ऊष्मा ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर व्याख्या सहित | Heat GK Quiz (Set-2)

ऊष्मा (Heat) से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC के लिए महत्वपूर्ण है।

ऊष्मा समान्य ज्ञान

व्याख्या: परम शून्य ताप वह न्यूनतम सम्भव ताप है जिससे कम कोई ताप सम्भव नहीं है। इस ताप पर अणुओं की गति शून्य हो जाती है। परम शून्य ताप 0K या -273°C होता है।

व्याख्या:

\(C = F-32\times\frac{5}{9} = 212-32\times\frac{5}{9} = 180\times\frac{5}{9} = 100\)

व्याख्या: फारेनहाईट पैमाना में हिमांक को 32 डिग्री तथा क्वथनांक 212 डिग्री मानकर बीच के अंतर को 180 बराबर बराबर में बांटा जाता है। प्रत्येक भाग को 1 डिग्री F कहते है।

व्याख्या: सेल्सियस को फ़ारेनहाइट में बदलने के लिये उसे 1.8 से गुणित कर 32 धन (जोड़) दिया जाता है। सेल्सिय को केल्विन में बदलने के लिये 273 धन करना होता है।

व्याख्या: जल का घनत्व अधिकतम 3.98°C पर होता है। जमने पर जल का घनत्व कम हो जाता है और यह इसका आयतन 9% बढ़ जाता है। यह गुण एक असामान्य घटना को जन्म देता जिसके कारण: बर्फ जल के ऊपर तैरती है और जल में रहने वाले जीव आंशिक रूप से जमे हुए एक तालाब के अंदर रह सकते हैं क्योंकि तालाब के तल पर जल का तापमान 4°C के आसपास होता है।

व्याख्या: जब बर्फ को 0°C से 10°C तक गर्म किया जाता है तो जल का आयतन 0डिग्री सेल्सियस से लेकर 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है फिर 4 डिग्री सेल्सियस के बाद धीरे धीरे कम होने लगता है।

व्याख्या: यदि जल को 10 डिग्री से॰ से 0 डिग्री से॰ तक ठण्डा किया जाए तो जल का आयतन 4 डिग्री से॰ तक तो कम होगा फिर बढेगा।

व्याख्या: गर्मियों में लोलक की लम्बाई बढ़ जाने से दोलन का समय बढ़ जाता है। अत: ऊष्मीय प्रसार के कारण लोलक की लम्बाई बढ़ने से आवर्तकाल बढ़ जायेगा जिससे घड़ी सुस्त हो जायेगी।

व्याख्या: एक धातु की ठोस गेंद के अंदर कोटर है जब इस धातु के गंद को गर्म किया जायेगा तो कोटर का आयतन बढ़ेगा क्योंकि वस्तु को गर्म करने पर उसका आकार फ़ैल जाता है।

व्याख्या: जब किसी बोतल में पानी भरा जाता है और उसे जमने दिया जाता है तो बोतल टूट जाती है क्यूंकि जमने पर उसका (बर्फ़) आयतन बढ़ जाता है तब उसे (बर्फ़) अधिक स्थान की जरूरत पड़ती है। अत: बोतल टूट जाती है।

व्याख्या: अत्यधिक शीत ऋतू में पहाड़ो पर पानी की पाईपलाइने फट जाती है इसका मुख्य कारण पाइप में पानी जमना है, पानी के जमने पर ये फ़ैल जाता है जिससे पाइपें फट जाती है।

व्याख्या: रेल की पटरियों के जोड़ के मध्य खाली जगह छोड़ी जाती है, ताकि गर्मी के दिनों में पटरियों के फैलने के लिए जगह मिल सके। यदि इन पटरियों के मध्य रिक्त स्थान नहीं छोड़ा जाये तो गर्मी में ऊष्मा पाकर फैलने से पटरी टेढ़ी- मेढ़ी हो जायेगी।

व्याख्या: घनत्व परिवर्तन आयतन परिवर्तन के व्युत्क्रमानुपाती होता है, इसलिए घनत्व में न्यूनतम प्रतिशत वृद्धि होगी और आयतन में अधिकतम प्रतिशत वृद्धि होगी।

व्याख्या: जल का घनत्व अधिकतम 3.98°C पर होता है। जमने पर जल का घनत्व कम हो जाता है और यह इसका आयतन 9% बढ़ जाता है। यह गुण एक असामान्य घटना को जन्म देता जिसके कारण: बर्फ जल के ऊपर तैरती है और जल में रहने वाले जीव आंशिक रूप से जमे हुए एक तालाब के अंदर रह सकते हैं क्योंकि तालाब के तल पर जल का तापमान 4°C के आसपास होता है।

व्याख्या: किसी पिण्ड के अन्दर सूक्ष्म विसरण तथा कणों के टक्कर के द्वारा जो ऊष्मा का अन्तरण होता है उसे ऊष्मा चालन (Thermal conduction) कहते हैं। यहाँ 'कण' से आशय अणु, परमाणु, इलेक्ट्रान और फोटॉन से है। चालन द्वारा ऊष्मा अन्तरण ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा - सभी प्रावस्थाओं में होती है।

व्याख्या: ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमें ऊष्मा स्थानांतरण, द्रव्य कणों के सीधे गति से एक स्थान से दुसरे स्थान तक होता है संवहन कहलाता है। इस विधि में जब किसी द्रव्य जैसे गैस या द्रव को गर्म किया जाता है तो गर्म होने के बाद द्रव्य के कण स्त्रोत से दूर गति करते है और साथ में ऊष्मा ऊर्जा को ले जाते है अर्थात ऊष्मा का स्थानांतरण होता है।

व्याख्या: इस विधि में जब किसी द्रव्य जैसे गैस या द्रव को गर्म किया जाता है तो गर्म होने के बाद द्रव्य के कण स्त्रोत से दूर गति करते है और साथ में ऊष्मा ऊर्जा को ले जाते है अर्थात ऊष्मा का स्थानांतरण होता है, इस विधि को ऊष्मा का संवहन कहते है।

व्याख्या: किसी पदार्थ के अन्दर स्थित आवेशित कणों के ऊष्मीय गरि के परिणामस्वरूप जो विद्युतचुम्बकीय तरंगें उत्पन्न होतीं हैं उन्हें ऊष्मीय विकिरण (Thermal radiation) कहते हैं। प्रत्येक पदार्थ जो परम शून्य से अधिक ताप पर है, वह ऊष्मा का विकिरण करता है।

व्याख्या: ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमे ऊष्मा का स्थानान्तरण चुम्बकीय तरंगो के रूप में होता है, इस विधि में किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती और यह विधि ऊष्मा संचरण की सबसे तेज विधि है। यहाँ बिद्युत चुम्बकीय तरंगों से अभिप्राय है प्रकाश, माइक्रोवेव, रेडियो तरंगे, गामा तरंगो से है अर्थात इन सब तरंगो के कारण ऊष्मा का संचरण होता है तो उसे ऊष्मा का विकिरण विधि से संचरण कहते है।

व्याख्या: ऊष्मा संचरण की वह विधि जिसमे ऊष्मा का स्थानान्तरण चुम्बकीय तरंगो के रूप में होता है, इस विधि में किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती और यह विधि ऊष्मा संचरण की सबसे तेज विधि है। यहाँ बिद्युत चुम्बकीय तरंगों से अभिप्राय है प्रकाश, माइक्रोवेव, रेडियो तरंगे, गामा तरंगो से है अर्थात इन सब तरंगो के कारण ऊष्मा का संचरण होता है तो उसे ऊष्मा का विकिरण विधि से संचरण कहते है।


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