ध्वनि तरंग ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर व्याख्या सहित | Sound wave GK Quiz (Set-3)

ध्वनि तरंग (Sound wave) से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC के लिए महत्वपूर्ण है।

ध्वनि तरंग समान्य ज्ञान

व्याख्या: स्टेथोस्कोप ध्वनि परावर्तन के नियमों पर कार्य करता है। कंपन के कारण डायाफ्राम में कंपन होती है। ध्वनि होने पर डायाफ्राम में कम्पन होती है। ये उच्च-आवृत्ति ध्वनियाँ खोखले प्लास्टिक टयूबिंग से खोखले धातु के इयरपीस के माध्यम से डॉक्टर के कानों तक जाती हैं।

व्याख्या: माध्यम के घनत्व में वृद्धि के साथ ध्वनि की गति कम हो जाती है। वहीं अधिकाँश लोग इसके विपरीत सोचते है। आर्द्र वायु का मतलब यह है की आक्सीजन और नाइट्रोजन के कुछ अणुओं को जल के अणुओं से बदल दिया जाता है जिससे वायु का औसत घनत्व कम हो जाता है। इससे ध्वनि की गति बढ़ जाती है।

व्याख्या: रात्रि दृष्टि उपकरण में अवरक्त तरंगों का प्रयोग किया जाता है। इनके तरंगदैधर्य का परिसर 7.8 x 10-7 मीटर से लेकर 10-3 मी. तक होता है। ये तरंगें पदार्थों को उच्च ताप पर गर्म करने पर निकलती है। इनका उपयोग अस्पतालों में रोगियों की सिकाई करने एवं कुहरे में फ़ोटोग्राफ़ी करने में भी किया जाता है।

व्याख्या: विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की गति भिन्न होती है। किसी माध्यम में ध्वनि की चाल माध्यम की प्रत्यास्थता तथा घनत्व पर निर्भर करती है। ध्वनि की चाल सबसे अधिक ठोस में , उसके बाद द्रव में और उसके बाद गैस में होती है। ताप के बढ़ने से ध्वनि की गति बढ़ जाती है।

व्याख्या: किसी तरल माध्यम (Liquid/Gas ) में किसी ऑब्जेक्ट की गति को ध्वनि की गति से तुलना करने के लिए मैक संख्या का उपयोग किया जाता है। मैक संख्या, उस तरल माध्यम में किसी ऑब्जेक्ट की गति और उसी माध्यम में ध्वनि की गति का अनुपात है।

  • मैक संख्या = वायुयान की चाल / ध्वनि की चाल
  • 2 = वायुयान की चाल / 332
  • वायुयान की चाल = 2 x 332 = 664 मी./से

व्याख्या: जैव पध्दति में पराश्रव्य ध्वनि का उपयोग सोनोग्राफी में किया जाता है। पराश्रव्य तरंगों के अन्य उपयोग:

  • संकेत भेजने में
  • समुद्र की गहराई का पता लगाने में
  • गठिया रोग के उपचार में
  • मस्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने में

व्याख्या: सोनार जो ध्वनि तरंगों की पहचान तथा ऋजुरेखन के लिए प्रयुक्त होता है। सोनार में पराश्रव्य ध्वनि द्वारा समुद्र में गहराई में डूबी वस्तुओं का पता लगाया जाता है।

व्याख्या: पराध्वनिक विमान पराश्रव्य तरंग नामक एक प्रघाती तरंग पैदा करते है। पराश्रव्य तरंग की आवृति बहुत ऊंची होने के कारण इसमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है।

व्याख्या: मनुष्यों के लिए एक मानक ध्वनि स्तर 60db है। 75 db से ऊपर की ध्वनि को मानव स्वास्थय के लिए हानिकारक माना है। 150db की ध्वनि मनुष्य को पागल बना सकती है।

व्याख्या: समुद्र की गहराई मापने के लिए सोनार का प्रयोग करते है। निमग्न वस्तुओं का पता लगाने के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले उपकरण को सोनार कहते है।

व्याख्या: मेघ गर्जना सुनने पर व्यक्ति अपना मुंह खोलता है जिससे कि दोनों कानों के कर्णपटल पर वायु के दाब को बराबर करने के लिए होता है।

व्याख्या: जब ध्वनि तरंग किसी माध्यम से संचरित होती है तो माध्यम का घनत्व किसी अधिकतम तथा न्यूनतम मान के बीच बदलता है। घनत्व के अधिकतम मान से न्यूनतम मान तक परिवर्तन और पुन: अधिकतम मान तक आने पर एक दोलन पूरा होता है। एकांक समय में इन दोलनों की कुल संख्या ध्वनि तरंग की आवृति कहलाती है। ध्वनि का एस आई मात्रक हर्ट्ज है।

व्याख्या: किसी संगीत यंत्र की ध्वनि तीव्रता डेसीबल में मापी जाती है। चालकता का मात्रक म्हो तथा स्वप्रेरण का मात्रक हेनरी होता है। प्रदीपन का मात्रक लक्स होता है।


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