परमाणु संरचना ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर व्याख्या सहित | Atomic structure GK Quiz (Set-2)

परमाणु संरचना (Atomic structure) से ऑब्जेक्टिव प्रश्न एवं उत्तर विस्तृत समाधान के साथ, जो प्रतियोगी परीक्षा जैसे बैंकिंग, SSC, रेलवे, UPSC, State PSC के लिए महत्वपूर्ण है।

परमाणु संरचना समान्य ज्ञान

व्याख्या: डॉल्टन के परमाणु सिद्धांत के अनुसार परमाणु सबसे छोटा कण स्वतन्त्र रूप से रह सकता है।

व्याख्या: किसी तत्व के रासायनिक गुण उस तत्व की परमाणु संख्या पर निर्भर करते हैं। रासायनिक गुण इलेक्ट्रॉनों की संख्या और उस तत्व के अणु की संयोजन क्षमता के विन्यास पर निर्भर करते हैं।

व्याख्या: किसी परमाणु के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या (mass number) कहते हैं। द्रव्यमान संख्या को A से निरूपित किया जाता है। इसे 'परमाणु द्रव्यमान संख्या' या 'न्युक्लिऑन संख्या' भी कहते हैं।

व्याख्या: सामान्यतः नाभिक की पहचान परमाणु संख्या Z (प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या N और द्रव्यमान संख्या A(प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है जहाँ A = Z + N। नाभिक के व्यास की परास "फर्मी" के कोटि की होती है। न्यूट्रॉन की संख्या=A-Z होता है।

व्याख्या: न्यूट्रॉन में विद्युत आवेश नहीं होता है, और द्रव्यमान काफी छोटा होता है, हालांकि शून्य नहीं होता है। उनका द्रव्यमान उप-परमाणु कणों के मानकों से भी छोटा है। वे विद्युत रूप से तटस्थ हैं, अर्ध-पूर्णांक स्पिन के साथ प्राथमिक उप-परमाणु कणों को कमजोर रूप से इंटरेक्ट करते हैं।

व्याख्या: अल्फा (α) कण मुख्यत हीलियम-नाभिक होते हैं। इनकी संरचना दो प्रोटानो व दो न्यूट्रानों के द्वारा होती हैं। रेडियो धर्मिता में ये कण नाभिक से उत्सर्जित होते हैं।

व्याख्या: नाभिक की आधुनिक अवधारणा सबसे पहले रदरफोर्ड ने सन 1912 में प्रतिपादित की।

व्याख्या: कार्बन-12 कार्बन के प्रचुर उपलब्ध दो स्थिर समस्थानिकों में से एक है। यह कुल प्रांगार मात्रा का 98.9% है। इसके नाभि में 6 प्रोटोन और 6 न्यूट्रॉन हैं। इनके बाहर 6 इलेक्ट्रॉन रहते हैं।

व्याख्या: पाजीट्रोन (e+) या पोजीटिव इलेक्ट्रोन (धन आवेश युक्त इलेक्ट्रोन) परमाणु में पाया जाने वाला एक मौलिक कण है। यह धन आवेश युक्त इलेक्ट्रोन है। इसके गुण इलेक्ट्रोन के समान होते किन्तु दोनो में अंतर यह है कि इलेक्ट्रोन ऋण आवेश युक्त कण है तथा पोजीट्रोन धन आवेश युक्त कण है।

व्याख्या: किसी परमाणु के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या (mass number) कहते हैं। द्रव्यमान संख्या को A से निरूपित किया जाता है। इसे 'परमाणु द्रव्यमान संख्या' या 'न्युक्लिऑन संख्या' भी कहते हैं। द्रव्यमान संख्या से ही परमाणु का द्रव्यमान निर्धारित होता है (क्योंकि इलेक्ट्रानों का द्रव्यमान अपेक्षाकृत नगण्य होता है।)

व्याख्या: जॉन डाल्टन (6 सितंबर, 1766 - 7 जुलाई, 1844) एक अंग्रेज़ वैज्ञानिक थे। इन्होंने पदार्थ की रचना सम्बन्धी सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जो 'डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त' के नाम से प्रचलित है।

व्याख्या: पाउली का अपवर्जन का नियम (Pauli exclusion principle) क्वाण्टम यांत्रिकी का एक सिद्धान्त है, जिसे सन् 1925 में वुल्फगांग पाउली ने प्रतिपादित किया था। (अपवर्जन का अर्थ होता है - छोड़ना, अलग नियम लागू होना, आदि।) इस सिद्धान्त के अनुसार- 'कोई भी दो समान फर्मिऑन (fermions), एक ही समय में, एक समान प्रमात्रा स्थिति (quantum state) में नहीं रह सकते।'

व्याख्या: वह संख्या, जो इलेक्ट्रॉन - कक्षा तल की स्थिति को प्रकट करती है, चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या कहलाती है। इसे (m) से प्रदर्शित करते हैं तथा यह दिगंशी क्वाण्टम (l) पर निर्भर करती है, इसके मान -l से +l तक होते हैं, जबकि कुल मान = 2l+1 होते हैं।

व्याख्या: किसी तत्व के रासायनिक गुण इलेट्रॉनों की संख्या तय करता है।

व्याख्या: बोर बरी स्कीम के अनुसार किसी भी तत्व के परमाणु की बाहरी कक्षा में अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन ही हो सकते हैं। किसी परमाणु की सबसे बाहरी कक्ष में मौजूद इलेक्ट्रॉनों की संख्या को संयोजन क्षमता कहा जाता है। जैसा कि प्रत्येक परमाणु अष्टक विन्यास (सबसे बाहरी कक्ष में 8 इलेक्ट्रॉन) तक पहुँचने की कोशिश करता है और इस तरह एक पूर्ण बाहरी शैल होता है।

व्याख्या: एक परमाणु में 9 इलेक्ट्रॉन तथा 10 न्यूट्रॉन है, उसकी द्रव्यमान संख्या 19 होगी।

व्याख्या: रेडियम (Radium) जिसे रेडियम क्लोराइड (Radium chloride) के रूप में जाना जाता है। इसकी खोज मैरी क्यूरी (Marle curle) और पियरे क्यूरी (Pierre Curle) ने 1898 में की थी।

  • रेडियम का परमाणु क्रमांक = 88
  • रेडियम का परमाणु भार = 226
  • ∴ प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 88
  • तथा न्यूट्रॉनों की संख्या = परमाणु भार - परमाणु क्रमांक
  • 226 - 88 = 138 न्यूट्रॉन

व्याख्या: किसी तत्व के परमाणु में प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या कहते हैं। इसे A द्वारा निरूपित किया जाता है।

  • द्रव्यमान संख्या (A) = p+n

हीलियम दो इलेक्ट्रॉन, दो प्रोटॉन और आमतौर पर दो न्यूट्रॉन से बना होता है। हीलियम एक परमाणु है जिसकी परमाणु संख्या 2 है और जिसकी द्रव्यमान संख्या 4 है। हीलियम एक रंगहीन, गंधहीन, अक्रिय गैस है। यह ब्रह्मांड में दूसरा सबसे प्रचुर तत्व है। 1868 में फ्रैंकलैंड और लॉकयर द्वारा हीलियम की खोज की गई थी।

व्याख्या: एलुमिनियम के अतिरिक्त सोडियम, मैग्नीशियम, सिलिकॉन इत्यादि अन्य परमाणु भी हैं जिनमें तीन कक्षाएँ होती हैं।
एलुमिनियम (Al) की परमाणु संख्या = 13
एलुमिनियम (Al) में इलेक्ट्रॉन की संख्यां = 13
चूँकि प्रथम कक्षा (K) में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या = 2
तथा दूसरी कक्षा (L) में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या = 8
तथा एलुमिनियम (Al) में इलेक्ट्रॉन की संख्या 13 है, अत: एलुमिनियम (Al) में 3 इलेक्ट्रॉन तीसरी कक्षा (M) में जायेगी।
तीसरी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की अधिकतम संख्या
यहाँ n=3 (अर्थात कक्षा संख्या = 3 या M)
2n2
=2 x 32 = 2 x 9 = 18
अर्थात तीसरी कक्षा (M) में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या = 18


Correct Answers:

CLOSE
0/20
Incorrect Answer..!
Correct Answer..!
Previous Post Next Post
If you find any error or want to give any suggestion, please write to us via Feedback form.