सूफी आन्दोलन से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Sufi Movement GK Quiz (set-2)

सूफी आन्दोलन से जुड़े ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एवं व्याख्या - Sufi Movement GK Quiz (set-2).

सूफी आंदोलन

समान्य ज्ञान क्विज (सेट - 2)

व्याख्या: शेख निजामुद्दीन औलिया ने सात सुल्तानों का राज्य देखा, जो कि एक के बाद एक सतासीन होते रहे, किन्तु वे कभी भी किसी के दरबार में नहीं गए। सुलतान जलालुदीन ने शेख से मिलने का बहुत प्रयास किया, यहाँ तक उसने शेख के प्रिय शिष्य अमीर खुसरो के माध्यम से भी प्रयत्न किया, किन्तु जब शेख को ज्ञात हुआ कि सुल्तान आने वाला है, तो वे अजोधन चले गए। इस प्रकार औलिया न तो सुल्तान से मिले और न ही इंकार किया। दूसरी तरफ जब अलाउद्दीन ने उनसे मिलने की आज्ञा मांगी तो शेख ने उत्तर दिया की ''मेरे मकान के दो दरवाजे हैं। यदि सुल्तान एक के द्वारा आएगा, तो मैं दूसरे के द्वारा बाहर चला जाऊंगा।'' उन्होंने अलाउद्दीन से मिलने से इंकार कर दिया था। वे महबूब-ए-इलाही के नाम से प्रसिद्ध है।

व्याख्या: नक्शबंदी पन्थ की स्थपाना 14वीं शताब्दी ख्वाजा बहाउद्दीन ने की थी। इसका प्रचार भारत में ख्वाजा बकी बिल्लाह ने किया जो काबुल से दिल्ली आये। इनका प्रमुख शिष्य अहमद फारुक सरहिंदी था जो अकबर और जहांगीर के समाकालीन था। इनका तर्क था कि मनुष्य ईश्वर का सम्बन्ध स्वामी और सेवक का होता है ना ही प्रेमी प्रेमिका का यह सिलसिला संगीत के विरुद्ध था जबकि शेष तीनों सिलसिले संगीत के विरुद्ध नहीं थे।

व्याख्या: दाराशिकोह ने एक मौलिक पुस्तक मज्म-उल-बहरीन ( दो समुद्रों का संगम ) की रचना की। जिसमें हिन्दू और इस्लाम धर्म को एक ही ईश्वर की प्राप्ति के दो मार्ग बताया गया है। दारा ने स्वयं तथा काशी के कुछ संस्कृत के पंडितों की सहायता से बावन उपनिषदों का सिर्र-ए-अकबर नाम से फारसी में अनुवाद कराया।

व्याख्या: निजामुद्दीन औलिया तथा मोईनुद्दीन चिश्ती सूफी संत थे। रहीम अकबर कालीन प्रमुख कवि थे इनके प्रमुख ग्रन्थ रहीम दोहावली या सतसई, नायिका भेद, सोरठा, सवैये हैं। जबकि रसखान कृष्णभक्त कवि माने जाते हैं। उनके काव्य में प्रमुख रूप से ब्रज-महिमा, रूप-माधुरी, राधा-कृष्ण की प्रेम लीलाओं का वर्णन है।

व्याख्या: पृथ्वीराज चौहान अथवा 'पृथ्वीराज तृतीय' (जन्म- 1149 - मृत्यु- 1192 ई.) को 'राय पिथौरा' भी कहा जाता है। वह चौहान राजवंश का प्रसिद्ध राजा था। वह तोमर वंश के राजा अनंग पाल का दौहित्र (बेटी का बेटा) था और उसके बाद दिल्ली का राजा हुआ। उसके अधिकार में दिल्ली से लेकर अजमेर तक का विस्तृत भू-भाग था। सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती इनके शासनकाल में राजस्थान आए थे।

व्याख्या: सलीम चिश्ती अजमेर के ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के पौत्र थे। उन्हीं के आशीर्वाद से अकबर को महारानी मरीयम-उज़्-ज़मानी से पुत्र प्राप्ति हुई और बाबा के नाम पर उसका नाम भी सलीम रखा गया। बाबा सलीम चिश्ती के सम्मान में ही बादशाह अकबर ने बुलंद दरवाज़ा बनवाया था।शेख़ सलीम चिश्ती फ़तेहपुर सीकरी में रहा करते थे।

व्याख्या: शेख अहमद फारुख सरहिन्दी उर्फ़ मुजाहिद 1563 में सरहिंद में जन्म हुआ।1593-94 में शेख़ अहमद भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण सूफ़ी अध्यात्मवादी 'नक़्शबंदिया' में शामिल हो गए। उन्होंने अपना जीवन अकबर और उनके उत्तराधिकारी जहाँगीर के 'सर्वेश्वरवाद' और इस्लाम की शिया शाखा के प्रति झुकाव के ख़िलाफ़ उपदेश देते हुए बिताया।

व्याख्या: शेख बहाउद्दीन जकारिया मध्यकालीन सूफियों में सबसे धनी सूफी थे। शेख बहाउद्दीन जकारिया ने सुहरावर्दिया सिलसिले से सम्बन्धित है।सुहरावर्दिया सिलसिले की स्थापना शेख़ शिहाबुद्दीन उमर सुहरावर्दी ने की थी, किन्तु 1262 ई. में इसके सुदृढ़ संचालन का श्रेय शेख़ बदरुद्दीन जकारिया को है।

व्याख्या: हजरत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी चिश्तियां सूफी परंपरा के महान संतों में से हैं। वे अजमेर के ख्वाजा मोहनुद्दीन चिश्ती के खलीफा (प्रमुख शिष्य या उत्तराधिकारी) थे। इसी परंपरा में बाबा शेख फरीद और हजरत निजामुद्दीन जैसे संत हुए जिनका भारतीय अध्यात्म और संस्कृति के विकास में असाधारण योगदान है।

व्याख्या: हमीदुद्दीन नागौरी (1192-1274 ई.) ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के शिष्य थे। इन्होंने अपने गुरु के आदेशानुसार सूफ़ी मत का प्रचार-प्रसार किया। यद्यपि इनका जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन इनका अधिकांश समय नागौर, राजस्थान में ही व्यतीत हुआ था। इन्हें'सुल्तान-ए-तारीकिन' (संन्यासियों के सुल्तान) की उपाधि मिली।

व्याख्या: बाबा फरीद (1173-1266), हजरत ख्वाजा फरीद्दुद्दीन गंजशकर भारतीय उपमहाद्वीप के पंजाब क्षेत्र के एक सूफी संत थे। यह एक उच्चकोटि के पंजाबी कवि भी थे। देहली में शिक्षा दीक्षा पूरी करने के उपरांत बाबा फरीद ने 19-20 वर्ष तक हिसार जिले के हाँसी नामक कस्बे में निवास किया। फिर खोतवाल और तदनंतर दीपालपुर से कोई 25 मील दक्षिण पश्चिम की ओर एकांत स्थान अजोधन (पाक पटन) में निवास करने लगे। अपने जीवन के अंत तक वे यहीं रहे।

व्याख्या: अमीर ख़ुसरो (1262-1324) चौदहवीं सदी के लगभग दिल्ली के निकट रहने वाले एक प्रमुख कवि, शायर, गायक और संगीतकार थे। उनका परिवार कई पीढ़ियों से राजदरबार से सम्बंधित था I स्वयं अमीर खुसरो ने 7 सुल्तानों का शासन देखा था I अमीर खुसरो प्रथम मुस्लिम कवि थे जिन्होंने हिंदी शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है I वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिन्दवी और फारसी में एक साथ लिखा I

व्याख्या: हजरत निज़ामुद्दीन 1325-1236) चिश्ती घराने के चौथे संत थे। हज़रत ख्वाज़ा निज़ामुद्दीन औलिया का जन्म 1238 में उत्तरप्रदेश के बदायूँ जिले में हुआ था। औलिया को मिली उपाधियाँ है - महबूब-ए-इलाही ,सुल्तान-उल-मसहायक, दस्तगीर-ए-दोजहां, जग उजियारे,कुतुब-ए-देहली

व्याख्या: हजरत निजामुद्दीन को दिल्ली का संरक्षक संत कहा जाता है। जब ज़ौना ख़ाँ (मुहम्मद बिन तुग़लक़) निज़ामुद्दीन औलिया का शिष्य बन गया है और वह उसे राजा होने की भविष्यवाणी कर रहा है। निज़ामुद्दीन औलिया को ग़यासुद्दीन तुग़लक़ ने धमकी दी तो, औलिया ने उत्तर दिया कि, 'हुनूज दिल्ली दूर अस्त, अर्थात दिल्ली अभी बहुत दूर है।


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