ऊष्मा ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर व्याख्या सहित | Heat GK Quiz (Set-6)

ऊष्मा (Heat) से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC के लिए महत्वपूर्ण है।

ऊष्मा समान्य ज्ञान

व्याख्या: रेफ्रिजरेटर में थर्मोस्टेट का कार्य एक समान तापमान को बनाये रखना है। रेफ्रीजरेटर में थर्मोस्टेट का किसी निकाय का तापक्रम नियंत्रित करने वाला यंत्र है। इसकी सहायता से किसी निकाय का तापक्रम वांछित स्तर पर रखा जा सकता है।

थर्मोस्टेट एक ऐसा उपकरण होता है जो आवश्यक तापमान को बनाए रखने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एक या अधिक ताप स्रोतों और ठंडे स्रोत को नियंत्रित करता है। इस फ़ंक्शन को प्राप्त करने के लिए, थर्मोस्टेट में एक संवेदनशील तत्व और कनवर्टर होना चाहिए, संवेदनशील तत्व तापमान परिवर्तन को मापता है और कनवर्टर पर वांछित प्रभाव उत्पन्न करता है। कनवर्टर एक संवेदनशील तत्व के कार्य को उस डिवाइस के लिए उचित नियंत्रण में परिवर्तित करता है जो तापमान को बदल देता है।

व्याख्या: जब पानी में नमक मिलाये जाने की स्थिति में पानी के क्वथनांक बिंदु और हिमांक बिंदु क्रमश: बढ़ेगें और घटेंगे।

व्याख्या: यह सामान्य समझ है की हमे गर्मी से राहत तभी मिलती है जब हमारा पसीना सूखता है। पसीना तभी सूखेगा जब हवा में आर्द्रता यानी नमी कम होगी। इसलिए बरसात में हवा में आर्द्रता बढ़ जाने से पसीना नहीं सूखता।

व्याख्या: कोई भी वस्तु के प्रति एकांक पृष्ठ से प्रति एकांक समय में उत्सर्जित विकिरण ऊर्जा की मात्रा, उस वस्तु की उत्सर्जन क्षमता कहलाती है। किरचौक के नियमानुसार एक अच्छा उत्सर्जक एक अच्छा अवशोषक होता है। काली तथा खुरदरी सतह वाली वस्तु सबसे अधिक अवशोषण तथा सबसे अधिक उत्सर्जन करती है।

व्याख्या: इसका उपयोग थर्मामीटर में किया जाता है क्योंकि इसमें विस्तार का गुणांक उच्च होता है । इसलिए, जब इसका उपयोग थर्मामीटर में किया जाता है तो तापमान में थोड़ा सा भी परिवर्तन उल्लेखनीय होता है। इसमें उच्च क्वथनांक भी होता है जो इसे उच्च तापमान मापने के लिए बहुत उपयुक्त बनाता है।

व्याख्या: किसी द्रव का क्वथनांक वह ताप है जिसपर द्रव के भीतर वाष्प दाब, द्रव की सतह पर आरोपित वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है। यह वायुदाब के साथ परिवर्तित होता है और वायुदाब के बढ़ने पर द्रव के क्वथन हेतु अधिक उच्च ताप की आवश्यकता होती है।

व्याख्या: किसी वस्तु का ताप बढ़ाने के लिये उसे उष्मा देनी पड़ती है, किन्तु अलग-अलग पदार्थों की समान मात्रा का ताप समान मात्रा से बढ़ाने के लिये अलग-अलग मात्रा में उष्मा की जरूरत होती है।

किसी पदार्थ की इकाई मात्रा का ताप एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिये आवश्यक उष्मा की मात्रा को उस पदार्थ का विशिष्ट उष्मा धारिता (Specific heat capacity) या केवल विशिष्ट उष्मा कहा जाता है।

इससे स्पष्ट है कि जिस पदार्थ की विशिष्ट उष्मा अधिक होगी उसे गर्म करने के लिये अधिक उष्मा की आवश्यकता होगी।

व्याख्या: खाना पकाने के बर्तनों की तली को काला कर देंने से वे अधिक ऊष्मा का अवशोषण करते हैं। ऊपरी भाग को चमकदार कर देने से बर्तन से बाहर निकलने वाली ऊष्मा परावर्तित हो जाती है। फलस्वरूप खाना जल्दी पाक जाता है।

व्याख्या: AC आर्द्रता नियंत्रित करता है परन्तु एयर कूलर सिर्फ तापक्रम नियंत्रित करता है। वातानुकूलन प्रशीतक के सिध्दांत पर कार्य करने वाला विद्युत् चालित उपकरण है जिससे तापमान, आर्द्रता व हवा की गति नियंत्रित की जाती है। एयर कूलर कमरे के ताप को नियंत्रित करता है। एयर कूलर सम्पीड़ित वायु को कमरे में प्रवाहित कर कमरे के तापमान को नियंत्रित करने का कार्य करता है। दोनों वायु की गति की दिशा को नियंत्रित करते है।

व्याख्या: पूर्ण विकिरण पायरोमीटर से अधिक उच्च तापमान का मापन किया जाता है। यह उन स्थानों पर प्रयोग होता है जहां पहुंचना एवं छूना सम्भव न हो।

व्याख्या: जल का सर्वाधिक घनत्व 4°C पर होता है। जल में असामान्य प्रसार देखने को मिलता है। जल को गर्म करने पर 0°C - 4 डिग्रीC तक उसका आयतन घटता है एवं घनत्व बढ़ता है। 1 ग्राम जल का ताप 1°C बढ़ाने के लिए 1 कैलोरी ऊष्मा की जरूरत होती है। जल की विशिष्ट ऊष्मा धारिता 1 कैलोरी/ग्राम 0°C होती है।

व्याख्या: वाष्पन या वाष्पीकरण का कारण को प्रभावित करने वाले कारक किसी पदार्थ या द्रव का क्वथनांक का मान जितना कम होता है उस पदार्थ का वाष्पन का मान उतना ही अधिक होता है। इसी प्रकार वाष्पन का मान ताप पर भी निर्भर करता है, किसी द्रव का ताप जितना अधिक बढाया जाता है उस द्रव का वाष्पन भी उतना ही अधिक बढ़ता जाता है।

व्याख्या: वायुमंडल में होने वाली समस्त मौसमी गतिविधियाँ क्षोभमंडल में ही पाई जाती है। क्षोभमंडल ध्रुवों पर 10 किमी तथा विषुवत रेखा पर 20 किमी की ऊंचाई तक पाया जाता है। इस मंडल में प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर 1°C तापमान घटता है तथा प्रत्येक किमी ऊंचाई पर तापमान में औसतन 6.5°C की कमी आती है। इसे ताप की सामान्य ह्रास दर कहा जाता है।

व्याख्या: चूँकि बुरादा ऊष्मा का कुचालक होता है। इसलिए बर्फ़ को बुरादे में पैक किया जाता है। बुरादा बर्फ़ की ऊष्मा को रोककर रखता है जिससे बर्फ़ पिघलने नहीं पाती और काफी समय तक अपने अवस्था में रहता है।


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