मौर्योत्तर काल से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या | Mauryottar Period Gk Quiz (Set-2)

मौर्योत्तर काल से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या | Mauryottar Period Gk Quiz (set-2).

मौर्योत्तर काल

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 2)

16. निम्नलिखित में से कनिष्क के समकालीन कौन थे?

व्याख्या: कनिष्क की राजसभा को प्रसिद्ध विद्वान विभूषित करते थे। पार्श्व, वसुमित्र और अश्वघोष बौद्ध दार्शनिक थे। नागार्जुन और चरक उसकी राजसभा के रत्न थे। कनिष्क के द्वारा कुण्डलवन (कश्मीर) में आयोजित चतुर्थ बौद्ध संगीति के अध्यक्ष वसुमित्र और उपाध्यक्ष अश्वघोष थे।

17. किस वंश के शासकों ने ब्राह्मणों एवं बौद्ध भिक्षुओं को करमुक्त भूमि या गांव (भूमि अनुदान) देने की प्रथा आरंभ की?

व्याख्या: सातवाहन वंश आंध्र प्रदेश का वंश था जिन्होंने ब्राह्मणों को अनुदान में भूमि दी। सातवाहन वंश के राजा खुद भी ब्राह्मण जाति से थे।

18. भारतीय रंगमंच में यवनिका (पर्दा) का शुभारंभ किसने किया?

व्याख्या: भारतीय रंगमंच में यवनिका (पर्दा) का शुभारंभ यूनानियों ने किया।

19. भारतीयों के महान् रेशम मार्ग (Silk route) किसने आरंभ कराया?

व्याख्या: रेशम मार्ग प्राचीनकाल और मध्यकाल में ऐतिहासिक व्यापारिक-सांस्कृतिक मार्गों का एक समूह था जिसके माध्यम से एशिया, यूरोप और अफ्रीका जुड़े हुए थे। इसका सबसे जाना-माना हिस्सा उत्तरी रेशम मार्ग है जो चीन से होकर पश्चिम की ओर पहले मध्य एशिया में और फिर यूरोप में जाता था और जिस से निकलती एक शाखा भारत की ओर जाती थी। हालांकि 'रेशम मार्ग' के नाम से लगता है कि यह एक ही रास्ता था वास्तव में बहुत कम लोग इसके पूरे विस्तार पर यात्रा करते थे। अधिकतर व्यापारी इसके हिस्सों में एक शहर से दूसरे शहर सामान पहुँचाकर अन्य व्यापारियों को बेच देते थे और इस तरह सामान हाथ बदल-बदलकर हजारों मील दूर तक चला जाता था। शुरू में रेशम मार्ग पर व्यापारी अधिकतर भारतीय और बैक्ट्रियाई थे, फिर सोग़दाई हुए और मध्यकाल में ईरानी और अरब ज़्यादा थे।

20. निम्नलिखित में से किसने बड़े पैमाने पर स्वर्ण मुद्राएँ (सोने की मुहर) चलाई थी?

व्याख्या: शुद्ध सोने के सिक्के सबसे पहले कुषाण शासक कनिष्क द्वारा चलाये गए।

21. चरक और नागार्जुन किसके दरबार की शोभा थे?

व्याख्या: चरक और नागार्जुन कनिष्क के दरबार की शोभा थे।

22. शक संवत् का प्रारंभ किस सम्राट् के शासनकाल में 78 ई० से हुआ था?

व्याख्या: शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो 78 ईसवी से आरम्भ होता है। शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है। शक संवत्‌ के विषय में बुदुआ का मत है कि इसे उज्जयिनी के क्षत्रप चेष्टन ने प्रचलित किया। शक राज्यों को चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने समाप्त कर दिया पर उनका स्मारक शक संवत्‌ अभी तक भारतवर्ष में चल रहा है।

23. तक्षशिला विश्वविद्यालय स्थित था

व्याख्या: तक्षशिला विश्वविद्यालय वर्तमान पाकिस्तान के रावलपिडी से 18 मील उत्तर की ओर स्थित था। जिस नगर में यह विश्वविद्यालय था उसके बारे में कहा जाता है कि श्री राम के भाई भरत के पुत्र तक्ष ने उस नगर की स्थापना की थी।

24. प्राचीन काल में कलिंग का महान शासक कौन था?

व्याख्या: मौर्योत्तर काल में कलिंग के उदयगिरि के हाथीगुम्फा से खारवेल का एक लम्बा अभिलेख प्राप्त हुआ है जो दुर्दशाग्रस्त है। उस अभिलेख से हमें खारवेल का जीवन परिचय मिलता है। वह जैन मतावलंबी था, हालांकि सैन्य अभियानों में संलग्र रहता था। कहते हैं कि उसने पश्चिमी दक्कन के राजा को परास्त किया था, उत्तर में राजगृह को अपने कब्जे में कर लिया था और मगध को पराजित किया था। गिरनार स्भं लेख रुद्रदामन का है जबकि गुप्त शासक स्कन्दगुप्त का जूनागढ़ स्भं लेख है और सारनाथ लेख अशोक और कुमार गुप्त से सम्बन्धित हैं।

25. कुषाण काल में सबसे अधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ था?

व्याख्या: कुषाण कला कुषाण वंश के काल में लगभग पहली शताब्दी के अंत से तीसरी शताब्दी तक उस क्षेत्र में सृजित कला का नाम है, जो अब मध्य एशिया, उत्तरी भारत, पाकिस्तान और अफ़्गानिस्तान के कुछ भागों को समाहित करता है।

26. सातवाहनों ने आरंभिक दिनों में अपना शासन कहाँ शुरु किया?

व्याख्या: सातवाहन प्राचीन भारत का एक राजवंश था। इसने ईसापूर्व 230 से लेकर दूसरी सदी (ईसा के बाद) तक केन्द्रीय दक्षिण भारत पर राज किया। सिमुक (235 ई0पू0 - 212 ई0पू0) सातवाहन वंश का संस्थापक था तथा उसने 235 ई0पू0 से लेकर 212ई0पू0 तक लगभग 23 वर्षों तक शासन किया। सातवाहनो का केन्द्र बिन्दु महाराष्ट्र में प्रतिष्ठान नामक स्थान था। इस राज्य को आंध्र सातवाहन राज्य भी कहा जाता है।

27. सातवाहन राज्य की राजधानी कहाँ थी?

व्याख्या: प्रतिस्ठान महाराष्ट्र मे गोदावरी नदी के किनारे बसा प्राचीन नगर था यह व्यावसायिक गाति विधियो का केन्द्र था सात वाहनो ने इसे अपनी राजधानी बनाया अभिलेखो मे इसे पैठन कहा गया है

28. निम्नलिखित में से कौन-सा अभिलेख कलिंग नरेश खारवेल से संबंधित है?

व्याख्या: खारवेल कलिंग के तीसरे राजवंश चेदिवंश का शासक था। खारवेल को ऐरा, महामेघवाहन एवं कलिंगाधिपति भी कहा गया है। इतिहासकार के.पी. जायसवाल ने मेघवंश राजाओं को चेदिवंश का माना है। उनके अनुसार ये लोग उड़ीसा तथा कलिंग के उन्हीं चेदियों के वंशज थे जो खारवेल के वंश थे और अपने साम्राज्यकाल में ‘महामेघ’ कहलाते थे।

29. किस सातवाहन नरेश ने 'गाथासप्तशती' नामक महत्त्वपूर्ण कृति की रचना की ?

व्याख्या: गाहा सत्तसई (संस्कृत: गाथासप्तशती) प्राकृत भाषा में गीतिसाहित्य की अनमोल निधि है। इसमें प्रयुक्त छन्द का नाम 'गाथा' छन्द है। इसमें 700 गाथाएँ हैं। इसके रचयिता हाल या शालिवाहन हैं। इस काव्य में सामान्य लोकजीवन का ही चित्रण है। अत: यह प्रगतिवादी कविता का प्रथम उदाहरण कही जा सकती है। इसका समय बारहवीं शती मानी जाती है।

30. सातवाहन शासकों की राजकीय भाषा थी

व्याख्या: सातवाहन वंश की राजकीय भाषा प्राकृत थी।


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