नाभिकीय भौतिकी ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर व्याख्या सहित | Nuclear Physics GK Quiz (Set-2)

नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics) से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC के लिए महत्वपूर्ण है।

नाभिकीय भौतिकी समान्य ज्ञान

व्याख्या: परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में विद्युत उत्पादन में यूरेनियम समस्थानिक U-235 का प्रयोग किया जाता है।

व्याख्या: यदि नाभिकीय रिएक्टरों में नियंत्रक छड़ों का उपयोग नहीं किया जाएगा, तो नाभिकीय प्रक्रिया जारी रहेगी तथा उससे उत्पन्न ऊर्जा की विपुल मात्रा विध्वंस का कारण बन सकती है। नाभिकीय रिएक्टरों में कैडमियम की छड़ों का नियंत्रक छड़ों के रूप में उपयोग किया जाता है।

व्याख्या: सूर्य पर ऊर्जा का निर्माण उसके अन्दर होने वाले नाभिकीय संलयन अभिक्रिया से होता है। इस अभिक्रिया में दो नाभिक मिलकर एक नए नाभिक का निर्माण करते है जिसका द्रव्यमान दोनो नाभिकों के द्रव्यमान के योग से कम होता है और ये द्रव्यमान में कमी ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

व्याख्या: अल्फ़ा किरण अल्फ़ा कणों से बनी होती है, जो धनावेशित हीलियम नाभिक होते हैं। बीटा कण ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन एवं गामा किरण अनावेशित होती है। गामा, विद्युत चुम्बकीय तरंगे होती है।

व्याख्या: नाभिकीय विखंडन की खोज सर्वप्रथम जर्मन वैज्ञानिक ऑटोहॉन एवं स्ट्रासमैन द्वारा 1939 ई. में की गई। जब किसी अस्थाई भारी नाभिक पर उच्च उर्जा वाले न्यूट्रान की बमबारी की विभक्त हो जाता है। इस प्रक्रिया को 'नाभिकीय विखंडन' कह आजाता है। विखंडन में उत्पन्न न्युट्रानों क मन्दकों द्वारा अवशोषण किया जाता है, फलत: श्रृंखला अभिक्रिया नियंत्रित हो जाती है। नाभिकीय रिएक्टर में इसी सिद्धांत का पालन किया जाता है। नाभिकीय विखंडन का उपयोग परमाणु बम बनाने में भी किया जाता है।

व्याख्या: जरकोनियम (Zirconium) एक रासायनिक तत्व है जो आवर्त सारणी के चतुर्थ अंतवर्ती समूह (transition group) का तत्व है। इस तत्व के पाँच स्थिर समस्थानिक पाये जाते हैं, जिनका परमाणु भार 90, 91, 92, 94, 96 है। कुछ अन्य रेडियधर्मी समस्थानिक जैसे परमाणु भार 89 भी कृत्रिम साधनों से निर्मित किए गए हैं।

व्याख्या: अल्फा (α) कण मुख्यत हीलियम-नाभिक होते हैं। इनकी संरचना दो प्रोटानो व दो न्यूट्रानों के द्वारा होती हैं। रेडियो धर्मिता में ये कण नाभिक से उत्सर्जित होते हैं।

व्याख्या: रिएक्टर में मॉडरेटर (संलयन प्रक्रिया में न्यूट्रॉनों की बौछार को कम करने के लिए) के रूप में हेवी वाटर और ग्रेफाइट का इस्तेमाल किया जता है। रिएक्शन की दर कम करने के कैडमियम और बोरॉन की कंट्रोल राड का इस्तेमाल किया जता है।

व्याख्या: न्यूक्लियर रिएक्टर एक विशेष प्रकार की भट्टी है जिसमें युरेनियम - 235 का नियंत्रित नाभिकीय विखंडन कराया जाता है और विखंडन से निर्मुक्त उर्जा पूर्ण नियंत्रण में रखी जाती है।

व्याख्या: नाभिकीय अभिक्रिया साधारण ताप व दाब पर सम्भव नहीं हैं क्योंकि जब संलयित होने वाले धन आवेशित नाभिक एक दूसरे के समीप आते हैं तो उनके बीच प्रबल वैद्युत प्रतिकर्षण बल कार्य करता है। इस प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध संलयित होने के लिए नाभिकों की गतिज उर्जा बहुत अधिक होनी चाहिए जिसके लिए अति उच्चताप (108K) तथा अति उच्च दाब की आवश्यकता होती है। इसी कारण इस अभिक्रिया को ताप नाभिकीय अभिक्रिया कहते हैं। इतना उच्चताप सूर्य पर सम्भव है या तो नाभिकीय विखंडन के दौरान उत्पन्न होता है।

व्याख्या: परमाणु भट्टी या नाभिकीय रिएक्टर के द्वारा उत्पादित नाभिकीय उर्जा का रचनात्मक कार्यों के प्रयोग में लाते हैं। इसमें नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया के द्वारा उर्जा उत्पन्न की जाती है। सबसे पहला परमाणु रिएक्टर प्रोफेसर फर्मी के निर्देशन में शिकागो विश्वविद्यालय में बनाया गया था। रिएक्टर में यूरेनियम (U235) या प्लूटोनियम (Pu293) को इंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।

व्याख्या: पृथ्वी की आयु के मापन की सर्वोत्तम विधि युरेनियम विधि है। कार्बन डेटिंग से पौधों की उम्र का पता लगाया जाता है। जैव तकनीक के द्वारा वनस्पति एवं जैविक तत्वों के उन्नतीकरण के लिए प्रयोग की जाने वाली तकनीक है।

व्याख्या: रेडियोएक्टिव पदार्थ के परमाणु का विखंडन सर्वप्रथम अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने किया था। परमाणु का विखंडन करने के बाद रदरफोर्ड ने रॉयल सोसाइटी के समक्ष भाषण देते हुए कहा था कि मनुष्य को नाभिकीय उर्जा कभी बी प्राप्त नहीं होगी क्योकि रदरफोर्ड को यह विशवास था कि आइंस्टीन द्वारा प्रस्तुत किया गया द्रव्य को उर्जा में परिवर्तित किए जाने का समीकरण (E=MC2) फेल हो जाएगा और पदार्थ की मात्रा को उर्जा में परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा। रदरफोर्ड द्वारा की गई यह भविष्यवाणी बाद में गलत साबित हो गई तथा परमाणुओं के विखंडन से उर्जा की प्राप्ति का सपना साकार हो गया।

व्याख्या: कलपक्कम में वर्ष 1985 से फ़ास्ट ब्रीडर रिएक्टर का परिचालन किया जा रहा है। इस रिएक्टर में प्लूटोनियम और यूरेनियम मिश्रित कार्बाइड ईंधन का प्रयोग तथा द्रवित या गलित सोडियम का प्रयोग शीतलक के रूप में किया जाता है।

कलपक्कम के फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर में कूलेंट अथवा शीतलक के रूप में गलित सोडियम का प्रयोग किया जाता है, जबकि भारी पानी माडरेटर अथवा मंदक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

तरल धातु शीतलन प्रणाली का उपयोग करने वाले तेज़ प्रजनकों के लिए, सोडियम चयनित शीतलक है क्योंकि यह कॉम्पैक्ट रिएक्टर कोर से गर्मी को प्रभावी ढंग से हटा सकता है और काफी व्यापक तापमान सीमा पर तरल अवस्था में रहता है।

व्याख्या: भारी जल का मुख्य उपयोग नाभिकीय संयन्त्रों में होने वाली नाभिकीय विघटन क्रियाओं के दौरान उत्पन्न न्यूट्रॉन को अवशोषित करने के लिये मंदक के रूप में होता है। जिससे की नाभिकीय ऊर्जा का नियन्त्रित उत्पादन और शान्तिपूर्ण उपयोग किया जा सके।

व्याख्या: आइंस्टीन द्वारा प्रतिपादित द्रव्यमान-ऊर्जा का सम्बन्ध (E = mc2) सापेक्षता का सामान्य सिद्धान्त है।

व्याख्या: परमाणु बम के विस्फोट में भारी मात्रा में ऊर्जा द्रव्य का ऊर्जा में परिवर्तन के कारण निकलती है।


Correct Answers:

CLOSE
0/20
Incorrect Answer..!
Correct Answer..!
Previous Post Next Post
If you find any error or want to give any suggestion, please write to us via Feedback form.