वर्धन वंश से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या | Vardhan Vansh Gk Quiz (Set-2)

वर्धन वंश से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या | Vardhan Vansh Gk Quiz (set-2).

वर्धन वंश

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 2)

16. हर्ष के शासनकाल में उत्तर भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण शहर कौन-सा था?

व्याख्या: हर्षवर्धन ने एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की थी। जिसकी उत्तरी सीमाएं हिमाच्छादित पर्वतों तक दक्सिं में नर्मदा नदी तट तक, पूर्व में गंजाम तथा पश्चिम में वल्लभी तक विस्तृत थीं। उसके इस विशाल साम्राज्य की राजधानी कन्नौज थी।

17. हर्ष की जीवनी किसने लिखी?

व्याख्या: बाणभट्ट हर्ष के दरबार में एक कवि थे। उन्होंने हर्षवर्धन की जीवनी 'हर्षचरित' की रचना की जिसमें उन्होंने विस्तृत जानकारी के साथ हर्ष की शक्ति के उदय तक की प्रमुख घटनाओं का उल्लेख किया है। यह संस्कृत भाषा में लिखित थी। उन्होंने 'कादम्बरी' नामक एक नाटक भी लिखा था।

18. हर्षवर्धन अपनी धार्मिक सभा कहाँ किया करता था?

व्याख्या: हर्ष बौद्ध धर्म की महायान शाखा का समर्थक होने के साथ-साथ विष्णु एवं शिव की भी स्तुति करता था। ऐसा माना जाता है कि हर्ष प्रतिदिन 500 ब्राह्मणों एवं 1000 बौद्ध भिक्षुओं को भोजन कराता था। हर्ष ने लगभग 643ई. में कन्नौज तथा प्रयाग में दो विशाल धार्मिक सभाओं का आयोजन किया था। हर्ष द्वारा प्रयाग में आयोजित सभा को मोक्षपरिषद् कहा गया है।

19. हर्षवर्धन की बहन राज्यश्री का विवाह किसके साथ हुआ था?

व्याख्या: हर्षवर्धन के पिता का नाम 'प्रभाकरवर्धन' व माता का नाम यशोमती था। राजवर्धन उसका बड़ा भाई और राज्यश्री उसकी बड़ी बहन थी। उसका मौखरी के राजा ग्रहवर्मन से विवाह हुआ था।

20. गुर्जरों को किस शासक ने पराजित किया?

व्याख्या: हर्षवर्धन के पिता प्रभाकर वर्धन ने गुर्जरों के पराजित किया और इसके बाद हर्षवर्धन राजस्थान के अधिकाँश भाग पर शासन करने वाले वर्धनवंश के एकमात्र शासन बने।

प्रभाकरवर्धन थानेश्वर का राजा था, जो पुष्यभूति वंश का था और छठी शताब्दी के अंत में राज्य करता था।

प्रभाकरवर्धन की माता गुप्त वंश की राजकुमारी महासेनगुप्त नामक स्त्री थी।

अपने पड़ोसी राज्यों, मालव, उत्तर-पश्चिमी पंजाब के हूणों तथा गुर्जरों के साथ युद्ध करके प्रभाकरवर्धन ने काफ़ी प्रतिष्ठा प्राप्त की थी।

21. हर्षवर्धन के अग्रज राज्यवर्धन II की हत्या किसने की थी?

व्याख्या: शशांक ने ही राज्यवर्धन की हत्या की थी। शशांक , बंगाल का हिंदू राजा था जिसने सातवीं शताब्दी के अंतिम चरण में बंगाल पर शासन किया वह हर्ष का समकालीन था। वह बंगाल का पहला महान् राजा था। उसने गौड़ राज्य की स्थापना की। उसकी राजधानी 'कर्णसुवर्ण' थी।

22. हर्षवर्धन ने 606 ई० में हर्ष संवत् की स्थापना किस उपलक्ष्य में की थी?

व्याख्या: हर्ष संवत् का संबंध वर्धन वंश (Vardhan Dynasty)के शासन हर्षवर्धन से है। हर्ष के लेखों राज्यारोहण की तिथि 606 ईस्वी है। अत: हर्ष – संवत् का प्रारम्भ भी इसी समय में हुआ होगा। हर्ष के लेखों, समकालीन उत्तरगुप्त राजाओं तथा नेपाल के लेखों में इस संवत् का प्रयोग पाया जाता है। कालान्तर में इस संवत् का स्थान विक्रम – संवत् ने ग्रहण कर लिया।

23. कौन वर्धन वंश की राजधानी थानेश्वर से कन्नौज ले गया?

व्याख्या: गुप्त वंश के पतन के बाद जिन नए राजवंशों का उदय हुआ उनमे मौखरि, मैत्रक , पुष्यभूति, परवर्ती गुप्त और गौंड प्रमुख है इन राजवंशों में पुष्यभूति वंश के शासकों ने सबसे विशाल साम्राज्य स्थापित किया। पुष्यभूति वंश के संस्थापक पुष्यभूति थे इनकी राजधानी थानेश्वर थी। हर्ष ने शशांक को पराजित करके कन्नौज पर अधिकार कर लिया तथा उसे अपनी राजधानी बनाया।

24. कन्नौज किस प्रदेश में स्थित है?

व्याख्या: कन्नौज, भारत में उत्तर प्रदेश प्रांत के कन्नौज जिले का मुख्यालय एवं प्रमुख नगरपालिका है। शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज शब्द से बना है। कन्नौज एक प्राचीन नगरी है एवं कभी हिंदू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। पाँचवीं शताब्दी में यह गुप्त साम्राज्य का एक प्रमुख नगर था। छठी शताब्दी में श्वेत हूणों के आक्रमण से यह काफी विनिष्ट हो गया था। चीनी यात्री ह्वेन त्सांग, ने, जो हर्षवर्धन के समय भारत आया था, इस नगर का उल्लेख किया है।

25. ह्वेनसांग की भारत में यात्रा के समय सूती कपड़ों के उत्पादन के लिए सबसे प्रसिद्ध नगर था -

व्याख्या: ह्वेनसांग, हर्षवर्धन के काल (606-647 ई.) में भारत आया था, तत्कालीन समय में मथुरा सूती वस्त्र के उत्पादन का मुख्य केन्द्र था। जबकि वाराणसी रेशम के लिए प्रसिद्ध था।

26. कवि बाणभट्ट निवासी था

व्याख्या: वाणभट्ट हर्ष का दरबारी कवि था, वह थानेश्वर का निवासी था। वाणभट्ट की पुस्तक का नाम हर्षचरित है। राज्यवर्धन के पश्चात लगभग 606 ई. में हर्षवर्धन थानेश्वर के सिंहासन पर बैठा। हर्ष एक प्रतिष्ठित नाटककार एवं कवि था। इसने नागानन्द, रत्नावली एवं प्रियदर्शिका नाम के नाटकों की रचना की। इसके दरबार में बाण, मयूर, हरिदत्त एवं जयसेन जैसे प्रसिद्ध कवि एवं लेखक दरबार की शोभा बढ़ाते थे।

27. 'नागानंद' का रचनाकार कौन था?

व्याख्या: नागानन्द (नागों का आनन्द) राजा हर्षवर्धन (606 C.E. - 648 C.E.) द्वारा रचित संस्कृत नाटक है। यह संस्कृत के सर्वश्रेष्ठ नाटकों में से है। यह नाटक पाँच अंकों में है। इसमें गरुड़ देवता को खुश करने के लिये नागों की बलि देने को रोकने के लिये राजकुमार जिमुतवाहन द्वारा अपना शरीर त्याग की कहानी है।

28. सम्राट् हर्षवर्धन ने दो महान् धार्मिक सम्मेलनों का आयोजन किया था

व्याख्या: हर्ष बौद्ध धर्म की महायान शाखा का समर्थक होने के साथ-साथ विष्णु एवं शिव की भी स्तुति करता था। ऐसा माना जाता है कि हर्ष प्रतिदिन 500 ब्राह्मणों एवं 1000 बौद्ध भिक्षुओं को भोजन कराता था। हर्ष ने लगभग 643ई. में कन्नौज तथा प्रयाग में दो विशाल धार्मिक सभाओं का आयोजन किया था। हर्ष द्वारा प्रयाग में आयोजित सभा को मोक्षपरिषद् कहा गया है।

29. 'नागानंद', 'रलावली' एवं 'प्रियदर्शिका' नाटकों के नाटककार थे

व्याख्या: हर्ष एक बहुत अच्छे लेखक ही नहीं, बल्कि एक कुशल कवि और नाटककार भी थे। हर्ष की ही देख-रेख में ‘बाना’ और ‘मयूरा’ जैसे मशहूर कवियों का जन्म हुआ था। यही नहीं, हर्ष खुद भी एक बहुत ही मंजे हुए नाटककार के रूप में सामने आए। ‘नगनन्दा’, ‘रत्नावली’ और ‘प्रियदर्शिका’ उनके द्वारा लिखे गए कुछ नामचीन नाटक हैं।

30. सी-यू-की नामक यात्रा विवरण निम्नलिखित में से किससे जुड़ा है?

व्याख्या: सी-यू-की नामक यात्रा विवरण व्हेन-त्सांग से जुड़ा है। सी-यू-की में अपनी यात्रा तथा तत्कालीन भारत का विवरण दिया है। उसके वर्णनों से हर्षकालीन भारत की सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक अवस्था का परिचय मिलता है।


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