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या | Maurya Empire GK Quiz (Set-5)

मौर्य काल या मौर्य सम्राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित। -Maurya Empire Gk Quiz (set-5).

मौर्य सम्राज्य

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 5)

61. किसने पाटलिपुत्र को 'पोलिब्रोथा' कहा?

व्याख्या: मेगास्थनीज ने पाटलिपुत्र को 'पोलिब्रोथा' कहा। मेगस्थनीज यूनान का एक राजदूत था जो चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में आया था। यूनानी सामंत सिल्यूकस भारत में फिर राज्यविस्तार की इच्छा से 305 ई. पू. भारत पर आक्रमण किया था किंतु उसे संधि करने पर विवश होना पड़ा था। संधि के अनुसार मेगस्थनीज नाम का राजदूत चंद्रगुप्त के दरबार में आया था।

62. मौर्य काल में 'एग्रनोमाई' किसे कहा जाता था?

व्याख्या: यूनानी लेखक स्त्रावो के अनुसार, चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में अग्रोनोमोई नामक अधिकारी नदियों की देखभाल, भूमि की नापजोख, जलाशयों का निरीक्षण और नहरों की देखभाल करते थे, ताकि सभी लोगों को पानी ठीक से मिल सके।

सार्वजनिक सड़कों का निर्माण और दस-दस स्टेडिया की दूरी पर स्तम्भ लगाने के काम का निरीक्षण भी यही अधिकारी करता था।

यह अधिकारी शिकारियों पर भी नियंत्रण रखता था और उसको लोगों को पुरस्कृत और दंड देने का अधिकार था।

वह कर वसूलता था और भूमि के स्वामित्व सम्बन्धी मामलों का भी निरीक्षण करता था।

इसकी पहचान कौटिल्य अर्थशास्त्र में वर्णित 'अध्यक्ष' और अशोक के शिलालेख में वर्णित 'राजुक' से की जाती है।

63. मौर्य काल में गुप्तचरों का क्या कहा जाता था?

व्याख्या: गूढ़पुरुष मौर्य कालीन शासन व्यवस्था में गुप्तचरों को कहा जाता था। मौर्य शासन प्रबन्ध में गूढ़पुरुषों काफ़ी महत्त्वपूर्ण स्थान था।

64. किस श्रीलंकाई शासक ने अपने आपको मौर्य सम्राट अशोक के आदर्शों के अनुरूप ढालने की कोशिश की?

व्याख्या: तिस्स (तिष्य) लगभग 250 ई. पू. से 211 ई. पू. तक 'सिंहलद्वीप' (श्रीलंका) का राजा था।
सम्राट अशोक के पुत्र राजकुमार महेन्द्र और राजकुमारी संघमित्रा तिस्स के आमंत्रण पर ही श्रीलंका गए थे।
इन दोनों ने श्रीलंका में बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया था।
तिस्स अपने नाम के साथ 'देवनांप्रिय' (देवताओं का प्रिय) जोड़ता था।
क्योंकि सम्राट अशोक भी अपने नाम के साथ देवनांप्रिय जोड़ता थे, इसी कारण से तिस्स ने भी इस नाम को धारण किया था।
तिस्स और मौर्य सम्राट अशोक में अत्यन्त सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध थे, तथा श्रीलंका में बौद्ध धर्म के प्रसार में उसने बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान किया।
तिस्स ने 'अनुराधपुर' की नींव डाली थी, जहाँ बोधगया से ले जाकर पवित्र बोधिवृक्ष आरोपित किया गया। यह बोधिवृक्ष आज भी विद्यमान है।

65. किस जैन ग्रंथ में चन्द्रगुप्त मौर्य के जैन धर्म अपनाने का उल्लेख मिलता है?

व्याख्या: प्राचीन भारतीय इतिहास का ज्ञान प्राप्त करने के लिए जैन ग्रन्थ भी उपयोगी हैं। ये प्रधानतः धार्मिक हैं। इन ग्रन्थों में ‘परिशिष्ट पर्वत’ विशेष महत्वपूर्ण हैं। ‘भद्रबाहु चरित्र’ दूसरा प्रसिद्ध जैन ग्रन्थ है जिसमें जैनाचार्य भद्रबाहु के साथ-साथ चन्द्रगुप्त मौर्य के संबंध में भी उल्लेख मिलता है।

66. किस महीने से मौर्यों का राजकोषीय वर्ष (fiscal year) आरंभ होता था? उनमें शामिल हैं

व्याख्या: मौर्यकालीन वित्तीय वर्ष आषाढ़ (जुलाई) में शुरू होता था। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का चौथा महीना, जो ईस्वी कलेंडर के जून या जुलाई माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है क्यों कि इस समय भारत में काफ़ी वर्षा होती है।

67. निम्नलिखित में किन किन दक्षिण भारतीय जातियों का उल्लेख अशोक के शिलालेख में किया गया है?
  1. चोल
  2. पल्लव
  3. पाण्ड्य
  4. सतियपुत्र
  5. केरलपुत्र
  6. विष्णुकुंड
68. अशोक के बारे में जानने के लिए महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं

व्याख्या: अशोक का इतिहास हमें मुख्यत: उनके अभिलेखों से ही ज्ञात होता है। उसके अभी तक 40 से भी अधिक अभिलेख प्राप्त हो चुके हैं। सर्वप्रथम मास्की अभिलेख में अशोक का नाम मिलता है। यह अभिलेख आंध्रप्रदेश राज्य के रायचूर जिले में स्थित है। गुर्जरा लेख में भी इसका नाम अशोक मिलता है। कालसी शिलालेख उतरांचल राज्य के देहरादून में स्थित है। यह शिलालेख ब्राह्मी लिपि में है। इसकी खोज 1837 में हुई थी।

69. अशोक के काल में कौन-सी लिपि दक्षिण भारत में प्रवर्तित हुई थी?

व्याख्या: अशोक के समस्त शिलालेख, लघुशिला स्तम्भ लेख एवं लघु लेख ब्राह्मी लिपि में उत्कीर्ण हैं। अशोक का इतिहास भी हमें इन अभिलेखों से प्राप्त होता है।

70. अशोक का अभिलेख भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर भी पाया गया है निम्नलिखित में किस देश में यह पाया गया है?

व्याख्या: अशोक के अभिलेखों में शाहनाज गढ़ी एवं मान सेहरा (पाकिस्तान) के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में उत्कीर्ण हैं। तक्षशिला एवं लघमान (काबुल) के समीप अफगानिस्तान अभिलेख आरमाइक एवं ग्रीक में उत्कीर्ण हैं। इसके अतिरिक्‍त अशोक के समस्त शिलालेख लघुशिला स्तम्भ लेख एवं लघु लेख ब्राह्मी लिपि में उत्कीर्ण हैं।

71. अत्यन्त पॉलिश किये गये एकाश्म अशोक स्तम्भ जिस पाण्डुरंजित बालुकाश्म के एकल टुकड़ों में तक्षित किये गये, उसे साधारणतः कहाँ की खदानों से निकाला गया?

व्याख्या: चुनर स्तंभ चुनार के बलुवा पत्थर से बनाए गए हैं जिससे स्पष्ट है कि चुनार सम्राट अशोक के काल में स्तंभ निर्माण का महत्वपूर्ण केंद्र रहा होगा। यह स्तंभ दो भागों में बंटे हैं पहले भाग में संदेश लिखा होता था और ऊपर के भाग में सिंह, बृषभ, गज और अश्व की मूर्तियां स्थापित होती रही हैं। साथ ही इनके ऊपर विशेष चमकदार पॉलिश की जाती रही है। जिससे यह स्तम्भ आज तक खराब नहीं हुए हैं। इनमें से कुछ स्तम्भ सारनाथ एवं प्रयागराज संग्रहालय में रखे गए हैं। इनका उल्लेख चीनी यात्री फाहियान ने भी किया है। ये स्तंभ 5 से 70 टन वजन के तथा 50 फीट ऊंचे होते थे।

72. 'भारतीय लिखने की कला नहीं जानते' यह किसकी उक्ति है?

व्याख्या: मेगस्थनीज चौथी शताब्दी ई. पू. में भारत आया था। मेगस्थनीज ने ही कहा था कि भारतीय लिखने की कला नहीं जानते।

73. किस मौर्य सम्राट् ने एक विदेशी राजा-सीरिया के एण्टियोकस 1-से अंजीर, शराब और दार्शनिक को भारत भेजने का आग्रह किया था?

व्याख्या: एण्टियोकस प्रथम सेल्युकस निकेटर का पुत्र और सीरिया का राजा था।

भारत में जब द्वितीय मौर्य सम्राट बिन्दुसार राज्य करता था, उसके समय में एण्टियोकस प्रथम सीरिया में राज्य करता था।

बिन्दुसार ने एण्टियोकस प्रथम को अपने लिए मीठी शराब, सूखे अंजीर और एक यवन दार्शनिक ख़रीदकर भेजने के लिए कहा था।

74. अशोक द्वारा कलिंग पर चढ़ाई की जानकारी के लिए कौन सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत है?

व्याख्या: अशोक के तेरहवें अभिलेख के अनुसार उसने अपने राज्याभिषेक के आठ वर्ष बाद कलिंग युद्ध लड़ा। कलिंग विजय उसकी आखिरी विजय थी। यह युद्ध 262-261 ईपू मे लड़ा गया।

75. बिन्दुसार की मृत्यु के समय अशोक एक प्रांत का गवर्नर था। इस प्रांत की पहचान करें

व्याख्या: बिन्दुसार की मृत्यु के समय अशोक उज्जैन प्रांत का गवर्नर था। बिन्दुसार की मृत्यु के पश्चात अशोक शासक बना। अशोक का शासनकाल भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है।


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