भारतीय संविधान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य और जानकारी - Samvidhan GK

संविधान का अर्थ क्या हैं?

संविधान सरकर के संचालन के लिए लिखिए या अलिखित नियमों, सिद्धांतों, नीतियों तथा कार्यक्रमों के उन संग्रह को कहा जाता हैं, जो सरकार की बनावट, ढांचा, संगठन, योजना तथा स्वरूप का निर्धारण करता हैं।

भारतीय संविधान का इतिहास

इसमें भारतीय संविधान सभा का गठन, संविधान सभा की बैठक, प्रारूप समिति का गठन, संविधान प्रारूप की स्वीकृति, संविधान पूर्णतः लागू, से सम्बंधित कुछ तथ्य के बारे में जानेंगे।

संविधान सभा का गठन
संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन की सिफारिश पर किया गया था जिसने 1946 मे भारत का दौरा किया। कैबिनेट मिशन, ब्रिटिश सरकार द्वारा भेजा गया था।
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन हाल में हुई थी। कॉन्स्टिट्यूशन हाल को अब संसद भवन के केंद्रीय कक्ष के नाम से जाना जाता हैं।
श्री सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किए गए थे।
संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई। इसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष चुने गए।
संविधान सभा की तीसरी बैठक 13 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें पं. जवाहरलाल नेहरू ने 'उद्देश्य प्रस्ताव' पेश किये थे।
भारत के विभाजन के बाद संविधान सभा में सदस्यों की संख्या 299 रह गई। 229 सदस्य भारतीय प्रांतों से 70 सदस्य देशी रियासतों से थे।
बी.एन. राउ, जो कि संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे, ने अक्टूबर 1947 में भारतीय संविधान का प्रारंभिक प्रारूप तैयार किया। जिसमें 240 भाग और 13 अनुसूचियां थीं।
प्रारूप समिति का गठन
29 अगस्त 1947 को संविधान सभा द्वारा एक प्रारूप समिति का गठन किया गया। डॉ. भीमराव अम्बेदकर, प्रारूप समिति के अध्यक्ष बनाए गए।
प्रारूप समिति के सदस्यों की संख्या 7 थी। प्रारूप समिति की पहली बैठक 30 अगस्त 1947 को हुई।
4 नवम्बर 1948 को संविधान सभा में संविधान का प्रारूप डॉ. भीमराव अम्बेदकर ने पेश किये।
संविधान के प्रारूप पर 114 दिन बहस हुई।
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, जिन्हें संविधान के निर्माण में अपार योगदान देने के कारण संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है।
संविधान के प्रारूप को ड्राफ्ट, मसौदा के नाम से भी जाना जाता हैं।
संविधान के प्रारूप की स्वीकृति
अनेक संशोधनों के पश्चात, 26 नवम्बर 1949 को संविधान अंतिम रूप से स्वीकार कर लिया गया।
26 नवम्बर को संविधान दिवस या राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में जाना जाता है। भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया जाता है।
संविधान सभा की अंतिम बैठक
संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 को हुई। जिसमें 'भारत का संविधान' (395 अनुच्छेदों, 8 अनुसूची, 22 भागों के साथ) पर हस्ताक्षर किए गए।
संविधान पूर्ण रूप से लागू
26 जनवरी 1950 को संविधान देश में पूर्ण रूप से लागू हुआ। तत्पश्चात भारत गणतंत्र बन गया।
इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है और प्रथम गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया।
संविधान सभा को स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का प्रारूप तैयार करने का ऐतिहासिक कार्य पूरा करने में लगभग 3 साल (2 साल 11 महीने और 17 दिन) लग गए।

संविधान की मुख्य तिथियां

तिथिटिप्पणी
6 दिसम्बर 1946संविधान सभा का स्थापना।
9 दिसम्बर 1946संविधान सभा की पहली बैठक।
11 दिसम्बर 1946डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष बने।
22 जुलाई 1947संविधान सभा ने तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया।
29 अगस्त 1947प्रारूप या मसौदा समिति बनी, जिसके अध्यक्ष डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर बनाए गए।
26 नवम्बर 1949संविधान सभा ने भारतीय संविधान की स्वीकृति और उसके कुछ धाराओं को लागू भी किया गया।
24 जनवरी 1950संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई, जिसमें संविधान पर हस्ताक्षर करके उसे मान्यता दी।
26 जनवरी 1950सम्पूर्ण भारतीय संविधान लागू हुआ।
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