पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत) से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Gk Quiz (set-6)

पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत) से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Gk Quiz (set-6).

पूर्व मध्यकालीन भारत (उत्तर भारत)

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 6)

76. हिन्दुओं में यह दृढ़ विश्वास है कि अन्य कोई देश उनके देश जैसा श्रेष्ठ नहीं है, कोई राजा उसके राजा के समान नहीं है, उनके शास्त्रों के समान कोई शास्त्र नहीं है - यह उक्ति किसकी है?

व्याख्या: प्रस्तुत उक्ति अलबेरुनी की है।अलबरूनी का पूरा नाम अबु रेहान मुहम्मद बिन अहमद अल – बदरूनी था। अलबरूनी का जन्म 973 ई. में ख्वारिज्म में हुआ था।यह एक फारसी विद्वान लेखक, वैज्ञानिक, धर्मज्ञ था। अलबरूनी महमूद गजनवी के साथ भारत आया था। इसे भारतीय इतिहास का पहला जानकार कहा जाता है। अलबरूनी ने 1030 ई. में किताब-उल- हिंन्द (भारत के दिन) नामक किताब की रचना की थी।

77. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए:
सूची-I (मन्दिर)
  1. लिंगराज मन्दिर भुवनेश्वर
  2. जगन्नाथ मन्दिर ,पूरी
  3. सूर्य मन्दिर, कोणार्क
सूची-II (निर्माता)
  1. केसरी नरेश
  2. अनंत वर्मा चोड्गंग (पूर्वी गंग नरेश)
  3. नरसिंह देव (पूर्वी गंग नरेश)
78. गुर्जर प्रतिहार के उज्जयिनी शाखा का संस्थापक कौन था?

व्याख्या: गुर्जर प्रतिहार के उज्जयिनी शाखा का संस्थापक नागभट्ट प्रथम थे। नागभट्ट प्रथम गुर्जर प्रतिहार राजवंश का दूसरा राजा था। इसने 'हरिश्चन्द्र' के बाद सता संभाली। पुष्यभूति साम्राज्य के हर्षवर्धन के बाद पश्चिमी भारत पर उसका शासन था। उसकी राजधानी कन्नौज थी। कुचामन किले का निर्माण नागभट्ट प्रतिहार ने करवाया था।

79. खजुराहो के मंदिरों का संबंध है

व्याख्या: खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रान्त में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। 'खजुराहो के मंदिर का संबंध हिन्दू तथा जैन धर्म से है।

80. जैन वास्तुकला का प्राचीनतम उदाहरण मिलता है

व्याख्या: दिलवाड़ा मंदिर पाँच मंदिरों का एक समूह है। ये राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू नगर में स्थित हैं। इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैं। दिलवाड़ा के मंदिरों में 'विमल वासाही मंदिर' प्रथम र्तीथकर को समर्पित सर्वाधिक प्राचीन है जो 1031 ई. में बना था।

81. ओदंतपुरी विश्वविद्यालय (बिहारशरीफ नालंदा जिला का मुख्यालय, बिहार) का संस्थापक था

व्याख्या: ओदन्तपुरी विश्‍वविद्यालय भी नालंदा और विक्रमशिला विश्‍वविद्यालय की तरह विख्‍यात था। इसकी स्‍थापना प्रथम पाल नरेश गोपाल ने सातवीं शताब्‍दी में की थी।अरब के लेखकों ने इसकी चर्चा 'अदबंद' के नाम से की है, वहीं 'लामा तारानाथ' ने इस 'उदंतपुरी महाविहार' को 'ओडयंतपुरी महाविद्यालय' कहा है। ऐसा कहा जाता है कि नालंदा विश्‍वविद्यालय जब अपने पतन की ओर अग्रसर हो रहा था, उसी समय इस विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना की गई थी।

82. मोढेरा का सूर्य मंदिर किस राज्य में स्थित है?

व्याख्या: मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के पाटन नामक स्थान से 30 किलोमीटर दक्षिण की ओर “मोढेरा” नामक गाँव में प्रतीष्ठित है। यह सूर्य मन्दिर भारतवर्ष में विलक्षण स्थापत्य एवम् शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है। सन् 1026 ई. में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा इस मन्दिर का निर्माण किया गया था। वर्तमान समय में इस मन्दिर में पूजा करना निषेध है।

83. कल्हण कृत राजतरंगिन्णी में कुल कितने तरंग है

व्याख्या: राजतरंगिणी कल्हण द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रन्थ है। जिसकी रचना 1148 से 1150 के बीच हुई। कश्मीर के इतिहास पर आधारित इस ग्रंथ की रचना में कल्हण ने ग्यारह अन्य ग्रंथों का सहयोग लिया है।
कल्हण की राजतरंगिणी में कुल आठ तरंग एवं लगभग 8000 श्लोक हैं। पहले के तीन तरंगों में कश्मीर के प्राचीन इतिहास की जानकारी मिलती है।

84. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए:
सूची-I (मन्दिर)
  1. चतुर्भुज/विष्णु मन्दिर ,खजुराहो
  2. कंदरिया महादेव मन्दिर ,खजुराहो
  3. विमलवसही मन्दिर , आबू/दिलवाडा
  4. लुनवसनी/ देवरानी-जेठानी मन्दिर, आबू/दिलवाडा
  1. सूची-II (निर्माता)
  2. यशोवर्मा
  3. धंग
  4. विमल शाह वैश्य
  5. तेजपाल व वस्तुपाल
85. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए:
सूची-I
  1. मच्छेन्द्रनाथ का मन्दिर
  2. 64 योगिनी का मन्दिर
  3. सूर्य मन्दिर
  4. चौमुख मन्दिर
सूची-II
  1. अमरकंटक
  2. भेडाघाट/जबलपुर
  3. मोढेरा
  4. पालिताना
86. किस विदेशी यात्री ने गुर्जर-प्रतिहार वंश की 'अल-गुजर' एवं इस वंश के शासकों को 'बैरा' कहकर पुकारा?

व्याख्या: अलमसूदी अरब का एक विद्वान् और प्रमुख भूगोलवेत्ता था। 915-916 ई. में वह भारत की यात्रा करने वाला बग़दाद का विदेशी यात्री था। वह सम्भवत: गुर्जर प्रतिहार वंश के शासक महिपाल (910-940 ई.) के शासन काल के दौरान ही अलमसूदी गुजरात आया था। उसने गुर्जर प्रतिहारों को 'अलगुर्जर' एवं राजा को 'बौरा' कहा था। अपनी भारत यात्रा के समय अलमसूदी राष्ट्रकूट एवं प्रतिहार शासकों के विषय में जानकारी देता है।


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