बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित। Buddhism Gk Quiz (Set-3)

बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन व्याख्या सहित। - Buddhism Gk Quiz (set-3).

बौद्ध धर्म

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 3)

31. निम्नलिखित में कौन सी बात बौद्धधर्म तथा जैनधर्म में समान नहीं है?

व्याख्या: जैन तथा बौद्ध धर्म में कुछ समानता थी, जैसे दोनों धर्मों में यज्ञीय कर्मकाण्डों, जाति-पाति तथा छुआछुत का विरोध किया गया है। दोनों ही ईश्वर की सत्ता को स्वीकार नहीं करते। परन्तु इनमे कुछ असमानताएं भी थी। जैसे अहिंसा में दोनों धर्म विश्वास करते थे पर जैन धर्म इस पर अधिक बल देता था। जैन धर्म में मोक्ष शरीर त्यागने के बाद ही संभव था पर बौद्ध धर्म में निर्वाण के लिए शरीर त्यागने की आवश्यकता नहीं थी। दोनों धर्मों में महत्वपूर्ण अन्तर आत्मा के विचार को लेकर था। बौद्ध धर्म अनात्मवादी है पर पुनर्जन्म में विश्वास करता है। जैन धर्म आत्मा में विश्वास करता था। मूर्तिपूजा का प्रचलन दोनों धर्मों में था, पर जैन महावीर की नग्न मूर्ति की पूजा करते थे।

32. निम्नलिखित में से किस नगर में प्रथम बौद्ध संगीति / सभा आयोजित की गई थी?

व्याख्या: प्रथम बौद्ध संगीति' का आयोजन 483 ई.पू. में राजगृह (आधुनिक राजगिरि), बिहार की 'सप्तपर्णि गुफ़ा' में किया गया था। गौतम बुद्ध के निर्वाण के बाद ही इस संगीति का आयोजन हुआ था।

33. बुद्ध के जीवन की चार महत्वपूर्ण घटनाओं और उनसे संबद्ध चार स्थानों का नीचे उल्लेख है। यह दो स्तंभों (I एवं II) में अंकित है। आपको इनका सुमेल करना है:
स्तम्भ-I (घटना)
  1. जन्म
  2. ज्ञान प्राप्ति
  3. प्रथम प्रवचन
  4. निधन
स्तम्भ-II (स्थान)
  1. सारनाथ
  2. बोधगया
  3. लुम्बिनी
  4. कुशीनगर
सही मेल है -

व्याख्या: बौद्ध धर्म के प्रवर्तक बुद्ध या सिद्धार्थ का जन्म कपिलवस्तु के लुम्बिनी नामक ग्राम में शाक्य क्षत्रिय कुल में 563 ई. पू. में हुआ था। इन्होंने सासारिक समस्याओं से व्यथित होकर 29 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग दिया। इस त्याग को बौद्ध ग्रन्थों में महाभिनिक्रमण कहा गया। गृहत्याग के उपरांत सर्वप्रथम वे वैशाली के वैशाली के नजदीक अलार कलाम के आश्रम में आये और यहां से उरूवेला (बोध गया) के लिए प्रस्थान किया। बुद्ध के जीवन की घटनाओं का क्रम क्रमशः है- जन्म-लुम्बिनी, ज्ञान प्राप्ति-बोधगया, प्रथम-सारनाथ (मृग दाब या ऋषिपत्तन), मृत्यु-कुशीनगर।

34. कथन (A): कुशीनगर मल्ल गणराज्य की राजधानी थी।
कथन (R) : महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण कुशीनगर में हुआ था।

व्याख्या: कुशीनगर मल्ल गणराज्य की राजधानी थी। भगवान बुद्ध (गौतम बुद्ध) का निधन 483 ई. पू. में 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में हुई थी। उनका निधन महापरिनिर्वाण कहलाता है। अत: A तथा R दोनों सही है , परन्तु R, A की सही व्याख्या नहीं है।

35. निम्नांकित कथनों का विचार करें एवं ‘चैत्य' व 'विहार' में क्या अंतर है इसे चुनें -

व्याख्या: 'चैत्य' पूजा स्थल होता है जबकि 'विहार' निवास स्थान है। चैत्य पूजा-भवन थे, इसलिए उनमें स्तूप का होना आवश्यक था। विहार बौद्ध भिक्षुओं के आवास के लिए बनाए जाते थे इसलिए उनमें स्तूप का होना आवश्यक नहीं था। निर्माण शैली की दृष्टि से विहार चैत्यगृह से भिन्न होते थे।

36. बुद्ध की मृत्यु के बाद प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता किसने की?

व्याख्या: महाकाश्यप बुद्ध के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। भगवान बुद्ध की मृत्यु के बाद बौद्ध संघ की प्रथम बौद्ध संगीति के लिए सभापति के रूप में महाकाश्यप को चुना गया था। उन्हे बौद्ध धर्म के झेन समुदाय का पहला प्रधान भी माना जाता है। वे बुद्ध के एकमात्र ऐसे शिष्य थे जिनके साथ भगवान बुद्ध ने वस्त्रों का आदान-प्रदान किया था।

37. निम्नलिखित में से बुद्ध के जीवन काल में ही संघ प्रमुख होना चाहता था।

व्याख्या: देवदत्त, सुपब्बुध (सुप्रबुद्ध) के पुत्र था और भगवां बुद्ध के समकालीन था। वह बुद्ध से दीक्षित होकर बौद्ध संघ में शामिल हो गये था। प्रारंभ में बौद्धधरम के प्रति उसकी बड़ी आस्था थी और अल्प अवधि में ही उसकी गणना बुद्ध के प्रमुख 'एकादश शिष्यों' में होने लगी। किंतु कालांतर में वह बुद्ध के प्रतिद्वंद्वी हो गया और उसने अजातशत्रु से मिलकर बुद्ध के प्राणघात के लिए कई षड्यंत्र किए।

38. बौद्ध धर्म के विषय में कौन-से कथन सही हैं?
  1. उसने वर्ण एवं जाति को अस्वीकार नहीं किया
  2. उसने ब्राह्मण वर्ग की सर्वोच्च सामाजिक कोटि को चुनौती दी
  3. उसने कुछेक शिल्पों को हीन/निम्न माना

व्याख्या: गौतम बुद्ध ने मध्यम मार्ग का उपदेश दिया। वे मोक्ष के लिए कठोर साधना एवं कायाक्लेश में विश्वास नहीं करते थे।
बौद्ध धर्म आत्मा के अस्तित्व में विशवास नहीं करता था।
बौद्ध धर्म के अनुसार निर्वाण इस जीवन में भी प्राप्त हो सकता है।
गौतम बुद्ध ने जाति-पाति जैसी सामाजिक कुरीतियों, का प्रबल विरोध किया, और ब्राह्मणों की सर्वोच्चता को मानने से इन्कार किया।

39. निम्नलिखित चार स्थानों में हुई बौद्ध संगीतियों का सही कालक्रम नीचे दिये। कूट से ज्ञात करें-
  1. वैशाली
  2. राजगृह
  3. कुण्डलवन
  4. पाटलिपुत्र

व्याख्या: चारों स्थानों पर हुई बौद्ध संगीतियों का सही कालक्रम निम्न है -

  1. प्रथम बौद्ध संगीति
    • स्थान- राजगृह अथवा राजगीर
    • शासनकाल- अजातशत्रु
    • अध्यक्ष- महाकस्सप
  2. द्वितीय बौद्ध संगीति
    • स्थान- वैशाली
    • शासनकाल- कालाशोक
    • अध्यक्ष- सर्वकामी (सुबुकामी)
  3. तृतीय बौद्ध संगीति
    • स्थान- पाटलिपुत्र
    • शासनकाल- अशोक
    • अध्यक्ष- मोग्गलिपुत्त तिस्स
  4. चतुर्थ बौद्ध संगीति
    • स्थान- कुण्डलवन
    • शासनकाल- कनिष्क
    • अध्यक्ष- वसुमित्र
40. बौद्ध शिक्षा का केन्द्र था

व्याख्या: विक्रमशिला भारत का एक प्रसिद्ध शिक्षा-केन्द्र (विश्वविद्यालय) था। नालन्दा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला दोनों पाल राजवंश के राज्यकाल में शिक्षा के लिए जगत्प्रसिद्ध थे। वर्तमान समय में बिहार के भागलपुर जिले का अन्तिचक गाँव वहीं है जहाँ विक्रमशिला थी। इसकी स्थापना 8वीं शताब्दी में पाल राजा धर्मपाल ने की थी।

41. भारत में सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप कहाँ स्थित है?

व्याख्या: सांची का महान मुख्य स्तूप, मूलतः सम्राट अशोक महान ने तीसरी शती, ई. पू. में बनवाया था। इसके केन्द्र में एक अर्धगोलाकार ईंट निर्मित ढांचा था, जिसमें भगवान बुद्ध के कुछ अवशेष रखे थे।

42. भारत में सबसे प्राचीन विहार है

व्याख्या: भारत में सबसे प्राचीन विहार 'नालंदा है। नालंदा विश्वविद्यालय इस बौद्ध विहार का और अधिक विस्तार करके बनाया था।

43. निम्नलिखित में से कौन-सा एक अन्य तीनों के समकालिक नहीं था ?

व्याख्या: हर्यक वंशीय शासक बिम्बिसार ने 544 ई. पू. से 492 ई. पू. तक मगध पर शासन किया था। मत्स्य पुराण में उसका नाम क्षेत्रोजस दिया गया है। जैन साहित्य में उसे श्रेणिक कहा गया है। बिम्बिसार और अजातशत्रु, कोशल नरेश प्रसेनजित तथा वत्सराज उदयन महत्मा बुद्ध के समकालीन थे। इन्होने बौद्ध धर्म को राज्याश्रय प्रदान किया था तथा उनकी शिष्यता ग्रहण की थी। मिलिंद इनका समकालीन नहीं था, नागसेन द्वारा रचित मिलिन्दपन्हो में इसकी सूचना मिलती है।

44. प्राचीन भारत के बौद्ध मठों में, परवन नामक समारोह आयोजित किया जाता था, जो-

व्याख्या: प्राचीन भारत के बौद्ध मठों में, परवन नामक समारोह आयोजित किया जाता था, जो वर्षा ऋतु के दौरान मठों में प्रवास के समय भिक्षुओं द्वारा किये गए अपराधों की स्वीकारोक्ति का अवसर होता था।

45. कश्मीर में कनिष्क के शासनकाल में जो बौद्ध संगीति आयोजित हुई थी उसकी अध्यक्षता किसने की थी ?

व्याख्या: वसुमित्र प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक तथा लेखक था। वह कुषाण सम्राट कनिष्क का समकालीन था। इतिहास प्रसिद्ध बौद्ध संगीतियों में से चौथी संगीति का सभापतित्व वसुमित्र ने किया था।


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