परमाणु संरचना ऑब्जेक्टिव प्रश्न | Atomic structure GK Quiz (Set-3)

परमाणु संरचना (Atomic structure) से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC के लिए महत्वपूर्ण है।

परमाणु संरचना समान्य ज्ञान

व्याख्या: किसी परमाणु की परमाणु संख्या Z है तथा उसकी द्रव्यमान संख्या M है, तो इसके नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या M-Z होगी।

व्याख्या: क्लोरीन (Cl, 'फीका हरा') जिसकी परमाणु संख्या होती १७ है। ऋणात्मक आयन क्लोराइड के रूप में यह साधारण नमक में उपस्थित होती है और सागर के जल में घुले लवण में प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। सामान्य तापमान और दाब पर क्लोरीन (Cl2 या "डाईक्लोरीन") गैस के रूप में पायी जाती है।

परमाणु की द्रव्यमान संख्या नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या के योग के बराबर होती है अर्थात 35-17 = 18

व्याख्या: आणविक भौतिकी एवं परिमाण रासायनिकी (प्रमात्रा रासायनिकी) में किसी अणु, परमाणु या किसी अन्य भौतिक संरचना में इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था को इलेक्ट्रॉन विन्यास (electron configuaration) कहते हैं। इलेक्ट्रॉन विन्यास में इलेक्ट्रॉन को किसी परमाणु या आण्विक प्रणाली में वितरित करने का तरीका दिया गया होता है। उदाहरण के लिए, नियान का इलेक्ट्र्रॉनिक विन्यास यह है- 1s2 2s2 2p6.

व्याख्या: परमाणु संख्या 20 वाले तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 8, 2 है। परमाणु संख्या 20 वाला तत्व कैल्सियम, Ca है।

व्याख्या: परमाणु संख्या 21 से 30, 39 से 48, 57 से 80 और 89 से 112 वाले रासायनिक तत्त्व संक्रमण तत्व (transition elements/ट्राँज़िशन एलिमेंट्स) कहलाते हैं। चूँकि ये सभी तत्त्व धातुएँ हैं, इसलिये इनको संक्रमण धातु भी कहते हैं। इनका यह नाम आवर्त सारणी में उनके स्थान के कारण पड़ा है, क्योंकि प्रत्येक पिरियड में इन तत्त्वों के d ऑर्बिटल में इलेक्ट्रान भरते हैं और 'संक्रमण' होता है।

आईयूपीएसी (IUPAC) ने इनकी परिभाषा यह दी है- वे तत्त्व जिनका d उपकक्षा अंशतः भरी हो। इस परिभाषा के अनुसार, जस्ता समूह के तत्त्व संक्रमण तत्त्व नहीं हैं क्योंकि उनकी संरचना d10 है।

व्याख्या: इलेक्ट्रॉन विन्यास (2,8,3) वाला तत्व एल्यूमिनियम है क्योंकि इसका परमाणु क्रमांक 13 है। आवर्त सारणी में समूह 13 को बोरॉन समूह के रूप में जाना जाता है और इस समूह के सभी तत्वों में वैलेंस परतों में तीन इलेक्ट्रॉन होते हैं।

व्याख्या: सोडियम के परमाणु के पास कुल 11 इलेक्ट्रॉन्स होते है | इस प्रकार उसमे पहले दो काक्ष क्रमश: दो और आठ इलेक्ट्रॉन्स से पुरे भर जाते है और ग्यारहवा इलेक्ट्रान तीसरी कक्ष में भरता है | इस प्रकार सोडियम परमाणु की इलेक्ट्रॉनिक संरचना ( 2, 8, 1 ) होती है।

व्याख्या: जब कोई इलेक्ट्रॉन उच्च कक्षा से निम्न कक्षा में जाता है, तो उर्जा का उत्सर्जन होता है

व्याख्या: किसी परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है, तो इसमे संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 है

व्याख्या: एक परमाणु में 19 प्रोटॉन तथा 20 न्यूट्रॉन है, तो इसकी द्रव्यमान संख्या 39 होगी।

व्याख्या: तत्व A की परमाणु संख्या 13 है, तो इसमे संयोजी इलेक्ट्रॉन 3 होंगे।

व्याख्या: स्थाई नाभिक (हल्का A < 10 के साथ) में न्यूट्रॉन और प्रोटॉन के समान संख्या होती है

व्याख्या: हुण्ड का नियम हुण्ड के नियम (Hund's Rule) के अनुसार, किसी भी कक्षक (ऑर्बिटल) के उपकक्षक में इलेक्ट्रॉन पहले एक एक कर भरते हैं, ततपश्चात ही उसका जोड़ा बनना प्रारम्भ होता है। पूर्ण रूप से आधा भरा हुआ या पूरा भरा हुआ ऑर्बिटल पूर्ण रूप से आधे भरे हुए या पूरा भरे हुए ऑर्बिटल से अधिक स्थाई होता है।

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व्याख्या: अनिश्चितता के सिद्धांत का प्रतिपादन हाइजेनबर्ग ने किया था जबकि सापेक्षता के सिद्धांत का प्रतिपादन आइन्सटीन ने, आवर्त्त सारणी का संबंध रदरफ़ोर्ड से है।

अनिश्चितता सिद्धान्त (Uncertainty principle) की व्युत्पत्ति हाइजनबर्ग ने क्वाण्टम यान्त्रिकी के व्यापक नियमों से सन् 1927 ई. में दी थी। इस सिद्धान्त के अनुसार किसी गतिमान कण की स्थिति और संवेग को एक साथ एकदम ठीक-ठीक नहीं मापा जा सकता।

व्याख्या: हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत क्या है? यदि कण की स्थिति में अनिश्चितता को कम किया जाए तो संवेग की अनिश्चितता बढ़ जाती है क्योंकि दोनों के गुणनफल का मान h/4π के बराबर होता है।

व्याख्या: रदरफोर्ड ने यह निष्कर्ष निकाले -
परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त या खोखला होता है।
कुछ ही अल्फा कण प्रतिकर्षण बल के कारण विक्षेपित हुए। इससे यह पता चलता है कि परमाणु के मध्य धनावेशित भाग पाया जाता है।
रदरफोर्ड ने गणना करके दिखाया कि नाभिक का आयतन परमाणु के कुल आयतन की तुलना ने नगण्य है। परमाणु की त्रिज्या लगभग 10−10 होती है व नाभिक की त्रिज्या 10−15 होती है।
परमाणु का धनावेश व द्रव्यमान एक अति अल्प क्षेत्र में केन्द्रित होता है। रदरफोर्ड ने इसे 'नाभिक' कहा।
रदरफोर्ड ने कहा कि नाभिक के चारो ओर इलेक्ट्रॉन वृत्ताकार कक्षाओ में जिन्हे कक्षा कहा गया। इन कक्षाओ में इलेक्ट्रॉन बहुत तेजी से घूमते हैं। इसलिए यह परमाणु मॉडल सौरमंडल से मिलता-जुलता है, जिसमे सूर्य नाभिक होता है और ग्रह गतिमान इलेक्ट्रॉन की तरह होते हैं।
इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण के स्थिर वैधयुत बलो द्वारा बंधे रहते हैं।

व्याख्या: रॉबर्ट एंड्रयूज मिलिकन (22 मार्च, 1868 - 19 दिसंबर, 1953) एक अमेरिकी प्रायोगिक भौतिक विज्ञानी थे, जिन्हें 1923 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, प्राथमिक विद्युत प्रभार के मापन के लिए और प्रकाश प्रभाव पर उनके काम के लिए।

व्याख्या: मेसॉन (mason):- वे सभी कण जो एक क्वार्क व एक एन्टी-क्वार्क से मिलकर बनते हैं मेसॉन कहलाते हैं। ब्रह्माण्ड में 140 से अधिक मेसॉन का अस्तित्व है। इनका सांख्यिकीय व्यवहार बोसॉन होता है।


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