नाभिकीय भौतिकी ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर व्याख्या सहित | Nuclear Physics GK Quiz (Set-3)

नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics) से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC के लिए महत्वपूर्ण है।

नाभिकीय भौतिकी समान्य ज्ञान

व्याख्या: प्रोटॉन, ड्यूटेरॉन और अल्फा कणों जैसे आवेशित कणों को साइक्लोट्रॉन द्वारा त्वरित किया जा सकता है।

साइक्लोट्रॉन में एक विद्युत चुम्बक, एक निर्वात कक्ष और प्रत्यावर्ती वोल्टेज के स्रोत से जुड़े दो त्वरित इलेक्ट्रोड होते हैं। चुंबकीय क्षेत्र धनावेशित कणों को आकर्षित करता है, जिससे उनकी गति तेज हो जाती है और वे अर्धवृत्ताकार पथ में अपने प्रक्षेप पथ को मोड़ देते हैं।

व्याख्या: पेयजल में उपस्थित गामा उत्सर्जक समस्थानिक का पता लगाने के लिए प्रस्फुरण गणक (Scinillation Counter) का प्रयोग किया जाता है।

प्रस्फुरण गणक एक विशेष प्रकार यंत्र है, जिसमें स्फुरदीप्त पदार्थ (Phosphorescent), जैसे-जिंक सल्फाइड (ZnS), की पतली परत रहती है। जब इस परत पर गामा कण (गामा किरणें) टकराते हैं, तो प्रकाश की चमक पैदा होती हैं, जिससे पीने के पानी में उपस्थित गामा उत्जर्सक समस्थानिक का प्रमाण प्राप्त किया जा सकता है।

व्याख्या: विद्युत चुम्बकीय विकिरण ऊर्जा का एक प्रवाह है जिसमें विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र एक साथ बदलते हैं । रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, अवरक्त प्रकाश, दृश्य प्रकाश, पराबैंगनी प्रकाश, एक्स-रे और गामा किरणें सभी विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं।

ऊर्जा के संदर्भ में विभिन्‍न विद्युत चुंबकीय विकिरणों का क्रम निम्नवत है- रेडियो तरंग (सबसे कम) < माइक्रोवेव < अवरक्त विकिरण < दृश्य प्रकाश < पराबैगनी विकिरण < एक्स किरणें < गामा किरण (सबसे अधिक)।

व्याख्या: नाभिकीय संलयन प्रक्रिया में परमाणु के नाभिक आपस में संलयित होते हैं, यह अत्यधिक गर्म परिस्थितियों में ही होता है। अन्य तारों की तरह सूर्य भी नाभिकीय संलयन प्रक्रिया द्वारा ऊष्मा एवं प्रकाश उत्पन्न करता है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन का नाभिक संलयित होकर हीलियम का निर्माण करता है।

व्याख्या: नाभिकीय विखण्डन में एक 'भारी' नामिक न्यूट्रॉनों की बमबारी से दो अपेक्षाकृत हल्के रेडियोएक्टिव नाभिकों में टूटता है, जिनका सम्मिलित द्रव्यमान मूल नाभिक के द्रव्यमान से कम होता है, द्रव्यमान की यह क्षति ऊर्जा के रूप में मुक्त होती है। इसके विपरीत, नामिकीय संलयन में दो अथवा अधिक 'हल्के' नाभिक एक अकेले नामिक में संलयित (Fuse) हो जाते हैं, जिसका द्रव्यमान संलयित होने वाले नाभिकों के द्रव्यमानों के योग से कम होता है, द्रव्यमान की यह क्षति ऊर्जा के रूप में मुक्त होती है। सूर्य व अन्य तारों तथा हाइड्रोजन बम द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रक्रिया नाभिकीय संलयन पर आधारित है, जबकि उपर्युक्त अन्य तीनों विकल्प नाभिकीय विखण्डन से संबंधित हैं।

व्याख्या: कृत्रिम उपग्रह मानव द्वारा निर्मित ऐसे आकाशीय पिण्ड होते हैं, जो बहुउद्देश्यों के लिए पृथ्वी की सतह से ऊपर विभिन्‍न ऊंचाइयों पर स्थापित किए जाते हैं। इन उपग्रहों में विभिन्‍न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाते हैं, जिनके संचालन के लिए सौर सेलों का प्रयोग किया जाता है। ये सौर सेलें सिलिकॉन की बनी होती हैं, जो सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं।

व्याख्या: सभी रेडियोएक्टिव पदार्थों का परमाणु ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। कैडमियम रेडियोएक्टिव पदार्थ नहीं है, अतः यह परमाणु ईंधन श्रेणी में नहीं आता है। कैडमियम की छड़ परमाणु रिएक्टरों में न्यूट्रान मंदक के रूप में प्रयुक्त होती है।

व्याख्या: सभी रेडियोएक्टिव पदार्थों का परमाणु ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। दिए गए विकल्पों में क्रोमियम अणु शक्ति से संबंधित खनिज नहीं है।

व्याख्या: जर्कोनियम जिसका परमाणु क्रमांक 40 है, एक रेडियोएक्टिव तत्व नहीं है। प्राय: ऐसे तत्व जिनका परमाणु क्रमांक 80 से अधिक होता है, रेडियोएक्टिवता प्रदर्शित करते हैं। प्रश्नगत विकल्पों में एस्टेटाइन (परमाणु क्रमांक 85) एवं फ्रैंसियम (परमाणु क्रमांक 87) रेडियोएक्टिव त्तत्व हैं, जबकि ट्रिटियम (या ट्राइटियम) हाइड्रोजन का रेडियोएक्टिव समस्थानिक है।

व्याख्या: ऐसे पदार्थ जो रेडियोएक्टिव किरणों का उत्सर्जन करते हैं, रेडियोएक्टिव पदार्थ कहलाते हैं। इनसे अल्फा कण, बीटा कण तथा गामा किरण का उत्सर्जन होता है।


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